बेटी नंबरी, बाप दस नंबरी! गोल्ड स्मगलिंग में फंसी रान्या राव के पुलिस ऑफिसर पिता का हवाला में आ चुका है नाम

एक्ट्रेस रान्या राव के सौतेले पिता एक दशक पहले जांच के दायरे में आए थे, जब एक व्यवसायी द्वारा बस से 2 करोड़ रुपये लूटे जाने की शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद हवाला धन से जुड़े एक मामले में उनका तबादला कर दिया गया था.

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Ranya Rao Controversy: कन्नड़ एक्ट्रेस रान्या राव इन दिनों सोने की तस्करी को लेकर चर्चा में बनी हुई है. अब एक्ट्रेस के सौतेले पिता IPS अधिकारी पुलिस महानिदेशक (कर्नाटक राज्य पुलिस आवास निगम) रामचंद्र राव ने सोने की तस्करी के मामले में रान्या की गिरफ्तारी पर आश्चर्य और निराशा व्यक्त की और दावा किया कि उनके करियर में कभी कोई काला धब्बा नहीं रहा. हालांकि, उनका पिछला रिकॉर्ड कुछ और ही बताता है. 

मीडिया रिपोर्टर्स के बातचीत करते हुए रामचंद्र राव ने कहा, 'कानून अपना काम करेगा. मेरे करियर पर कोई काला धब्बा नहीं है.' उन्होंने आगे कहा कि  रान्या की तस्करी मामले के बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी और उन्हें गिरफ्तारी के बारे में केवल मीडिया रिपोर्टों के माध्यम से पता चला. 

'मैं भी हैरान था...'

उन्होंने कहा, 'जब मीडिया के माध्यम से ऐसी घटना मेरे संज्ञान में आई तो मैं भी हैरान और हताश हो गया, मुझे इनमें से किसी भी चीज की जानकारी नहीं थी, किसी भी अन्य पिता की तरह मैं भी हैरान था. वह हमारे साथ नहीं रह रही है, वह अपने पति के साथ अलग रह रही है, कुछ पारिवारिक मुद्दों के कारण उनके बीच कुछ समस्या होनी चाहिए.'

हवाला कांड में फंसे रामचंद्र राव

हालांकि, रामचंद्र राव का अपना करियर विवादों से भरा रहा है. 2014 में, मैसूर के दक्षिणी रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के पद पर रहते हुए, वे एक बड़े हवाला कांड में उलझ गए. पुलिस ने हवाला के पैसे ले जा रही एक बस को रोका और उसमें से 20 लाख रुपये जब्त किए.  बाद में केरल के एक व्यवसायी ने पुलिस पर अतिरिक्त पैसे हड़पने का आरोप लगाया.

सीआईडी ने हाथ में लिया था मामला

व्यवसायी ने मैसूर के येलवाल इलाके में केरल जा रही एक बस से 2.07 करोड़ रुपये लूटने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया. अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने मामले को अपने हाथ में ले लिया और जांच के दौरान पुलिस के मुखबिरों और यहां तक ​​कि रामचंद्र राव के निजी गनमैन को भी गिरफ्तार किया गया.

फिर मुश्किल में पड़े थे रामचंद्र राव

जिसके बाद, उन्हें दक्षिणी रेंज के आईजीपी के पद से हटा दिया गया और मुख्यालय में फिर से नियुक्त किया गया. दो साल बाद, रामचंद्र राव फिर से मुश्किल में पड़ गए. सीआईडी ​​ने उनसे और एक अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी से फर्जी मुठभेड़ के सिलसिले में गैंगस्टर धर्मराज और गंगाधर चड़चना की मौत के बारे में पूछताछ की.