'ये सुल्तानपुर है, यहां सांसद नहीं माता जी कहते हैं...', मां मेनका गांधी के लिए प्रचार करने उतरे वरुण गांधी की अपील

Sultanpur Lok Sabha Seat: भाजपा नेता वरुण गांधी ने सुल्तानपुर में अपनी मां और पार्टी उम्मीदवार मेनका गांधी को अपना समर्थन दिया , और उनके समर्थन में पहली बार चुनाव प्रचार किया.

Sultanpur Lok Sabha Seat: आखिरकार भाजपा नेता वरुण गांधी आज अपनी मां के लिए वोट मांगने चुनावी मैदान में उतर ही गए. भाजपा नेता वरुण गांधी ने सुल्तानपुर में अपनी मां और पार्टी उम्मीदवार मेनका गांधी को अपना समर्थन दिया और जनता से वोट अपील की. उन्होंने कहा कि हमारे देश में 543 निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव हो रहे हैं. कई जगहों पर अनुभवी और प्रभावशाली लोग चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन हमारे देश में एक क्षेत्र ऐसा भी है जहां कोई भी संसद सदस्य (सांसद) को उनके आधिकारिक पदनाम से नहीं बुलाता है, बल्कि हर कोई उन्हें 'मां' कहते हैं.

वरुण गांधी ने मां की भूमिका के प्रति श्रद्धा व्यक्त की, इसे दैवीय शक्ति के समान बताया. उन्होंने कहा कि मां को भगवान के बराबर एक दिव्य शक्ति माना जाता है, क्योंकि जब पूरी दुनिया आपके साथ खड़ी हो या न हो, एक मां आपका साथ कभी नहीं छोड़ती. आज, मैं यहां सिर्फ अपनी मां के लिए समर्थन दिखाने के लिए नहीं हूं, बल्कि मैं यहां सुल्तानपुर की मां के लिए समर्थन दिखाने के लिए हूं. मां की परिभाषा ये है कि वो एक शक्ति है जो सभी की रक्षा करती है, भेदभाव नहीं करती है, मुसीबत के समय मदद करती है और एक मां की डांट के लिए हमेशा अपने दिल में प्यार रखती है, ये भी एक आशीर्वाद है.

वरुण गांधी ने 10 साल पुराने किस्सा भी सुनाया

वरुण ने कहा कि जब हम 10 साल पहले पहली बार चुनाव लड़ने के लिए सुल्तानपुर आए थे, तो लोगों ने कहा कि सर, जो जीवंतता अमेठी में है, जो जीवंतता रायबरेली में है, वही जीवंतता हम सुल्तानपुर में भी चाहते हैं. आज मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि जब देश में सुल्तानपुर का नाम लिया जाता है तो मुख्य धारा की पहली पंक्ति में उसका नाम लिया जाता है.

वरुण गांधी पीलीभीत संसदीय सीट से तीन बार के सांसद रह चुके हैं. इस बार पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया है. उनकी मां मेनका गांधी को भाजपा ने सुल्तानपुर से उम्मीदवार बनाया है. उधर, मेनका गांधी ने कहा कि जब मैंने वरुण से मेरे लिए प्रचार करने के लिए कहा, तो वे मेरे लिए प्रचार करने के लिए तैयार हो गए. वे इसके लिए सुल्तानपुर आए हैं. जो कुछ भी हो चुका है, अब हमें आगे बात करनी चाहिए. अवसर क्षमता से आता है और हर पार्टी में गलत धारणा है कि केवल सांसद ही पार्टी चलाते हैं. भाजपा में एक करोड़ से अधिक सदस्य हैं. लगभग 300-400 सांसद हैं , तो क्या पार्टी में उनके अलावा कोई और नेता नहीं है? अगर आपमें क्षमता है, तो रास्ता जरूर बनेगा.

वरुण की जगह भाजपा ने जितिन प्रसाद को बनाया है प्रत्याशी

वरुण गांधी को 24 मार्च को 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए भाजपा का टिकट देने से इनकार कर दिया गया था और भाजपा ने उनकी जगह पीलीभीत सीट के लिए यूपी के लोक निर्माण मंत्री जितिन प्रसाद को चुना है.  राहुल गांधी और वरुण गांधी के बारे में पूछे जाने पर मेनका गांधी ने जवाब दिया और कहा कि हर किसी का अपना तरीका और भाग्य होता है. मैं कभी किसी की क्षमता के बारे में नहीं बोलती. मेनका गांधी ने 25 मई को सुल्तानपुर में होने वाले मतदान का भी जिक्र किया और भाजपा की जीत पर भरोसा जताया.

मेनका गांधी ने कहा कि विपक्ष कम से कम सुल्तानपुर सीट नहीं जीत रहा है. मेरा पूरा ध्यान केवल सुल्तानपुर सीट पर है और मैं किसी अन्य सीट पर ध्यान नहीं दे रही हूं. इंडिया अलायंस और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 79 सीटों पर जीत का दावा किया है, लेकिन मेनका गांधी ने इन दावों को खारिज करते हुए भाजपा के लिए सुल्तानपुर सीट सुरक्षित करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की. सुल्तानपुर लोकसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच कड़ा त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. 

मेनका गांधी का मुकाबला समाजवादी पार्टी ने भीम निषाद की जगह रामभुआल निषाद को टिकट दिया है और बसपा ने उदराज वर्मा को मैदान में उतारा है. आजादी के बाद से सुल्तानपुर में कई पार्टियों के सांसद रहे हैं और किसी एक पार्टी का इस सीट पर एकतरफा दबदबा नहीं रहा है. सुल्तानपुर में कांग्रेस ने आठ बार जीत दर्ज की है, जबकि बसपा ने दो बार और भाजपा ने चार बार जीत हासिल की है. भाजपा उत्तर प्रदेश में स्थानीय दलों के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है, जबकि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है. वहीं, बसपा चुनाव में अकेले उतर रही है.