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India Daily

'मुझे जीना ही नहीं है...' डिप्रेशन की शिकार दीपिका पादुकोण को आते थे सुसाइड के ख्याल, छात्रों को दिया कभी नहीं हारने का मंत्र

परीक्षा पे चर्चा 2025 के दौरान बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने डिप्रेशन से जुड़े अपने अनुभव को अपने फैंस और बच्चों के साथ साझा किया है. दीपिका ने अपने स्कूल और करियर के शुरुआती दिनों को याद करते हुए भी खुलकर बातचीत की.

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Edited By: Babli Rautela
Deepika Padukone
Courtesy: Social Media

Pariksha Pe Charcha Deepika Padukone: बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ने 'परीक्षा पे चर्चा 2025' के दौरान अपने डिप्रेशन से जुड़े अपने अनुभव को अपने फैंस और बच्चों के साथ साझा किया है. उन्होंने मेंटल हेल्थ अवेयरनेस और बात करने की जरुरत पर जोर दिया और स्टूडेंट्स को अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करने की सलाह दी.

दीपिका ने अपने स्कूल और करियर के शुरुआती दिनों को याद करते हुए बताया कि वह पढ़ाई, स्पोर्ट्स और मॉडलिंग जैसी कई एक्टिविटीज में व्यस्त रहती थीं. लेकिन 2014 में एक दिन लगातार काम करते-करते बेहोश हो गईं और कुछ दिनों बाद उन्हें एहसास हुआ कि वह डिप्रेशन से गुजर रही हैं.

डिप्रेशन का शिकार हुई दीपिका पादुकोण

उसी बातचीत के दौरान दीपिका ने कहा, 'डिप्रेशन कब हो जाता है, इसका पता नहीं चलता. मैं मुंबई में अकेली रहती थी और किसी से भी अपनी भावनाएं शेयर नहीं कीं. जब मेरी मां कुछ दिनों के लिए मुंबई आईं और वापस जाने लगीं, तो मुझे अचानक बहुत रोना आया और निराशा महसूस हुई. जीने की इच्छा खत्म होने लगी. तब मैंने एक साइकोलॉजिस्ट से मदद ली और खुलकर बात की, जिससे काफी हल्का महसूस हुआ.'

दीपिका ने कहा कि डिप्रेशन किसी को भी हो सकता है और इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. उसी बातचीत में एक्ट्रेस ने कहा, 'बहुत से लोग सोचते हैं कि डिप्रेशन सिर्फ कमजोर लोगों को होता है, लेकिन ऐसा नहीं है. मानसिक स्वास्थ्य को शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्व देना जरूरी है.'

दीपिका पादुकोण ने स्टूडेंट्स को दी सलाह

उन्होंने स्टूडेंट्स को सलाह दी कि वे उन चीजों पर ध्यान दें, जिन पर उनका कंट्रोल है. लाइफ में स्पष्ट लक्ष्य तय करें, मेडिटेशन और एक्सरसाइज को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और अगर कोई समस्या हो तो माता-पिता या मेंटर से बात करने में संकोच न करें.

'भरपूर नींद लें और धूप में समय बिताएं'

दीपिका ने छात्रों को मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाए रखने के लिए कुछ टिप्स भी दिए—

  • भरपूर नींद लें, क्योंकि नींद का मानसिक स्वास्थ्य से सीधा संबंध है.
  • सूरज की रोशनी में समय बिताएं, क्योंकि यह मानसिक तंदुरुस्ती में सहायक होती है.
  • अपनी भावनाओं को व्यक्त करें, इससे मन हल्का होता है और समस्याओं का हल निकालना आसान हो जाता है.
  • फेल होने से डरें नहीं, बल्कि हर अनुभव से सीखें और आगे बढ़ें.

दीपिका पादुकोण लंबे समय से मेंटल हेल्थ अवेयरनेस को बढ़ावा दे रही हैं. उन्होंने 2015 में 'लाइव लव लाफ' फाउंडेशन की शुरुआत की थी, जो मेंटल हेल्थ से जुड़े मिथकों को तोड़ने और जागरूकता फैलाने का काम करता है.

छात्रों को मिली प्रेरणा

'परीक्षा पे चर्चा' के इस सत्र में दीपिका के अनुभवों ने छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य को लेकर गंभीर होने और अपनी भावनाओं को खुलकर साझा करने की प्रेरणा दी. उन्होंने यह संदेश दिया कि सफलता और असफलता जीवन का हिस्सा हैं, लेकिन मानसिक रूप से मजबूत रहना सबसे जरूरी है.