पश्चिम बंगाल में NIA पर क्यों छिड़ी है चुनावी जंग, क्या हैं TMC और BJP के आरोप? यहां समझिए

पश्चिम बंगाल के मिदनापुर में NIA की एक टीम पर स्थानीय लोगों ने हमला कर दिया. इस हमले के बाद से ही सूबे में नई सियासत छिड़ गई है. ऐसा पहली बार नहीं है जब केंद्रीय एजेंसियों को पश्चिम बंगाल में निशाना बनाया गया है. इस मुद्दे पर क्या है बहस की असली वजह, आइए समझते हैं.

फोटो क्रेडिट- सोशल मीडिया.
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पश्चिम बंगाल (West Bengal) में  केंद्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारियों पर हो रहे हमले ने अब राजनीतिक रंग ले लिया है. रविवार की चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां इस मुद्दे को लेकर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमलावर रहे, वहीं तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी पलटवार किया. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तृणमूल कांग्रेस पर जबरन वसूली करने वालों और भ्रष्ट नेताओं को बचाने का आरोप लगाया. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संघीय एजेंसियों पर आरोप लगाया कि वे ऐसा कर रहे हैं. ममता का कहना है कि राष्ट्रीय एजेंसियां भारतीय जनता पार्टी (BJP) की हथियार बन गई हैं, इनके जरिए विपक्ष पर निशाना साधा जा रहा है.

'भ्रष्टाचार के लिए मुफ्त लाइसेंस चाहती है TMC'
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कहना है कि तृणमूल कांग्रेस राज्य में भ्रष्टाचार और हिंसा के लिए एक मुफ्त लाइसेंस चाहती है. TMC ने दावा किया कि बीजेपी चुनावी खेल के खिलाड़ियों को बाहर रखने के लिए रेफरी पर दबाव बना रही है. 

क्यों NIA पर ठनी है सियासी रार?
साल 2022 के भूपतिनगर विस्फोट केस की जांच के लिए NIA की टीम छापेमारी कर रही थी. टीम जैसे ही पूर्वी मिदनापुर जिले में पहुंची, उस पर स्थानीय लोगों ने हमला बोल दिया. हमले के बाद जमकर दोनों तरफों से बयानबाजी हुई. 

NIA के अधिकारियों ने कहा कि भूपतिनगर में हुए हमले में एक अधिकारी जख्मी हो गया और एक गाड़ी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई. वहीं ममता बनर्जी ने इस पर कहा कि ग्रामीणों ने आत्मरक्षा के चलते हमला बोला क्योंकि जांच एजेंसी के अधिकारी शनिवार सुबह ही कई घरों में दाखिल हो गए थे.

पहले संदेशखाली, अब मिदनापुर, क्या पश्चिम बंगाल में है एजेंसियों की नो एंट्री?
पश्चिम बंगाल में जांच एजेंसियां लगातार असहयोग का आरोप लगाती रही हैं. 5 जनवरी को जब उत्तरी 24 परगना जिले के संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अधिकारी रेड डालने गए तो उन पर पथराव होने लगा. अधिकारी राशन वितरण घोटाले के सिलसिले में TMC के बाहुबली और जिला परिषद नेता शाहजहां शेख के घर की तलाशी लेने गए थे.

पश्चिम बंगाल पर पीएम मोदी ने क्या कहा?
पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में पीएम मोदी पहुंचे थे. उन्होंने धुपगुड़ी में एक मेगा रैली को संबोधित करते हुए कहा, 'टीएमसी सरकार बंगाल में लूटपाट और आतंक की खुली छूट चाहती है. अपने जबरन वसूली करने वाले और भ्रष्ट नेताओं को बचाने के लिए, टीएमसी यहां आने पर केंद्रीय जांच एजेंसियों पर हमले की साजिश रचती है.'

पीएम मोदी ने कहा, 'TMC एक ऐसी पार्टी है जो भारत के संविधान और कानून के शासन का अनादर करती है. बंगाल में टीएमसी का सिंडिकेट राज कायम है. राज्य में स्थिति ऐसी है कि कई मामलों में अदालत को हस्तक्षेप करना पड़ता है. कलकत्ता हाई कोर्ट ने संदेशखाली में ईडी टीम पर हुए हमले की जांच CBI को ट्रांसफर कर दी है.'

क्यों घिरी हैं ममता बनर्जी?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'ईडी ने बंगाल में भ्रष्टाचार के अलग-अलग मामलों में भ्रष्ट टीएमसी नेताओं की ₹3,000 करोड़ की संपत्ति जब्त की है. जिन लोगों ने पैसा दिया है उन्हें वापस करने के तरीकों पर सुझाव लिए जा रहे हैं.'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा से अपील की कि वे इस चुनाव में तृणमूल कांग्रेस को सबक सिखाएं, जिससे उनके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाए. पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'मैं आपको गारंटी देता हूं कि भ्रष्ट नेताओं द्वारा लूटा गया पैसा उन गरीब लोगों को वापस दिया जाएगा जिन्हें नौकरी पाने के लिए पैसे देने पड़ते हैं.'

ममता बता रही हैं केंद्रीय एजेंसियों को मोदी का हथियार
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने कहा है कि केंद्रीय जांच एजेंसियां बीजेपी के विस्तारित हथियार के रूप में काम कर रही हैं. उन्होंने कहा, 'टीएमसी नेताओं को परेशान करने के लिए एनआईए, ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का इस्तेमाल किया जा रहा है. वे बिना किसी पूर्व सूचना के छापेमारी कर रहे हैं और घरों में घुस रहे हैं. अगर रात के अंधेरे में जब सभी लोग सो रहे हों तो कोई उनके घर में घुस जाए तो महिलाएं क्या करेंगी?' उन्होंने शनिवार को केंद्रीय एजेंसी पर हमले को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.

केंद्रीय एजेंसियों पर क्या हैं ममता बनर्जी के आरोप?
पुरुलिया जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा, 'केंद्रीय एजेंसियां TMC नेताओं को या तो BJP में शामिल होने या कार्रवाई का सामना करने के लिए कह रही हैं. NIA हमें निगरानी में रख रही है. केंद्र ने टीएमसी नेताओं का पता लगाने के लिए राज्य में 136 टीमें भेजी थीं.  लेकिन, जांच में क्या निकला? कृपया एक श्वेत पत्र जारी करें.'

ममता बनर्जी ने कहा, 'आपने देखा है कि NIA भूपतिनगर में क्या कर रही है. एक तरफ शीर्ष नेताओं को परेशान किया जा रहा है और दूसरी तरफ बूथ खाली करने की कोशिश की जा रही है. वे रेफरी (NIA) को प्रबंधित करना चाहते हैं, उन्हें मैदान पर लाना चाहते हैं और खिलाड़ियों (TMC) को बाहर रखना चाहते हैं ताकि वे खाली मैदान पर खेल सकें.'

ED, CBI, NIA को ममता ने बताया BJP का कैडर
ममता बनर्जी ने कहा, 'लोगों को पता चल गया है कि NIA का इस्तेमाल BJP के कैडर के रूप में किया जा रहा है. जनता इतनी उग्र क्यों है? ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग अब जानते हैं कि एनआईए का इस्तेमाल बीजेपी कैडर के रूप में किया जा रहा है. वे इलाके में हिंसा फैला रहे हैं. चुनाव से पहले पुराने मामले खंगाले जा रहे हैं. वे छापेमारी कर रहे हैं, आरोपियों को पकड़ रहे हैं और लोगों को धमका रहे हैं.'