Heeramandi: संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज 'हीरामंडी' की चर्चा थमने का नाम ही नहीं ले रही है. किसी न किसी तरह से इसके चर्चे होने ही लगते हैं. कभी इसकी कास्ट को लेकर तो कभी कहानी को लेकर तो कभी कोई एक्टर शूटिंग के समय का किस्सा साझा कर देता है. हीरामंडी की रिलीज के बाद तवायफों के बारे में लोगों ने काफी पढ़ना शुरू किया है और इनके बारे में जानकारी जाननी शुरू की. हीरामंडी के बाद से ही 'तवायफ' शब्द को अटेंशन मिलनी शुरू हुई है.
तवायफ शब्द को लेकर हर कोई अपनी-अपनी राय रख रहा है. कोई इसको लेकर पॉजीटिव बातें तो वहीं कुछ इसको लेकर निगेटिव प्वाइंट रख रहे हैं. लेकिन एक बात तो है कि तवायफ सिर्फ नाच-गाने वाले नहीं बल्कि कई ऐसी है जिन्होंने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाई.
1857 के पहले अंग्रेजों का काफी दबदबा रहा है जिस कारण इन्होंने नवाबों और रियासतों में अपना हुक्म चलाना शुरू किया. इसका असर तवायफों पर भी खूब देखने को मिला क्योंकि रईसों और पैसों वालों ने कोठे में जाना छोड़ दिया जिस कारण तवायफों को अपनी जिंदगी चलाने के लिए बाहर निकलना पड़ा और तब उन्हें अपने टैलेंट का पता चला.
फातिमा बेगम
फातमा बेगम जो कि इंडियन सिनेमा की पहली फीमेल डायरेक्टर बनीं, खबरों की मानें तो इन्होंने, सचिन रियासत के नवाबजादे सिदी मोहम्मद यकूत खान से शादी की थी. लेकिन ये तवायफ परिवार से ताल्लुक रखती थीं.
जद्दनबाई
वहीं हिंदुस्तान सिनेमा की पहली म्यूजिक कंपोजर कही जाने वाली जद्दनबाई भी आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है. जद्दनबाई की मां और वो खुद तवायफ थी लेकिन जद्दन बाद में वहां से भागकर आईं और इन्होंने इंडस्ट्री में अपनी एक खास जगह बनाई. जद्दनबाई की बेटी ही बॉलीवुड की बेहतरीन अदाकारा नरगिस थीं.