Karan Veer Mehra Breaks Silence: करण वीर मेहरा को पहलगाम आतंकी हमले पर अपनी कविता के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा, जिसमें 26 लोग मारे गए थे. रविवार को उन्होंने कविता को स्पष्ट करते हुए इसका अर्थ समझाया, "क्या आप नफरत की जंजीर को तोड़कर दुनिया को एक बेहतर जगह बनाना चाहेंगे? मेरी कविता का यही मतलब था." उन्होंने हमले की निंदा करते हुए जोर दिया, "हम डरे हुए नहीं हैं."
करणवीर मेहरा ने तोड़ी चुप्पी
बिग बॉस 18 के विजेता करण वीर मेहरा को 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की निंदा करते हुए अपनी कविता के लिए आलोचनाओं का सामना करना पड़ा. दिनदहाड़े 26 लोगों की जान लेने वाले इस सशस्त्र हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. रविवार 27 अप्रैल को टेलीविजन अभिनेता करण ने आलोचनाओं का जवाब देते हुए अपनी कविता के पीछे का अर्थ समझाया, जिसे कुछ साल पहले आशुतोष राणा ने लिखा था.
An eye for an eye will NOT leave the whole world blind, the last person will still have one eye &we all know who that last person might be. But the real question is ,would YOU rather break the chain of hate and make the world a better place? That’s exactly what the poem meant
My…
— Karan Veer Mehra (@KaranVeerMehra) April 27, 2025
अपने सोशल मीडिया हैंडल पर करण ने लिखा, "आंख के बदले आंख पूरी दुनिया को अंधा नहीं बना देगी, आखिरी व्यक्ति के पास अभी भी एक आंख होगी, और हम सभी जानते हैं कि वह आखिरी व्यक्ति कौन हो सकता है. लेकिन असली सवाल यह है कि क्या आप नफरत की जंजीर को तोड़कर दुनिया को एक बेहतर जगह बनाना चाहेंगे? मेरी कविता का यही मतलब था."
करण वीर ने को यह कहते हुए सुना गया, "नदियों को कुछ नाम दिए, बहती धरों का क्या होगा? शिव की गंगा भी पानी है, आबे जम जम भी पानी है. एक है सूरज, चांद है एक, एक हवा में सांस है सबकी.”