Lok Sabha Election: यूपी की मुरादाबाद लोकसभा सीट पर मुकाबला इन दिनों दिलचस्प होता जा रहा है. दरअसल, सपा ने सोमवार को इस सीट पर उपने उम्मीदवार बदल दिए हैं. पार्टी ने डीपी यादव की जगह अब जयवीर यादव को उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है. मुरादाबाद सीट से जयवीर सिंह को उम्मीदवार बनाने के बाद पार्टी में एक बार फिर भीतरी कलह सामने आई है जो मुरादाबाद में सपा के मौजूदा सांसद एसटी हसन की जगह रुचि वीरा को शामिल करने के बाद पैदा हुई थी.
सूत्रों के अनुसार डीपी यादव से टिकट इसलिए वापस लिया गया क्योंकि वीरा के अभियान में उनकी भागीदारी सपा के उम्मीदों के अनुरूप नहीं थी. सपा की ओर से तिरस्कृत किए जाने के बाद एसटी हसन ने पहले ही खुद को वीरा के अभियान से अलग कर लिया है. इस सब के बीच अब हर किसी की नजर अखिलेश यादव की उस रैली पर है जो रविवार को होनी है. आइए जानते हैं कि इस लोकसभा सीट से जीत दर्ज करने के लिए सपा को किन-किन चुनौतियां का सामना करना पड़ सकता है.
सपा के मुखिया अखिलेश यादव की इस रैली को लेकर मुरादाबाद सीट से सपा उम्मीदवार जयवीर सिंह का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि वह पार्टी के वरिष्ठ नेता एसटी हसन को रैली में शामिल होने के लिए मनाने जाएंगे. जयवीर सिंह ने कहा कि अगर हसन साहब (वीरा के) समर्थन में सामने आते हैं तो इससे मतदाताओं में एक अच्छा संदेश जाएगा. मेरा तत्काल काम उन सभी को शांत करना है जो उम्मीदवार के बदलाव से नाराज हैं.
सपा में हुए बदलाव पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने हाल में ही कहा था कि डीपी यादव एकतरफा फैसले ले रहे थे और यह पार्टी में कई लोगों को पसंद नहीं आया. उन्होंने कहा कि जयवीर अधिक अनुभवी हैं और वीरा भी उनके काम की सराहना करती हैं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि पार्टी में जल्द ही सब कुछ सामान्य हो जाएगा.
सपा के कुछ नेताओं की मानें तो मुरादाबाद के पूर्व महापौर हसन की जगह एक हिंदू चेहरा वीरा को लाना मुस्लिम मतदाताओं के एक वर्ग को पार्टी से दूर बसपा की ओर ले जा सकता है. बता दें, बसपा ने नगर पालिका के वर्तमान अध्यक्ष और स्थानीय ओबीसी मुस्लिम नेता इरफान सैफी को मैदान में उतारा है.
मुसलमानों को सपा का प्रमुख वोटर माना जाता है. मुरादाबाद सीट की अगर हम बात करें तो यहां 17 लाख मतदाता हैं जिनमें से 47% वोटर मुसलमान हैं. इनमें से एक बड़ा हिस्सा पसमांदा मुसलमानों का है और बीजेपी की ओर से पसमांदा मुसलमानों को साधने पर लगातार जोर दिया जा रहा है. यहां मुस्लिम वोटर अगर इधर उधर होते हैं तो निश्चित तौर पर बीजेपी उम्मीदवार कुंवर सर्वेश कुमार को इसका लाभ मिलेगा.