राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने यूट्यूबर रणवीर इलाहाबादिया और अन्य कंटेंट क्रिएटर्स के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें 17 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया है.
यह कार्रवाई उनके द्वारा कॉमेडी शो 'इंडियाज गॉट लैटेंट' पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के चलते की गई है.
एनसीडब्ल्यू ने इस विवादास्पद टिप्पणी को बेहद गंभीरता से लेते हुए कहा कि यह महिलाओं के प्रति अभद्रता को बढ़ावा देता है. आयोग ने इस मामले को लेकर सख्त चेतावनी जारी की और संबंधित सभी कंटेंट क्रिएटर्स को स्पष्टीकरण के लिए तलब किया.
आयोग ने खासतौर पर रणवीर इलाहाबादिया, समय रैना, अपूर्व मखीजा, जसप्रीत सिंह और आशीष चंचलानी के खिलाफ आपत्तिजनक और अश्लील टिप्पणियों को लेकर नाराजगी जताई है. इन सभी को 17 फरवरी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है.
एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि महिलाओं के प्रति अपमानजनक टिप्पणियों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. यदि इन कंटेंट क्रिएटर्स द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया जाता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.
सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर महिलाओं के प्रति आपत्तिजनक टिप्पणी आईटी अधिनियम 2000 और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत दंडनीय अपराध है. ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान है.
यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से चर्चा का विषय बन गया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 17 फरवरी को इन कंटेंट क्रिएटर्स की सफाई के बाद आयोग क्या फैसला लेता है.