भंसाली का दिल टूटा पर फिल्में सुपरहिट! गरीबी से शोहरत की बुलंदियों तक, पढ़ें फिल्मी कहानी

भारत सरकार द्वारा पद्म श्री से सम्मानित संजय लीला भंसाली एक मशहूर और सक्सेसफुल भारतीय फिल्म डायरेक्टर हैं, उनकी फिल्में अभिनेता प्रेम की तस्वीरें के लिए जानी जाती हैं. आगे पढ़ें, जानें क्यों?

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Sanjay Leela Bhansali Birthday: संजय लीला भंसाली का सफर एक सपने को हकीकत में बदलने जैसा है. गुजराती परिवार में जन्में, उन्होंने विधु विनोद चोपड़ा के साथ काम करके फिल्म जगत में कदम रखा.1996 में 'खामोशी' से निर्देशन की शुरुआत की, भले ही वो चली नहीं, उनकी प्रतिभा दिखी. फिर 'हम दिल दे चुके सनम' से उन्होंने भव्य प्रेम कहानियां बनाना शुरू किया.

'देवदास', 'बाजीराव मस्तानी', 'पद्मावत' और 'गंगूबाई काठियावाड़ी' जैसी फिल्मों ने उन्हें ऊंचाइयों पर पहुंचाया. उनके सेट, संगीत और कहानियां दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं. कई पुरस्कारों से सम्मानित, भंसाली ने अपनी कला से भारतीय सिनेमा को एक नया आयाम दिया है. उनके 62वें जन्मदिन के अवसर पर आइए नजर डालते हैं संजय लीला भंसाली की प्रेम कहानी और कुछ अधूरी बातें.

क्यों जुड़ा है वैभवी मर्चेंट का नाम संजय लीला भंसाली के साथ?

हाल ही में एक इंटरव्यू में संजय लीला भंसाली ने कहा कि वे अभी अकेले हैं और किसी पार्टनर की तलाश में हैं. भंसाली का नाम वैभवी मर्चेंट के साथ जुड़ा था, लेकिन ब्रेकअप के बाद उन्होंने न तो शादी की और न ही किसी से अफेयर किया. फिल्ममेकर और कोरियोग्राफर की मुलाकात 1999 में 'हम दिल दे चुके सनम' के सेट पर हुई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे 2008 में शादी करने वाले थे. इससे पहले वे सगाई भी कर चुके थे. लेकिन आपसी मतभेदों के चलते दोनों अलग हो गए. तब से संजय और वैभवी अविवाहित हैं.

कपड़े सिलने का काम करती थीं SLB की मां:

संजय लीला भंसाली का जन्म दक्षिण मुंबई के भुलेश्वर में एक गुजराती जैन परिवार में हुआ था. उनकी मां लीला घर चलाने के लिए कपड़े सिलती थीं. यही कारण है कि संजय अपने घर में गुजराती भाषा में बात करते हैं और उन्हें गुजराती खाना पसंद है. उनकी बहन बेला भंसाली सहगल भी एक निर्देशक हैं. उन्होंने "शिरीन फरहाद की तो निकल पड़ी" फिल्म बनाई है. इस फिल्म की कहानी संजय ने खुद लिखी थी.

डायरेक्टर होने के अलावा....

संजय लीला भंसाली सिर्फ फिल्में ही नहीं बनाते, बल्कि वे फिल्मों को बनाते भी हैं, उनकी कहानी लिखते हैं, काट-छांट करते हैं और संगीत भी देते हैं. वे सबसे सफल डायरेक्टर में से एक माने जाते हैं. उनके काम को देखते हुए, भारत सरकार ने उन्हें 2015 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित किया था. उन्हें पुराने समय की कहानियों पर आधारित फिल्में बनाने के लिए जाना जाता है.