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India Daily

लोटे में हड्डियां, बालों के गुच्छे… सैफ अली खान को एडमिट करने वाले अस्पताल में होता है काला जादू! नजारा देख पुलिस के भी छूटे पसीने

लीलावती अस्पताल से एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. कहा जा रहा है कि वहां काला जादू होता है. लीलावती अस्पताल ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक परमबीर सिंह ने दावा किया है कि अस्पताल के ट्रस्टी प्रशांत मेहता के ऑफिस के फर्श के नीचे से आठ कलश मिले, जिनमें मानव खोपड़ियां, बाल, हड्डियां और चावल रखे गए थे.

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Edited By: Babli Rautela
Lilavati Hospital
Courtesy: Social Media

Lilavati Hospital: बॉलीवुड एक्टर सैफ अली खान को जनवरी 2025 में मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके बांद्रा के सद्गुरु शरण अपार्टमेंट में चोरी की घटना के बाद उन पर चाकू से छह बार हमला हुआ था, जिससे वे घायल हो गए थे. लीलावती अस्पताल की मेडिकल टीम ने उनकी जान बचाई और जब वे पूरी तरह स्वस्थ होकर अस्पताल से बाहर निकले, तो उनके फैंस ने राहत की सांस ली.

हालांकि, अब लीलावती अस्पताल से एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. कहा जा रहा है कि वहां काला जादू होता है.

लीलावती अस्पताल के अंदर काला जादू

लीलावती अस्पताल ट्रस्ट के कार्यकारी निदेशक परमबीर सिंह ने दावा किया है कि अस्पताल के ट्रस्टी प्रशांत मेहता के ऑफिस के फर्श के नीचे से आठ कलश मिले, जिनमें मानव खोपड़ियां, बाल, हड्डियां और चावल रखे गए थे. परमबीर सिंह ने इस बारे में कहा,'पूरे एहतियात के साथ गवाहों की उपस्थिति में वीडियोग्राफी कराई गई. फर्श की खुदाई की गई तो उसके नीचे से 8 कलश निकले, जिनमें से कुछ में मानव अवशेष, बाल और हड्डियां थीं. ये सभी चीजें काले जादू में इस्तेमाल की जाती हैं.'

इस मामले की वीडियोग्राफी कराई गई और इसे बांद्रा पुलिस को सौंप दिया गया. पुलिस ने इसे महाराष्ट्र के काला जादू और बुरी प्रथाओं के खिलाफ अधिनियम के तहत दर्ज किया है.

पूर्व ट्रस्टियों पर काला जादू करने का आरोप

प्रशांत मेहता, जो इस समय ट्रस्टी हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व ट्रस्टियों ने उनके खिलाफ काला जादू किया. उन्होंने बताया कि 2024 के दिसंबर में कुछ पूर्व कर्मचारियों ने उन्हें इस रहस्य के बारे में बताया था. उनका दावा है कि यह सिर्फ काला जादू तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें बलिदान जैसे चीजें भी शामिल हो सकती है. प्रशांत मेहता के अनुसार, फर्श के नीचे जो वस्तुएं मिलीं, वे उनकी मां चारू और दूसरे ट्रस्टी सदस्यों के खिलाफ किए गए अनुष्ठानों से जुड़ी थीं.

इसके बाद, इंजीनियरिंग विभाग की मदद से फर्श को तुड़वाया गया और पूरी घटना रिकॉर्ड की गई. जब इन वस्तुओं का खुलासा हुआ, तो कार्यालय का माहौल पूरी तरह से बदल गया था.

जांच में जुटी पुलिसा

प्रशांत मेहता और उनकी टीम का कहना है कि बांद्रा पुलिस ने इस मामले की एफआईआर दर्ज करने से मना कर दिया. इसके बाद उन्होंने अदालत का दरवाजा खटखटाया, लेकिन कोर्ट ने पुलिस को निर्देश देने के बजाय स्वयं जांच करने का फैसला किया.

यह मामला तब उठा जब 11 मार्च 2025 को एक प्रेस इवेंट आयोजित किया गया, जिसमें 2,100 करोड़ रुपये के ट्रस्ट फंड घोटाले पर चर्चा हो रही थी. इसी दौरान सिंह और मेहता ने काले जादू से जुड़ी सनसनीखेज जानकारी का खुलासा किया.