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Baby John Review: मसाला और ट्विस्ट के साथ वरुण धवन की एक्शन फिल्म, सलमान ने कैमियो से लगाया तड़का

'बेबी जॉन' एक ऐसी फिल्म है जो मसाला, एक्शन और बड़े सितारों के कैमियो से सजी है. वरुण धवन और सलमान खान के फैन्स इसे एक बार देख सकते हैं. हालांकि, फिल्म की टाइमिंग और कमजोर डायलॉग कही न कही इसे 'ब्लॉकबस्टर' की लिस्ट में शामिल होने से रोकती है.

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Edited By: Babli Rautela
Baby John Review
Courtesy: Social Media

Baby John Review: अगर मसालेदार और ड्रामे से भरपूर फिल्मों की बात हो, तो वरुण धवन और कीर्ति सुरेश की 'बेबी जॉन' उसी लिस्ट में आती है. यह फिल्म 2 घंटे 45 मिनट की लंबाई के साथ दर्शकों को बड़े परदे पर एक्शन, इमोशन और ड्रामा का बुफे परोसती है. 

कलीस की डायरेक्टेड यह फिल्म वरुण धवन के किरदार जॉन पर आधारित है, जो अपनी बेटी के साथ एक साधारण जीवन जी रहा है. लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब पता चलता है कि वह असल में पहले एक पुलिस अफसर सत्य वर्मा थे. जिसने अपनी पत्नी और मां को खो दिया था. जॉन की यह नई पहचान खलनायक से टकराव और उसके जीवन में दुबारा उथल-पुथल लाती है.

हालांकि, फिल्म का थलपति विजय की तमिल फिल्म 'थेरी' से कॉपी लग रही है, लेकिन 'बेबी जॉन' इसे एक नए अंदाज में पेश करने की कोशिश करती है.

फिल्म के कलाकारों का काम

वरुण धवन का प्रदर्शन ऊर्जा और मनोरंजन से भरा हुआ है. वह एक एक्शन हीरो और एक पिता के बीच का संतुलन बनाने की कोशिश करते हैं. लेकिन उनका किरदार कई बार ओवर-द-टॉप लगता है. कुछ सीन्स में उनकी ईमानदारी झलकती है, लेकिन स्क्रिप्ट और डायलॉग उन्हें पीछे खींच लेती हैं.

कीर्ति सुरेश अपनी उपस्थिति से स्क्रीन पर चमकती हैं, लेकिन उनके किरदार को गहराई और ताकत की कमी महसूस होती है. वामिका गब्बी का रोल कहानी में मजबूती नहीं जोड़ता, और उनकी वरुण के साथ केमिस्ट्री भी फीकी लगती है.

दूसरी ओर, जैकी श्रॉफ खलनायक के रूप में स्वैग और स्टाइल का तड़का लगाते हैं, लेकिन उनका किरदार अधूरा महसूस होता है. राजपाल यादव ने अपनी कॉमिक टाइमिंग और एक्शन सीक्वेंस के साथ दर्शकों को चौंकाया और भरपूर तालियां बटोरीं.

सलमान खान की धमाकेदार एंट्री

फिल्म का सबसे बड़ा सरप्राइज सलमान खान का कैमियो है. उनकी और वरुण की टकरार ने दर्शकों को उत्साहित किया. सलमान का 'एजेंट भाई जान' का अवतार फिल्म को एक नई ऊर्जा देता है, और उनका अनोखा अंदाज निश्चित रूप से यादगार है.

फिल्म का गाना, खासकर 'नैन मटक्का' और टाइटल ट्रैक, पहले से ही हिट हो चुका है. एस. थमन का बैकग्राउंड स्कोर कहानी को रोमांचक बनाता है और दर्शकों को जोड़े रखने में मदद करता है.


कहां पीछे रह गई फिल्म

जहा फिल्म बड़े पैमाने पर मनोरंजन करती है, वहीं इसकी स्क्रिप्ट और डायरेक्शन में कई खामियां हैं:

  1. पुरानी और घिसी-पिटी कहानी: 'थेरी' जैसी फिल्मों से प्रभावित होने के कारण 'बेबी जॉन' में मौलिकता की कमी है.
  2. इमोशनल कनेक्शन की कमी: महिलाओं की सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों को छूने के बावजूद, फिल्म उनमें गहराई लाने में विफल रहती है.
  3. ओवर-द-टॉप एक्शन: कुछ एक्शन सीन्स और संवाद जरूरत से ज्यादा नाटकीय हैं, जिससे वे दर्शकों को वास्तविक नहीं लगते.