Kangana Ranaut Birthday: कहा जाता है कि बॉलीवुड इंडस्ट्री में टिकने के लिए गॉडफादर का होना बहुत जरूरी है. हालांकि, इंडस्ट्री में ऐसे कई सितारें हैं जिन्होंने बिना किसी गॉडफादर के न सिर्फ यहां टिके रहे बल्कि फिल्मों में अपना दबदबा बनाया हुआ है. कंगना रनौत भी उन सितारों में से है जिनकी गिनती बॉलीवुड के बेहतरीन कलाकारों में होती है. पद्मश्री से सम्मानित कंगना अपनी एक्टिंग के साथ-साथ अपनी बेबाकी के लिए भी जानी जाती हैं.
जहां इंडस्ट्री में स्टार पावर काफी मायने रखती है, वहीं कंगना ने अपनी शानदार एक्टिंग से खुद को बॉलीवुड के टॉप स्टार्स में शामिल किया है. आज कंगना अपना 39वां बर्थडे मना रही हैं. इस मौके पर आइए जानते हैं कंगना से जुड़ी कुछ बातें और कैसे वह बॉलीवुड की बेबाक 'क्वीन' बनीं.
कंगना रनौत का जन्म 23 मार्च 1986 को हिमाचल प्रदेश के मंडी में एक राजपूत परिवार में हुआ है. उनकी मां एक स्कूल टीचर हैं और पिता एक बिजनेसमैन हैं. एक्ट्रेस ने एक बार बताया था कि वह बचपन से ही बहुत जिद्दी थीं और उनकी यही जिद उन्हें मॉडलिंग और वहां से फिल्मों की दुनिया में ले गई. एक्ट्रेस ने बताया कि उनके माता-पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे लेकिन वह 12वीं में ही केमिस्ट्री के यूनिट टेस्ट में फेल हो गईं. जिसके बाद उन्होंने अपने लिए दूसरे ऑप्शन ढुंढना शुरु कर दिया.
कंगना दिल्ली तो आ गईं, लेकिन उन्होंने अभी तक तय नहीं किया था कि उन्हें क्या करना है. इसी बीच एक मॉडलिंग एजेंसी की नजर कंगना पर पड़ी और वह उनके लुक से काफी प्रभावित हुईं. जिसके बाद उस एजेंसी ने कंगना को उनके लिए मॉडलिंग करने की सलाह दी. एक्ट्रेस ने कुछ दिनों तक उस एजेंसी के लिए मॉडलिंग की और उनके कुछ मॉडलिंग असाइनमेंट भी किए. हालांकि, कंगना को मॉडलिंग में कोई दिलचस्पी नहीं थी, क्योंकि यहां उन्हें कुछ नया और क्रिएटिव करने को नहीं मिल रहा था. इसके बाद उन्होंने एक्टिंग की ओर रुख किया और अस्मिता थिएटर ग्रुप से जुड़ गईं, जहां उन्होंने थिएटर डायरेक्टर अरविंद गौर से एक्टिंग के गुर सीखे.
कंगना ने अपनी पहली फिल्म 'गैंगस्टर' के लिए फिल्मफेयर बेस्ट डेब्यू फीमेल अवॉर्ड जीतने वाली कंगना ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह एक के बाद एक फिल्में करती रहीं और अपनी बेहतरीन एक्टिंग के लिए अवॉर्ड जीतती रहीं. करीब 20 साल के करियर में कंगना ने अब तक 4 राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और 4 फिल्मफेयर अवॉर्ड समेत कई अवॉर्ड जीते हैं. उन्हें भारत सरकार की ओर से देश के चौथे सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है.