Hooghly Lok Sabha Seat : पश्चिम बंगाल की हुगली लोकसभा सीट पर इस बार स्टार के खिलाफ स्टार चुनावी मैदान में है. इसके चलते हुगली सीट चर्चा में आ गई है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस सीट में जीत के लिए भाजपा की ग्लैमर बाला लॉकेट चटर्जी के खिलाफ बांग्ला टीवी जगत की दीदी नंबर-1 यानी रचना बनर्जी को मैदान में उतार दिया है.
इसके बाद से चर्चा है कि रचना जिन लॉकेट को बड़ी बहन कहती हैं, उनके राजनीतिक अनुभव को अपनी पहली ही पारी में कैसे पटखनी देंगी. इस सीट पर दोनों टीवी जगत की कलाकार मैदान में है इसलिए यह सीट चर्चा में आ गई है. हुगली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव इस साल मई में आयोजित किए जाएंगे. मतदान की तारीख पांचवें चरण की 20 मई है.
हुगली लोकसभा सीट पश्चिम बंगाल के 543 लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है. यह राज्य में सबसे अधिक आर्थिक रूप से विकसित जिलों में से एक है. हुगली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में कुल सात विधानसभा सीटें हैं. जिसमें सिंगूर, चंदननगर, चुंचुरा, बालागढ़, हुगली टीएमसी, पांडुआ, सप्तग्राम और धानियाखाली एससी शामिल हैं. इन सभी सात सीटों पर टीएमसी का कब्जा है. 2011 की जनगणना के अनुसार यहां की कुल जनसंख्या 21 लाख 17हजार 807 है. यहां की कुल 58.3 फीसदी ग्रामीण और 41.7 फीसदी शहरी आबादी है. अनुसूचित जाति (एससी) करीब 26.76 फीसदी हैं. 2021 की मतदाता सूची के अनुसार 1826529 मतदाता हैं. इस निर्वाचन क्षेत्र में 2507 मतदान केंद्र हैं.
हुगली लोकसभा देश के पहले आम चुनाव में अस्तित्व में आ गई थी. 1952 के चुनाव में पूरे देश में कांग्रेस की लहर थी, तब हुगली से अखिल भारतीय हिंदू महासभा के एनसी चटर्जी को जीत मिली. 1957 और 1962 में सीपीआई के प्रोवत कर को यहां से जीत मिली. 1967 के चुनाव में यहां से सीपीएम के बिजॉय कृष्ण मोदक सांसद बने. 1971 और 1977 के चुनावों में भी बिजॉय कृष्ण मोदक को फिर जीत मिली. 1980 के चुनाव में सीपीएम के रूपचंद पाल ने जीत हासिल की. 1984 के चुनाव में पहली बार इस सीट से कांग्रेस को सफलता मिली और इंदुमति भट्टाचार्य यहां से सांसद बनीं. 1989 से लेकर 2004 तक लगातार इस सीट से सीपीएम के टिकट पर रूपचंद पाल को सफलता मिलती रही. लगातार 20 वर्षों तक रूपचंद पाल ने इस सीट का प्रतिनिधित्व किया. 2009 में ये सीट टीएमसी के खाते में गई. तबसे इस सीट से टीएमसी का कब्जा बरकरार है.
2019 के आम चुनाव में बीजेपी का इस सीट पर पहली बार खाता खुला था. बीजेपी की लॉकेट चटर्जी ने तृणमूल कांग्रेस की डॉ रत्ना दे नाग को हराया था. लॉकेट चटर्जी को 671,448 वोट और डॉ. रत्ना दे (नाग) को 5,98,086 वोट मिले थे. अगर 2014 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो टीएमसी की डॉ रत्ना दे नाग ने जीत हासिल की थी. उन्होंने माकपा के प्रदीप साहा को पराजित किया था. तब भाजपा के चंदन मित्रा तीसरे नंबर पर रहे थे.
रचना बनर्जी बंगाली और उड़िया फिल्मों की चर्चित अभिनेत्री हैं. रचना बनर्जी ने 1990 के दशक में अभिनय करियर की शुरुआत की थी और बहुत जल्द ही बंगाली और उड़िया फिल्मों में लोकप्रियता हासिल कर लीं. रचना लोकप्रिय बंगाली अभिनेत्री और मशहूर बंगाली टीवी रियलिटी शो ‘दीदी नंबर 1’ की होस्ट हैं. उन्होंने कई फिल्मों में अभिनय किया है.‘सबुज साथी’ (बंगाली) और ‘परदेसी बाबू’(उड़िया) फिल्मों में उन्होंने खूब प्रशंसा बटोरी है.
लॉकेट चटर्जी फिल्म अभिनेत्री और राजनीतेता हैं, वह अभी हुगली से सांसद हैं. राजनीति में प्रवेश करने से पहले उन्होंने बंगाली फिल्मों में काम किया. रचना चटर्जी को बंगाली सिनेमा और टेलीविजन में अपनी भूमिकाओं के लिए प्रसिद्धि मिली है. वह भारतीय जनता पार्टी-बीजेपी से जुड़ी हैं और पश्चिम बंगाल के हुगली निर्वाचन क्षेत्र से मौजूदा सांसद हैं. बीजेपी ने उन्हें हुगली सीट से फिर मौका दिया है.