Amitabh Bachchan: अमिताभ बच्चन, जिन्हें बॉलीवुड का 'शहंशाह' कहा जाता है, का फिल्मी करियर चार दशकों से चमकता आ रहा है.लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब कुछ फिल्म पत्रिकाओं ने उनका नाम बॉयकॉट कर दिया था. फिल्म लेखिका भारती एस. प्रधान ने इस घटना को याद करते हुए एक इंटरव्यू में बताया कि 1975 के आपातकाल के बाद, फिल्म पत्रिकाओं ने अमिताभ बच्चन को सेंसरशिप का हिस्सा मानते हुए उनके बारे में लिखना तक बंद कर दिया था.
भारती प्रधान के अनुसार, कई फिल्म पत्रिकाओं ने आपातकाल के बाद अमिताभ बच्चन को 'सेंसरशिप लागू करने' का दोषी ठहराया. उनका मानना था कि बच्चन और कांग्रेस सरकार के वीसी शुक्ला सहित कुछ लोग मीडिया की सामग्री को ब्लूपेंसिल कर रहे थे.
उन्होंने बताया, 'आपातकाल हटने के बाद, कुछ पत्रिकाओं ने मिलकर अमिताभ बच्चन पर बैन लगा दिया क्योंकि उन्हें लगा कि वे कांग्रेस सरकार के साथ मिलकर प्रेस की सेंसरशिप में शामिल थे.' इस बैन के चलते, पत्रिकाओं ने अमिताभ बच्चन का नाम छापना करना बंद कर दिया.उनके नाम की जगह केवल अल्पविराम (,) या खाली जगह छोड़ दी जाती थी.
भारती प्रधान ने इस बहिष्कार के अजीबोगरीब परिणामों का जिक्र करते हुए कहा,'अगर किसी पत्रिका में हेमा मालिनी की फिल्मोग्राफी छपती और उसमें अमिताभ बच्चन उनके सहकलाकार होते, तो उनके नाम की जगह सिर्फ अल्पविराम (,) छापा जाता, क्योंकि उनका नाम लेना मना था.'
इस स्थिति से निपटने के लिए अमिताभ बच्चन खुद ही सावधानी बरतते थे.भारती प्रधान के अनुसार, जब भी कोई ग्रुप फोटो खींची जाती, तो अमिताभ जानबूझकर तस्वीर के एकदम किनारे खड़े हो जाते. उन्होंने कहा, 'अगर वे मेरी फोटो हटाना चाहते हैं, तो मैं दाईं या बाईं ओर खड़ा हो जाऊंगा ताकि वे आसानी से मुझे क्रॉप कर सकें.'
अमिताभ बच्चन का नाम बॉलीवुड के सबसे बड़े सितारों में शुमार है, लेकिन उनका करियर कई राजनीतिक और मीडिया विवादों से भी गुजरा है. आपातकाल के बाद मीडिया से उनका संबंध प्रभावित हुआ, लेकिन उनकी स्टार पावर पर कोई असर नहीं पड़ा.