नई दिल्ली: संजय लीला भंसाली की सीरीज 'हीरामंडी' 1 मई को नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है. रिलीज के बाद से ही इस सीरीज की हर तरफ चर्चा हो रही है. हीरामंडी को सिर्फ भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान में भी खूब प्यार मिल रहा है. हीरामंडी लाहौर की उन तवायफों की कहानी दिखाता है जो कि मोहब्बत, सियासत और तहजीब के कश्मकश में फंसती दिखती है. भंसाली की फिल्मों को अक्सर लोगों से प्यार मिला है. पहली बार इन्होंने ओटीटी के जरिए लोगों के दिलों में उतरने की कोशिश की है.
हीरामंडी की रिलीज के बाद से जहां इतने लोगों का प्यार मिल रहा है वहीं हिंदी सिनेमा के जाने-माने डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री ने इसकी आलोचना की है. अग्निहोत्री ने सीरीज देखी नहीं है लेकिन उन्होंने इसमें काफी कमियां गिनवा दी हैं. दरअसल, पाकिस्तान के एक डॉक्टर ने हीरामंडी की आलोचना की है जिसका साथ देते हुए विवेक अग्निनहोत्री ने भी इसकी गलतियां गिनवाते हुए भंसाली पर निशाना साधा है.
A brilliant critique by @_SophieSchol. I haven’t seen the show, but I have visited Heeramandi in Lahore a few times. Bollywood has this tendency to romanticize courtesans and brothels. It’s a sad commentary because brothels have never been places of opulence, glamour or beauty.… https://t.co/D56qU0Zyg0
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) May 4, 2024
दरअसल, विवेक अग्निहोत्री ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, 'हम्द नवाज जी ने इस सीरीज की आलोचना की. मैंने शो तो नहीं देखा है, लेकिन मैं लाहौर की हीरामंडी में कई बार गया हूं. बॉलीवुड में तवायफों और रेड लाइट एरिया को रोमांटिक बनाने का प्रचलन है. यह काफी बुरा है, क्योंकि वेश्याघर कभी भी ग्लैमर या ब्यूटी में नहीं रही बल्कि ये अन्याय, दर्द और संघर्ष का कारण है. जिन लोगों को इस चीज के बारे में नहीं पता उनको श्याम बेनेगल की हीरामंडी जरूर देखनी चाहिए.
विवेक ने आगे कहा- शो में रिसर्च की कमी है. इसमें दिखाई गई कहानी जिनका सच्चाई से कोई वास्ता नहीं है. विवेक ने सवाल करते हुए कहा- साथ ही एक सवाल जो हमें पूछना चाहिए, क्या फिल्में हमें इंसान के दर्द को ग्लैमराइज करने की आजादी देती है? ऐसी फिल्में हमें दिखानी चाहिए. झुग्गी में रहने वाली महिलाओं को इस तरह के कपड़े पहनाए गए हैं जैसे वो अंबानी की शादी में शामिल हो रहे हैं?'