Happy Birthday Rajinikanth: जहां शोहरत आती है, वहां विवाद भी आते हैं. अभिनेता रजनीकांत तमिल सिनेमा के सबसे वरिष्ठ और शीर्ष अभिनेताओं में से एक हैं. अभिनेता जो कुछ भी करते हैं वह ट्रेंडिंग न्यूज बन जाता है. करीब तीन दशक से स्टार बने इस अभिनेता को कई विवादों का सामना करना पड़ा है.
पिछले करीब 10 सालों से उनके राजनीति में आने की कई लोगों ने आलोचना की है और हाल के दिनों में उनके हर बयान की आलोचना हुई है और विवाद भी हुआ है. आइए कुछ हालिया विवादों पर नजर डालें जिनका सामना इस दिग्गज अभिनेता को निजी और पेशेवर जीवन में करना पड़ा.
रजनीकांत के 63वें जन्मदिन के अवसर पर, रजनीकांत के प्रशंसकों ने पूरे तमिलनाडु में बहुत सारे बैनर और पोस्टर लगाए. TOI की रिपोर्ट के अनुसार , एक पोस्टर विवाद का विषय बन गया क्योंकि इसे इस तरह से डिजाइन किया गया था जैसे कि हिंदू देवता, गणेश और विष्णु, वोट डालने के लिए कतार में खड़े हों. पोस्टर में तमिल में कुछ शब्द लिखे थे, जिसका अनुवाद इस प्रकार किया जा सकता है, 'यदि आप राजनीति में आते हैं तो देवता भी अपना वोट डालेंगे.' इस पर धार्मिक संगठन विश्व हिंदू परिषद का गुस्सा भड़क उठा और उन्होंने रजनी और उनके प्रशंसकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
कुछ साल पहले, तुगलक पत्रिका की 50वीं वर्षगांठ मनाने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया था. अभिनेता रजनीकांत ने उस कार्यक्रम में भाग लिया और कहा कि 1971 में, सलेम में, पेरियार ने एक रैली निकाली थी जिसमें भगवान श्री रामचंद्रमूर्ति और सीता की नग्न तस्वीरें - चप्पल की माला के साथ - दिखाई गई थीं और किसी भी समाचार आउटलेट ने इसे प्रकाशित नहीं किया. यह तब विवादास्पद हो गया जब चर्चाएं उठीं कि रजनी ने एक कहानी गढ़ी है. यह मामला तब गंभीर हो गया जब एक तमिल समर्थक समूह ने रजनीकांत के घर के सामने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई. लेकिन अभिनेता रजनीकांत अपने घर से समाचार की कतरनों की प्रतियां लेकर बाहर आए और कहा कि उन्होंने यह कहानी नहीं गढ़ी है.
रजनीकांत की लिंगा फिल्म साहित्यिक चोरी के मामले में तब फंसी जब एक महत्वाकांक्षी फिल्म निर्माता केवी रवि रथिनम ने अभिनेता और निर्देशक केएस रविकुमार के खिलाफ याचिका दायर की. केवी रवि रथिनम ने कहा कि लिंगा की कहानी उन्होंने अपनी फिल्म मुल्लई 999 के लिए लिखी थी. लेकिन रजनीकांत ने एक जवाबी याचिका दायर की जिसमें कहा गया कि लिंगा फिल्म श्री पोनकुमारन द्वारा लिखी गई कहानी पर आधारित थी. अपने हलफनामे में रजनीकांत ने याचिकाकर्ता पर आरोप लगाया कि उनकी फिल्म पर साहित्यिक चोरी के आरोप उनकी छवि को खराब करने के लिए लगाए गए हैं.
पिछले साल, रजनीकांत ने चेन्नई में अपने घर से दूसरे जिले में स्थित अपने फार्महाउस तक की यात्रा की एक तस्वीर साझा की थी. पिछले साल पूरे राज्य में लॉकडाउन था और ई-पास अनिवार्य कर दिया गया था. जब रजनीकांत ने कार चलाते हुए अपनी एक तस्वीर साझा की, तो कई लोगों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया कि क्या अभिनेता को अंतर-जिला यात्रा करने के लिए ई-पास मिला है. अभिनेता द्वारा इंटरनेट पर ई-पास साझा करने के बाद भी, लोगों ने सवाल उठाया कि क्या अभिनेता ने गलत जानकारी देकर अनुमति प्राप्त की है.
तूतीकोरिन गोलीबारी के बाद, अभिनेता रजनीकांत ने उस जगह का दौरा किया और तूतीकोरिन में स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शनों में घायल हुए लोगों से मुलाकात की. घटना के बारे में बोलते हुए, रजनीकांत ने उल्लेख किया कि कुछ असामाजिक तत्वों ने विरोध प्रदर्शन में घुसपैठ की. यह बयान विवादास्पद हो गया, और अभिनेता से इसके बारे में कई अन्य साक्षात्कारों में पूछा गया. उन्होंने यह भी कहा कि अगर हर मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन होने जा रहा है, तो तमिलनाडु कब्रिस्तान में बदल जाएगा. जब एक रिपोर्टर ने इस बयान के लिए स्पष्टीकरण मांगा तो वह अपना आपा खो बैठे और बाद में पत्रकारों पर निर्देशित गुस्से के लिए माफी मांगी.