Aamir Khan: बॉलीवुड के मिस्टर परफेक्शनिस्ट आमिर खान ने हाल ही में अपने घर पर एक खास मुलाकात की, जहां उन्होंने कुश्ती कोच कृपा शंकर बिश्नोई और भारतीय रेलवे के कई पहलवानों से मुलाकात की. इस मुलाकात में कुश्ती, फिल्में, खेल में सुधार और लोगों पर 'दंगल' के प्रभाव जैसे कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.
जैसे ही कोच कृपा शंकर बिश्नोई आमिर के घर पहुंचे, एक्टर ने मजाकिया अंदाज में उनके पैर पकड़कर उनका स्वागत किया. इस पर हंसते हुए कोच ने कहा, 'पैर पर लपक गए. लेकिन मैंने खूबसूरती से डिफेंड किया.'
करीब 90 मिनट तक चली इस मुलाकात के दौरान चाय-नाश्ते के बीच कुश्ती से लेकर आमिर की फिल्मों और उनकी छवि तक हर विषय पर चर्चा हुई. आमिर खान ने पहलवानों से बात करते हुए कहा कि कैसे 'दंगल' ने उनकी गुंडे जैसी छवि को सुधारने में मदद की और दुनिया भर में इस खेल को सम्मान दिलाया. इसपर पहलवान शोकिन्दर तोमर ने कहा, 'पहले की फिल्मों में पहलवानों को बड़ी मूंछों, लाल आंखों और बुरे काम करने वाले पेटू राक्षस के रूप में दिखाया जाता था. लेकिन 'दंगल' ने यह दिखाया कि असली पहलवान किन संघर्षों से गुजरते हैं.'
कोच कृपा शंकर बिश्नोई ने खुलासा किया कि उन्होंने आमिर को धूम्रपान छोड़ने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने कहा, 'मैं धूम्रपान करने के लिए आमिर से बहुत नाराज होता था और उनसे कहता था कि अगर उन्होंने धूम्रपान नहीं छोड़ा तो मैं उन्हें कोचिंग नहीं दूंगा.' इस पर आमिर ने सभी को बताया कि उन्होंने कोच के कहने पर यह बुरी आदत छोड़ दी.
आमिर ने इस चर्चा के दौरान पहलवानों को ग्रीको-रोमन कुश्ती में पदक जीतने के लिए सुझाव दिए. उन्होंने बताया कि भारतीय पहलवान फ्रीस्टाइल कुश्ती में तो अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन ग्रीको-रोमन में सुधार की जरूरत है. उन्होंने अपनी टेकडाउन तकनीक भी दिखाई और महिला पहलवानों से इस पर फीडबैक मांगा.
पहलवानों ने आमिर की फिल्मों के बारे में ईमानदार राय दी. राकेश दुबे ने कहा कि उन्हें यह जानकर बुरा लगा कि आमिर की पहली फिल्म 'होली' सिनेमाघरों में रिलीज नहीं हुई थी. बॉलीवुड ने हमें खलनायक के तौर पर नहीं दिखाया, यह अच्छा है.