Dia Mirza Religion: बॉलीवुड की खूबसूरत और दिलों पर राज करने वाली अदाकारा दीया मिर्जा का जीवन जितना चमकदार पर्दे पर नजर आता है, उतना ही उतार-चढ़ाव भरा रहा है. बहुत कम लोग जानते हैं कि दीया मिर्जा का जन्म एक बेहद अनोखे पारिवारिक बैकग्राउंड में हुआ है. उनके पिता फ्रैंक हैंडरिच एक ईसाई जर्मन कलाकार थे और मां दीपा हैंडरिच एक बंगाली हिंदू थीं.
दीया के बचपन में ही उनके माता-पिता के बीच तलाक हो गया था. उस समय दीया महज पांच साल की थीं. माता-पिता के अलगाव के बाद दीया ने हफ्ते के दिनों में अपनी मां के साथ और वीकेंड पर अपने पिता के साथ समय बिताया. दीया ने हमेशा अपने जैविक पिता को 'हीरो' की तरह देखा और उनके साथ गहरा भावनात्मक जुड़ाव रखा.
एक बार दीया का अपने पिता से किसी बात पर झगड़ा हो गया और गुस्से में उन्होंने घर छोड़ दिया. वह अपने किसी रिश्तेदार के घर चली गईं. बाद में जब उनके पिता को इसका एहसास हुआ तो उन्होंने वादा किया कि वह दोबारा ऐसा नहीं करेंगे. यह वाकया दीया के और उनके पिता के रिश्ते में और गहराई ले आया.
दीया की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव तब आया जब उनकी मां ने दूसरी शादी अहमद मिर्जा से की, जो एक हैदराबादी मुस्लिम थे. दीया का पालन-पोषण फिर एक भारतीय मुस्लिम परिवार में हुआ. हालांकि अहमद मिर्जा ने दीया को कभी मजबूर नहीं किया कि वे उन्हें अपने पिता की तरह स्वीकार करें, लेकिन समय के साथ वह दीया के सबसे अच्छे दोस्त बन गए.
जब दीया के नौ साल की उम्र में उनके जैविक पिता का निधन हो गया, तब अहमद मिर्जा ने उनका सहारा बनकर उन्हें परिवार का प्यार दिया. सम्मान और स्नेह के प्रतीक के तौर पर दीया ने अपने सौतेले पिता का उपनाम 'मिर्जा' अपने नाम के साथ जोड़ लिया और आज भी बड़े गर्व से इसका उपयोग करती हैं.
अपने करियर की शुरुआत मॉडलिंग से करने वाली दीया ने मिस एशिया पैसिफिक 2000 का खिताब जीतने के बाद बॉलीवुड में कदम रखा. उनकी पहली फिल्म 'रहना है तेरे दिल में' (2001) ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया. दीया ना सिर्फ एक सफल एक्ट्रेस हैं, बल्कि एक पर्यावरण कार्यकर्ता, फिल्म निर्माता और सामाजिक कार्यों में भी सक्रिय योगदान देती हैं.