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India Daily

'काम के लिए चुप रहना पड़ता है', बॉलीवुड की इस सुपरहिट एक्ट्रेस ने खोली फिल्म इंडस्ट्री की पोल, किया ऐसा खुलासा कि...

नुसरत भरुचा अपनी आगामी फिल्म छोरी 2 के साथ हॉरर में वापसी कर रही हैं. फिल्म के रिलीज से पहले एक्ट्रेस मीडिया के साथ एक इंटरव्यू के लिए बैठीं, जहां उन्होंने फिल्म इंडस्ट्री के कई अनसुने किस्से शेयर किए.

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Edited By: Babli Rautela
Nushrratt Bharuccha on Casual Sexism in Film World
Courtesy: Social Media

Nushrratt Bharuccha on Casual Sexism in Film World: एक्ट्रेस नुसरत भरुचा छोरी 2 के साथ हॉरर में वापसी कर रही हैं. फिल्म के पहले पार्ट को फैंस ने काफी पसंद किया था और दर्शकों से मिले-जुले रिएक्शन मिले थे, खासकर 21वीं सदी में हॉरर को सामाजिक बुराइयों के साथ मिलाने के लिए. सीक्वल की रिलीज से पहले, नुसरत ने फिल्म और इसके वास्तविक जीवन के समानांतरों के बारे में मीडिया से खुलकर बात की.

नुसरत कहती हैं कि हालांकि पहली फिल्म की सफलता सीक्वल के लिए एक बड़ी उम्मीद थी, लेकिन भाग 2 'स्वाभाविक रूप से' आया. एक्ट्रेस ने कहा, 'हम सभी कहानी के सबसे सच्चे रूप से जुड़े हुए हैं, जो इसे बताना चाहते हैं, न कि ऐसी जगह से जहां 'करते हैं भाग 2'. हममें से किसी में भी वह लालच नहीं है. जब आपके पास सही कारणों और इरादों के लिए रचनात्मक लोग होते हैं, तो फिल्म शुद्ध होती है.'

नुसरत ने बताया छोरी फ्रैंचाइज का मकसद

छोरी फ्रैंचाइज का एक बड़ा मकसद यह है कि यह फिल्मों में बुराई की प्रेरक शक्तियों के रूप में ऐसी चीजों को दिखाता है जहां पुरुषों की सत्ता और महिलाओं या लड़कियों के लिए नफरत या नापसंद होती है.

नुसरत कहती हैं कि उन्हें फिल्म में दिखाए गए लिंगवाद के वास्तविक दुनिया के समानांतर दिखाई देते हैं. इसके बारे में बात करते हुए एक्ट्रेस ने कहा कि वह बड़े मुद्दों को भी नहीं उठा सकती क्योंकि वे बहुत पहले से ही मौजूद हैं और रेखांकित किए गए हैं. जो उन्हें परेशान करते हैं, वे वे हैं जिन्हें हम सामान्य मानते हैं. हमने किसी महिला से कुछ कहना या किसी लड़की के साथ ऐसा व्यवहार करना ठीक कर दिया है. हमने किसी लड़की से यह कहना ठीक कर दिया है कि 'तुम्हें यह समझ में नहीं आएगा' या 'तुम्हारी राय मायने नहीं रखती'.

एक्ट्रेस ने कहा कि वह सिर्फ उन लोगों को नहीं समझती जो ऐसा कहते हैं, बल्कि बोलने वाले 5 हैं, बल्कि उनको मानने वाले 500 चैन हैं उनके लिए. रोजमर्रा की समस्याएं, आकस्मिक लिंगवाद ही सबसे बड़ी परेशानी है.

कैजुअल सेक्सिज्म से जूझने पर नुसरत

एक्ट्रेस ने कहा कि कैजुअल सेक्सिज्म के सामान्यीकरण के कारण, उन्हें इसके साथ ठीक रहना सीखने के लिए मजबूर होना पड़ा है. नुसरत ने कहा कि उनके पास इसे सहने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है. यह नया उत्पीड़न है. पुरानी प्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाने के लिए आंदोलन और आंदोलन होते हैं. लेकिन वह इन चीजों के खिलाफ अपनी राय भी नहीं रख सकतीं.

एक्ट्रेस ने कहा कि अगर मुझसे कहा जाता है कि 'आप यह सवाल नहीं पूछ सकते' या 'हमारे पास इसका जवाब नहीं है' या 'यह आपकी जगह नहीं है', तो ज्यादातर बार, काम की प्रकृति के कारण, ईमानदारी से, मुझे चुप रहना पड़ता है. यह परेशान करने या समस्याग्रस्त होने के बारे में नहीं है. मुझे दिखावा करना पड़ता है कि मैं आपकी दुनिया में सह-अस्तित्व के लिए इसके साथ ठीक हूं. यह एक काम है.