Ilaiyaraaja: तमिलनाडु के तमिलनाडु के श्रीविल्लीपुथुर अंडाल मंदिर में रविवार शाम एक विवादित घटना सामने आई, जब पॉपुलर संगीतकार इलैयाराजा को मंदिर के पवित्र गर्भगृह में प्रवेश करने से रोक दिया गया. इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें इलैयाराजा को मंदिर के पुजारी मंदिर के द्वार पर ही रोक रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इलैयाराजा अपने संगीत रचना दिव्य पसुराम के उद्घाटन से पहले मंदिर से आशीर्वाद लेने पहुंचे थे. उनके साथ श्रीविल्लिपुथुर के श्री अंडाल जीयर मठ के सदगोपा रामानुज अय्यर और सदगोपा रामानुज जीयर भी थे. वीडियो में दिखाया गया कि जब इलैयाराजा गर्भगृह की ओर बढ़े, तो मंदिर के पुजारियों और अधिकारियों ने उन्हें मंदिर के पवित्र स्थान से बाहर जाने के लिए कहा.
गर्भगृह वह स्थान है, जहां मंदिर के देवता विराजमान होते हैं और आमतौर पर वहां केवल पुजारियों और कुछ खास व्यक्तियों को ही जाने की अनुमति होती है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में इलैयाराजा को मंदिर के गर्भगृह से बाहर जाते हुए दिखाया गया है, और इसके बाद उन्होंने बाहर से ही प्रार्थना की.
इस घटना को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. कुछ नेटिजन्स का मानना है कि इलैयाराजा को मंदिर में प्रवेश से इसलिए रोका गया क्योंकि वे दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, और यह घटना जातिवाद आधारित भेदभाव का हिस्सा हो सकती है. वहीं, रिपोर्ट के अनुसार, यह बताया गया कि इलैयाराजा ने मंदिर के नियमों का उल्लंघन किया था.
SHOCKING: Ilaiyaraaja denied entry✖️ to Sanctum Sanctorum and asked to get out by the priests at Srivilliputhur Andal Temple🛕 pic.twitter.com/Aii7GQPg6k
— Manobala Vijayabalan (@ManobalaV) December 16, 2024
कहा जा रहा है कि जब इलैयाराजा गर्भगृह में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे, तो वहां के पुजारियों और भक्तों ने उन्हें बताया कि इस स्थान पर आम लोगों का जाना मना है. इसके बाद इलैयाराजा ने गर्भगृह से बाहर आकर वहीं से प्रार्थना की.
हालांकि, अब तक इलैयाराजा ने इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है और न ही उन्होंने वायरल वीडियो पर कोई रिएक्शन दिया है. मंदिर के अधिकारियों ने भी इस पूरे मामले पर अब तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है.
इलैयाराजा, जिन्हें इसाग्नानी (संगीत प्रतिभा) के नाम से जाना जाता है, भारतीय संगीत जगत के सबसे महान और बड़े संगीतकारों में से एक हैं. 1943 में तमिलनाडु के पन्नईपुरम में जन्मे इलैयाराजा ने भारतीय संगीत में एक क्रांति ला दी है. उन्होंने शास्त्रीय, लोक और पश्चिमी संगीत तत्वों को एक साथ जोड़कर संगीत की नई परिभाषा दी.
अपनी पांच दशकों की संगीत यात्रा में, इलैयाराजा ने 1,000 से अधिक फिल्मों के लिए संगीत रचना की और 7,000 से अधिक गाने लिखे. उनके योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे सम्मान मिल चुके हैं. इसके अलावा, वे लंदन के रॉयल फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा में प्रदर्शन करने वाले पहले एशियाई संगीतकार भी रहे हैं. उनके संगीत ने न केवल भारतीय संगीत जगत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी गहरी छाप छोड़ी है.