Uttar Pradesh mainpuri Lok Sabha Seat results 2024: 2024 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के नतीजों ने सभी एग्जिट पोल को हैरान करते हुए बड़ा खेल कर दिया है, इसके चलते भारतीय जनता पार्टी जो 400 पार का नारा लगा रही थी वो अकेले बहुमत के आंकड़े को भी पार नहीं करती नजर आ रही है. इस बीच यूपी के मैनपुरी लोकसभा की सीट के नतीजे आ गए हैं, जहां एक बार फिर से समाजवादी पार्टी का बोलबाला देखने को मिला.
मैनपुरी की सीट पर समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने बीजेपी के जयवीर सिंह को 2 लाख 21 हजार 639 वोटों से हराकर जीत हासिल कर ली है.
मौजूदा लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने मैनपुरी की अपनी पारंपरिक सीट से अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को मैदान में उतारा है जिन्हें पिछले चुनावों में मैनपुरी से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं भारतीय जनता पार्टी ने उनके खिलाफ जयवीर सिंह पर दांव लगाया है.
इस लोकसभा सीट पर करीब 23,90,223 वोटर्स हैं जिसमें हिंदू जनसंख्या 90 से 95 प्रतिशत तो वहीं मुसलमान वोटर्स की जनसंख्या 0-5 प्रतिशत है. जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पर ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन वर्ग से आने वाले वोटर्स 5 प्रतिशत के अंदर आते हैं. कैटेगरी की बात करें तो यहां पर 20 प्रतिशत अनुसूचित जाति तो वहीं 80 प्रतिशत वोटर्स जनरल वर्ग से आते हैं. यहां की 13 प्रतिशत आबादी शहरी इलाकों से हैं तो वहीं पर 87 प्रतिशत आबादी ग्रामीण इलाकों से हैं.
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मैनपुरी की सीट से बीजेपी प्रत्याशी प्रेम सिंह शाक्य और सपा उम्मीदवार मुलायम सिंह यादव के बीच सियासी जंग देखने को मिली थी जिसमें सपा के दिवंगत उम्मीदवार मुलायम सिंह यादव को 53.75 फीसदी यानी 524,926 वोट पाकर विजयी बने थे तो वहीं पर बीजेपी प्रत्याशी प्रेम सिंह शाक्य को 44.09 फीसदी यानी 430,537 वोट मिले. मुलायम सिंह यादव के मरने के चलते 2022 में उपचुनाव हुआ जिसमें अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव ने 6,18,120 वोट पाकर जीत हासिल की थी.
मैनपुरी की सीट पर पहली बार लोकसभा चुनाव 1952 में हुए थे जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बादशाह गुप्ता ने जीत हासिल की थी. वहीं 1957 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के बंसी दास धनगर ने कांग्रेस से सत्ता छीनने का काम किया. 1962 में कांग्रेस के लिए बादशाह गुप्ता ने एक बार फिर वापसी कराई तो वहीं 1967 और 1971 में महाराज सिंह ने इसे बरकरार रखा. 1977 में जनता पार्टी के रघुनाथ सिंह वर्मा ने जीत हासिल की तो 1980 में जनता पार्टी (सेक्युलर) की टिकट पर अपनी सीट को बरकरार रखा.
1984 में कांग्रेस के बलराम सिंह यादव ने जीत हासिल की तो वहीं जनता दल के उदय प्रताप सिंह ने 1989 में फिर कांग्रेस से जीत छीन ली. बलराम सिंह यादव ने 1991 में जनता पार्टी की टिकट पर इसे अपने पास बरकरार रखा. हालांकि 1996 से इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्जा रहा है. सपा के लिए इस सीट पर मुलायम सिंह यादव (1996, 2004,2009,2014, 2019), बलराम सिंह यादव (1998,1999), धर्मेंद्र यादव (2004), तेज प्रताप सिंह यादव (2014) और डिंपल यादव (2022) ने जीत हासिल की है.