'बेटे के स्कूल के बाहर सब्जी बेचता था...2 करोड़ का कर्ज हो गया था', नम आंखों से बोले एक्टर राजेश कुमार
एक्टर राजेश कुमार को साराभाई वर्सेस साराभाई, यम किसी से कम नहीं, नीली छतरी वाले और ये मेरी फैमिली में निभाई गई अपनी यादगार भूमिकाओं के लिए जाना जाता है लेकिन अपने करियर के शीर्ष पर होने के दौरान एक्टिंग को छोड़ने के उनके फैसले ने सभी को चौंका दिया था.
Entertainment News: एक्टर राजेश कुमार को साराभाई वर्सेस साराभाई, यम किसी से कम नहीं, नीली छतरी वाले और ये मेरी फैमिली में निभाई गई अपनी यादगार भूमिकाओं के लिए जाना जाता है लेकिन अपने करियर के शीर्ष पर होने के दौरान एक्टिंग को छोड़ने के उनके फैसले ने सभी को चौंका दिया था.
एक्टर ने कहा कि मैं इस सवाल से परेशान था कि मैं आने वाली पीढ़ी के लिए क्या कर रहा हूं? इसलिए मैंने 2017 में लाइमलाइट से दूर होने का फैसला किया और खेती करने का फैसला किया. हालांकि, खेती करने का फैसला उनके लिए उनकी कल्पना से ज्यादा चुनौतीपूर्ण साबित हुआ.
'फैमिली फार्मर' नाम से स्टार्टअप शुरू किया
सिद्धार्थ कन्नन को दिए हालिया इंटरव्यू में एक्टर ने बताया कि खेती का बिजनेस शुरू करने में उन्हें क्या-क्या चुनौतियों का सामना करना पड़ा. राजेश ने कहा कि उन्होंने 'फैमिली फार्मर' नाम का कॉन्सेप्ट शुरू किया. मैंने अपने इस आइडिया के बारे में अपने दोस्तों को बताया जिसमें से कुछ ने मेरी बात को माना और कुछ ने इससे पल्ला झाड़ लिया. ऐसे लोगों की लंबी लिस्ट थी जिन्होंने मुझसे कहा था कि वाह, क्या शानदार आइडिया है लेकिन बाद में उन्होंने मुझे नजरअंदाज कर दिया. ये वे लोग थे जिनके साथ मैंने टीवी पर काम किया था.
बेटे के स्कूल के बाहर सब्जियां बेचीं
एक्टर ने याद किया कि कैसे स्टार्टअप फेल होने के बाद उन्हें अपने बेटे के स्कूल के बाहर सब्जी बेचनीं पड़ी थीं.
अपनी बात बताते हुए राजेश की आंखों में आंसू आ गए. राजेश ने कहा, 'स्टार्टअप फेल होने के बाद मैंने अपने बेटे के स्कूल के बाहर सब्जी बेचना शुरू कर दिया था. मुझे देखकर लोग कहते थे कि यह पागल हो गया है. सब्जी क्यों बेच रहा है?' हुआ यूं कि मेरे बेटे ने मुझे अपने स्कूल के बाहर सब्जी बेचते देखा, वह अपने टीचर के पास गया और उनसे बोला, 'क्या आप कृपया मेरे पापा से सब्जी खरीदेंगे? वह उस समय तीसरी क्लास में था. इसके बाद उसके सारे सहपाठी अलग-अलग कक्षाओं में जाकर कहने लगे कि मैं सब्जियां बेच रहा हूं और टीचरों से विनती करने लगे कि वो मुझसे सब्जियां खरीदें.'
मैं कोई घटिया काम नहीं कर रहा हूं
भावुक होते हुए राजेश ने कहा कि बेटे के स्कूल के बाहर सब्जी बेचकर मैं यह दिखाना चाहता था कि मैं कोई घटिया काम नहीं कर रहा हूं. मैं बच्चों को यह बताना चाहता था कि यह अच्छा काम है. मेरा उद्देश्य ग्राहकों को जागरूक करना था किसानों को नहीं. वे अक्सर सब्जी को उगाने के पीछे की मेहनत को नजरअंदाज कर देते हैं और अक्सर फ्री देने के लिए कहते हैं.
मेरे ऊपर 2 करोड़ का कर्ज हो गया था
राजेश ने कहा कि मैंने 10 सालों तक ऐसा किया और मेरे ऊपर 2 करोड़ रुपए का कर्ज हो गया था. राजेश ने कहा, 'मेरा गणित काफी कमजोर था. मुझे पता ही नहीं चला कि मुझे 22 से 25 रुपए प्रति किलो का नुकसान हो रहा है. बर्बादी भी खूब हुई. इस समय तक करीब मुझे 12 से 15 लाख रुपए तक का नुकसान हो चुका था. इससे पहले से ही मुझ पर 1 करोड़ का कर्ज था.
'मैंने लेनदेन और ऑर्डर को मैनेज करने के लिए एक ऐप बनाने का सोचा क्योंकि व्हॉट्सऐप पर सब कुछ गड़बड़ हो रहा था, लेकिन ऐप बनने के बाद जिस आदमी ने इसे बनाया उसने मुझे धोखा दिया. ऐप बनने के तीन महीने बाद मुझे काफी पैसे का भारी नुकसान हुआ और आखिरकार मुझे अपना स्टार्टअप बंद करना पड़ा.'
इसके बाद मुझे अपने उन सभी दोस्तों और किसानों को जवाब देना था जो मेरे साथ जुड़े हुए थे, मेरे ऊपर बोझ बढ़ता ही जा रहा था. मैंने खुद से कहा, मुझे कुछ करना होगा और अगर नहीं किया तो मैं करीब 2 करोड़ रुपए के कर्ज के साथ मर जाऊंगा.
कोटा फैक्ट्री 2 से किया कमबैक
इसके बाद एक्टर ने जितेंद्र कुमार की कोटा फैक्ट्री 2 के साथ कमबैक किया, जहां उन्होंने गणित के अध्यापक का किरदार निभाया. वह शाहिद कपूर की तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया और नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी-स्टारर रौतू का राज में भी दिखाई दिए.