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India Daily

शास्त्रीय गायक और हारमोनियम वादक पंडित संजय राम मराठे नहीं रहे, जाकिर हुसैन के बाद एक और दिग्गज कलाकार की मौत

जाने माने शास्त्रीय सिंगर और हारमोनियम के माहिर कलाकार पंडित संजय राम मराठे का रविवार रात को निधन हो गया. वे 68 साल के थे. जाकिर हुसैन के बाद ये भारतीय शास्त्रीय संगीत के लिए तगड़ा झटका है.

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Edited By: Babli Rautela
Musician Pandit Sanjay Marathe Death
Courtesy: Social Media

Musician Pandit Sanjay Marathe Death: जाने माने शास्त्रीय सिंगर और हारमोनियम के माहिर कलाकार पंडित संजय राम मराठे का निधन हो गया. वे 68 साल के थे और महाराष्ट्र के ठाणे शहर के एक निजी अस्पताल में रविवार रात उनका निधन हुआ. उनके परिवार ने सोमवार को इस दुखद समाचार की जानकारी दी.

पंडित संजय मराठे को दिल का गंभीर दौरा पड़ा था, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनके परिवार के अनुसार, रविवार की रात को उनका निधन हो गया. पंडित संजय मराठे महान शास्त्रीय संगीतकार पंडित राम मराठे के बड़े बेटे थे, और भारतीय शास्त्रीय संगीत में उनका योगदान यादगार है.

पंडित संजय राम मराठे का निधन

पंडित संजय मराठे को हारमोनियम और गायन में उनकी विशेषता के लिए बहुत सम्मान मिला था. उन्होंने भारतीय शास्त्रीय संगीत में अपनी अनूठी पहचान बनाई. वे अपने पिता की संगीत और रंगमंच की विरासत को आगे बढ़ाने में हमेशा एक्टिव रहे. इस साल अपने पिता की जन्म शताब्दी के अवसर पर आयोजित किए गए अलग अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में वे सक्रिय रूप से भाग लेते रहे थे.

संगीत में उनकी योगदान के कारण उन्हें कई बड़े पुरस्कार भी मिले थे. पंडित संजय मराठे ने भारतीय शास्त्रीय संगीत को अपने गायन और हारमोनियम से एक नया आयाम दिया. वे न केवल एक बड़े संगीतकार थे, बल्कि संगीत की गहरी समझ रखने वाले कलाकार भी थे, जिन्होंने शास्त्रीय संगीत के पारंपरिक स्वरूप को आधुनिक दौर के साथ जोड़ने का काम किया.

'संगीत मंदारमाला' का पुनर्जीवन

पंडित संजय मराठे ने अपने छोटे भाई मुकुंद मराठे के साथ मिलकर अपने पिता की शताब्दी के लक्ष्य में पॉपुलर मराठी संगीत नाटक 'संगीत मंदारमाला' को पुनर्जीवित किया और उसका मंचन किया. इस नाटक को पारंपरिक मराठी संगीत थिएटर की आत्मा को संभालते हुए अभिनव प्रयोगों के लिए अत्यधिक सराहना मिली. यह नाटक भारतीय रंगमंच और संगीत की एक अनमोल धरोहर बन गया.

पंडित संजय मराठे अपने पीछे अपनी पत्नी, एक बेटा और पोती को छोड़ गए हैं. उनके निधन से संगीत और कला की दुनिया में एक बड़ा नुक्सान हुआ है. उनके परिवार और अनुयायी इस शोकपूर्ण समय में उनका साथ देने के लिए एकजुट हुए हैं.