Uttar Pradesh Ajamgarh Lok Sabha Seat results 2024: धर्मेंद्र यादव या फिर दिनेश लाल खेसारी? आजमगढ़ की सीट पर किसने बाजी मारी?

Uttar Pradesh Ajamgarh Lok Sabha Seat results 2024: उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ की लोकसभा सीट पर जहां इंडिया गठबंधन की ओर से समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को मैदान में उतारा है तो वहीं पर उनका सामना भोजपुरी स्टार और बीजेपी सांसद दिनेश लाल खेसारी को मैदान में उतारा है. आइये एक नजर इस सीट के नतीजों पर डालते हैं

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Uttar Pradesh Ajamgarh Lok Sabha Seat results 2024: उत्तर प्रदेश की आजमगढ़ लोकसभा सीट पर समाजवादी पार्टी ने एक बार फिर वापसी कर ली है. उपचुनाव जीतकर आजमगढ़ के सांसद बने भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव यहां से चुनाव हार गए हैं. अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव ने इस बार दिनेश लाल यादव उर्फ निरहुआ को 1.61 लाख वोटों के अंतर से हराकर अपनी पिछली हार का बदला ले लिया है. 

इस सीट पर धर्मेंद्र यादव को 5,08,239 वोट मिले. वहीं, दूसरे नंबर पर रहे निरहुआ को 3,47,204 वोट मिले. बसपा के मशहूद सबीहा अंसारी को 1.79 लाख वोट मिले. आजमगढ़ लोकसभा सीट पर NOTA को 6234 वोट मिले.

2024 में किसके बीच है मुकाबला?

यूपी के सबसे अहम निर्वाचन क्षेत्रों में शुमार आजमगढ़ की सीट पर जहां भारतीय जनता पार्टी ने भोजपुरी सिंगर-एक्टर और मौजूदा सांसद निरहुआ पर दांव लगाया है तो वहीं पर समाजवादी पार्टी ने अपने अध्यक्ष अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव को चुनावी मैदान में उतारा है.

जातीय समीकरण

इस लोकसभा सीट पर करीब 23,76,146 वोटर्स हैं जिसमें हिंदू जनसंख्या 80 से 85 प्रतिशत तो वहीं मुसलमान वोटर्स की जनसंख्या 15 से 20 प्रतिशत है. जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पर ईसाई, सिख, बौद्ध, जैन वर्ग से आने वाले वोटर्स 5 प्रतिशत के अंदर आते हैं. कैटेगरी की बात करें तो यहां पर 25 प्रतिशत अनुसूचित जाति तो वहीं 75 प्रतिशत वोटर्स जनरल वर्ग से आते हैं. यहां की 14 प्रतिशत आबादी शहरी इलाकों से हैं तो वहीं पर 86 प्रतिशत आबादी ग्रामीण इलाकों से हैं.

2019 में कौन जीता था?

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी दिनेश लाल यादव ने अपना राजनीतिक डेब्यू आजमगढ़ की लोकसभा सीट से किया था लेकिन उन्हें यहां पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से करीब 15 प्रतिशत वोट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा था. जहां अखिलेश यादव ने 60.04 फीसदी यानी कि 6,21,578 वोट हासिल किए तो वहीं दिनेश लाल यादव को 35.01 फीसदी यानी 3,61,704 वोट ही मिले थे. हालांकि जब अखिलेश यादव ने इस सीट से इस्तीफा दिया तो 2022 में उपचुनाव हुआ और दिनेश लाल यादव ने 312,768 वोट पाकर जीत हासिल की. दिनेश लाल यादव ने इस सीट पर महज 8,679 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.

लोकसभा सीट का इतिहास

आजमगढ़ लोकसभा सीट की बात करें तो 1952 से लोकर 1977 तक यहां पर कांग्रेस का दबदबा देखने को मिला. इसकी शुरुआत अलगू राय शास्त्री ने 1952 में की, जिसे 1957 में कालिका सिंह, 1962 में राम हरख यादव और चंद्रजीत यादव ने 1967 और 1971 में जारी रखा. 1977 में जनता पार्टी के लिए राम नरेश यादव ने कांग्रेस के विजय रथ पर लगाम लगाई लेकिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई) के लिए मोहसिना किदवई ने 1978 में इसे छीन लिया. 1980 में जनता पार्टी (सेक्युलर) ने सीट पर कब्जा जमाया तो 1984 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संतोष सिंह ने फिर से पार्टी के लिए जीत हासिल की.

बहुजन समाज पार्टी के 1989 में राम कृष्ण यादव ने जीत हासिल की तो वहीं 1991 में जनता दल के लिए चंद्रजीत यादव ने फिर से जीत हासिल की. 1996 में समाजवादी पार्टी के लिए रमाकांत यादव ने जीत हासिल की तो वहीं बहुजन समाज पार्टी के लिए अकबर अहमद ने 1998 में अपनी पार्टी की वापसी कराई. 1999 में एक बार फिर से रमाकांत यादव ने समाजवादी पार्टी के लिए चुना जीता तो वहीं 2004 में बहुजन समाज पार्टी की टिकट पर जीत हासिल की.

2008 में अकबर अहमद ने बहुजन समाज पार्टी के लिए यहां से चुनाव जीता तो 2009 में भारतीय जनता पार्टी के लिए रमाकांत यादव ने यहां पहली बार जीत हासिल की. 2014 में मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी की वापसी कराई तो 2019 में अखिलेश यादव ने इस जीत को बरकरार रखा, हालांकि 2022 में जब उपचुनाव हुआ तो भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव खेसारी ने बीजेपी की टिकट पर यहां से जीत हासिल की.