Election 2024: हरियाणा में मुस्लिम शासक के नाम पर वोट मांग रही BJP, जानिए कौन था हसन खान मेवाती

Lok Sabha Election 2024: मुसलमानों के खिलाफ छवी वाली भारतीय जनता पार्टी हरियाणा में अब एक मुस्लिम शासक के नाम पर वोट मांग रही है. आइये जानें मुस्लिम शासक हसन खान मेवाती के बारे में, जिसका BJP लोकसभा चुनाव 2024 में सहारा ले रही है.

Hasan Khan Mewati
India Daily Live

Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव 2024 में दो चरणों के बाद ये देखने को मिला की भारतीय जनता पार्टी मुसलमानों का नाम खुलकर लेने लगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या गृहमंत्री अमित शाह सभी ने खुले मंच से मुसलमान का नाम लिया. हालांकि, अब BJP हरियाणा में खुद एक मुस्लिम शासक ने नाम पर वोट मांग रही है. आइये जानते हैं कौन था मुस्लिम शासक हसन खान मेवाती जिसके नाम का सहारा अब भाजपा चुनावों में वोट बटोरने के लिए ले रही है.

नूह में गुड़गांव से उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह के प्रचार के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने मेवाड़ के शासक रहे राजा हसन खां मेवाती उर्फ राजा मेवाती की तारीफ की है. सैनी ने पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर सरकार में 9 मार्च को शहीदी दिवस मनाने के फैसले का जिक्र किया.

भाजपा हसन खान मेवाती का सम्मान करती है

CM नायब सिंह सैनी ने कहा कि राजा मेवाती ने बाबर की सेना के सामने कभी सिर नहीं झुकाया. वो अपने साथ बाबर के विशाल सेना से लड़ने गए और अपने 12000 सैनिकों के साथ लड़ते हुए शहीद हो गए. उन्होंने कहा कि हम राजा मेवाती की शहादत का सम्मान करने वाले लोग है. भाजपा उनका सम्मान करती है.

कौन थे हसन खान मेवाती?

राजा हसन खां मेवाती ने 1526 में हुई पानीपत की लड़ाई में बाबर के खिलाफ जंग लड़ी थी. उन्होंने 1527 में हुए खानवा युद्ध में भी मुगल सेना के खिलाफ जंग लड़ी थी. इसी युद्ध में वो बाबर की सेना के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो गए थे.

राजा हसन खां मेवाती अलवर में राज करने वाले शासक अलावल खां के बेटे थे. हसन खां का एक नाता दिल्ली सुल्तान से भी था. वो इब्राहिम लोदी के मौसेरा भाई थाे. इब्राहिम लोदी के पिता सिकन्दर लोदी और अलावल खां आपस में साढ़ू थे.

कौन से इलाके थे उनके शासन में

1517 में इब्राहिम लोदी दिल्ली सिंहासन पर बैठा. तब उसने हसन खां के पिता अलावल खां को मेवात सात परगने लौटा दिये. इतना ही नहीं उसने उनके पिता को शाह की उपाधि भी दी. इस तरह राजा हसन खां मेवाती का राज्य अलवर से लेकर दिल्ली तक (तिजारा, सरहटा, कोट कासिम, फिरोजपुर, कोटला, रेवाड़ी, तावड़ू, झज्जर, सोहना, गुड़गांव, बहादुरपुर, शाहपुर और पूरे मेवातः) हो गया.

भाजपा क्यों ले रही हसन खान मेवाती का नाम

मेवात का हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में फैला है. यहां मुसलमानों की अच्छी आबादी है. पिछले साल हुए दंगों के कारण यहां मुसलमान वोटर भाजपा के विरोधी समझे जाते हैं. ऐसे में हसन खान मेवाती का नाम लेकर भाजपा हिंदू आबादी को नाराज किए बिना मुसलमानों को साधने की कोशिश कर रही है. उसे उम्मीद है कि इससे नूंह के मुस्लिम मतदाताओं का साथ मिलेगा.

क्या है आबादी का अंक गणित?

हरियाणा में मुस्लिम आबादी महज 7 फीसदी है लेकिन नूंह में इनकी संख्या 79 फीसदी के आसपास है. नूंह जिले की नूंह, फिरोजपुर झिरका और पुन्हाना, गुड़गांव लोकसभा के अंदर आती हैं. इन सभी जगहों पर कांग्रेस के मुस्लिम विधायक हैं. ऐसे में भाजपा इस इलाके के मुस्लिमों के बीच जा रही है.