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साथ शुरू हुआ करियर...शाहरुख के स्टारडम से जलते हैं मनोज बाजपेयी? एक्टर ने पुराने दिनों को किया याद

Manoj Bajpayee: एक्टर मनोज बाजपेयी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में शाहरुख खान के साथ अपने शुरुआती दिनों और उनकी सफलता के बारे में खुलकर बात की. एक्टर ने बैरी जॉन थिएटर ग्रुप से शुरू हुई उनकी जर्नी पर भी कई खुलासे किए.

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Edited By: Babli Rautela
Manoj Bajpayee
Courtesy: Social Media

Manoj Bajpayee: बॉलीवुड के मशहूर एक्टर मनोज बाजपेयी ने हाल ही में एक इंटरव्यू में शाहरुख खान के साथ अपने शुरुआती दिनों और उनकी सफलता के बारे में खुलकर बात की. दिल्ली के बैरी जॉन थिएटर ग्रुप से शुरू हुई उनकी जर्नी के दौरान दोनों ने अभिनय की बारीकियां सीखीं, लेकिन करियर के रास्ते और मंजिलें दोनों के लिए अलग-अलग रहीं.

शाहरुख के स्टारडम पर मनोज बाजपेयी का जवाब

अपने एक इंटरव्यू के दौरान मनोज बाजपेयी से पूछा गया कि क्या शाहरुख खान की सफलता से उन्हें जलन हुई. इसके जवाब में उन्होंने साफ किया कि शाहरुख खान का हमेशा से स्टारडम और तारीफ पाना ही लक्ष्य था, जबकि उनका फोकस सिर्फ कला और अभिनय पर था.

मनोज ने कहा, 'शाहरुख हमेशा से प्यार और ध्यान का केंद्र बनना चाहते थे. वह जानते थे कि वह एक बड़े स्टार बनेंगे. मेरा ऐसा कोई सपना नहीं था. मैं अपने थिएटर ग्रुप के 20 लोगों के बीच काम करने में खुश था. मुझे यह भी फर्क नहीं पड़ता था कि लोग मुझे नोटिस करें या नहीं. मुझे बस अपने काम से प्यार था.'

असफलता का आत्मविश्वास पर प्रभाव

जब बाजपेजी से पूछा गया की क्या शाहरुख खान की सफलता से उनके आत्मविश्वास पर कोई प्रभाव पड़ा? इस सवाल पर मनोज ने कहा कि असफलता से आत्मविश्वास टूट सकता है, लेकिन इसका कारण दूसरों की सफलता नहीं है. उन्होंने अपने संघर्षों और थिएटर में अपने शुरुआती दिनों को याद किया, जब बैरी जॉन ने उन्हें छोटे-छोटे किरदार देकर उन्हें आगे बढ़ने का मौका दिया था.

उन्होंने बताया, 'बैरी जॉन ने मुझे कभी मेरी अंग्रेजी न आने के कारण जज नहीं किया. उन्होंने मुझे ऐसे नाटकों में भी रोल दिए, जिनमें शाहरुख खान, दिव्या सेठ और ऋतुराज सिंह जैसे कलाकार थे.'

शाहरुख और मनोज: अलग रास्तों की कहानी

मनोज बाजपेयी ने अपने और शाहरुख के बीच के रिश्तों पर भी खुलकर बात की. उन्होंने कहा कि दोनों का दोस्ती का दायरा और सोच हमेशा अलग रही. उन्होंने कहा, 'शाहरुख एक खास दुनिया से थे. वह हमेशा लोगों के बीच रहते थे, आकर्षण का केंद्र बनते थे. जबकि मैं अपने छोटे से सर्कल में खुश था.'

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि थिएटर के दिनों में भी शाहरुख अपने आत्मविश्वास और स्टार बनने की चाहत से अलग दिखते थे. वहीं, मनोज ने धीरे-धीरे बॉलीवुड में अपनी जगह बनाई.