Kangana Ranaut: कंगना रनौत ने हाल ही में सोशल मीडिया पर उन परिवारों के बारे में बात की है जो एक साथ मिल जुल कर रहते हैं. और इसके साथ ही शादी के बारे में बॉलीवुड की प्रेम कहानियों की आलोचना भी की है. एक्ट्रेस ने खासतौर से सान्या मल्होत्रा की फिल्म मिसेज की आलोचना के बीच भारतीय परिवारों और उनके सांस्कृतिक का भी महत्व बताया.
कंगना ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर जॉइंट फैमिली पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने हमेशा महिलाओं को घर में हुक्म चलाते देखा है. वह याद करती हैं कि कैसे महिलाएं अपने परिवार के समय, खाने, सोने और बाहर जाने की योजना बनाती थीं. उन्होंने यह भी बताया कि वे अपने पतियों द्वारा खर्च किए गए पैसे का हिसाब रखती थीं और यह किसी प्रकार का परिवार का प्रबंधन होता था.
इसके अलावा कंगना ने यह भी कहा कि शादी का मतलब केवल मान्यता प्राप्त करना या ध्यान आकर्षित करना नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के लिए है जो असहाय होते हैं, जैसे बुजुर्ग या नवजात शिशु. कंगना ने भारतीय शास्त्रों का हवाला देते हुए बताया कि पिछली पीढ़ियों ने बिना सवाल किए अपने कर्तव्यों का पालन किया और यही सच है, यही उद्देश्य है.
कंगना ने बॉलीवुड की प्रेम कहानियों को जिम्मेदार ठहराया, जो उनके मुताबित शादी का सही मतलब बताती हैं. उनका मानना है कि शादी का मकसद धर्म और कर्तव्य के पालन से जुड़ा है, और इसे बहुत अधिक महत्व देना या अपने व्यक्तिगत लक्ष्यों को प्राथमिकता देना गलत हो सकता है. उन्होंने कहा, 'बॉलीवुड की बहुत सी प्रेम कहानियों ने विवाह के विचारों को विकृत कर दिया है, विवाह वैसा ही होना चाहिए जैसा इस देश में हमेशा होता आया है.'
कंगना ने अपने विचार साझा करते हुए यह भी कहा कि तलाक का समर्थन नहीं किया जाना चाहिए और भविष्य में हमें युवा पीढ़ी को बुजुर्ग माता-पिता को छोड़ने या बच्चों को न पैदा करने के लिए प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए. उनका मानना है कि हमारा सबसे बड़ा बल जॉइंट फैमिली में है और हमें इन परिवारों को संरक्षित करना चाहिए.
इसके साथ ही बता दें की मिसेज मलयालम फिल्म द ग्रेट इंडियन किचन की रीमेक है और इसमें सान्या मल्होत्रा अहम किरदार में हैं. फिल्म में एक नवविवाहित महिला रिचा की कहानी है, जो पारंपरिक भारतीय परिवारों में पितृसत्ता और अरेंज मैरिज की चुनौतियों का सामना करती है.