Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव से पहले इन दिनों नेताओं के बीच जुबानी जंग जारी है. आए दिन एक दूसरे के खिलाफ नेताओं के तीखे बोल देखने को मिल रहे हैं. इसी कड़ी में आज कांग्रेस के कद्दावर नेता शशि थरूर की भी एंट्री हो गई है. शशि थरूर ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हिंदी, हिंदुत्व और हिंदुस्तान के प्रभुत्व की तलाश हमारी बहुलवादी चेतना की नींव के लिए खतरा है. इस दौरान उन्होंने बीजेपी के को प्रचार मिल का प्रोडक्ट बताते हुए बीजेपी के उस दावे को खारिज कर दिया जिसमें पार्टी दक्षिण भारत में मजबूत होने का दावा कर रही है.
केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे शशि थरूर ने समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए गए एक इंटरव्यू में कहा कि बीजेपी का धर्म का राजनीतिकरण उस वक्त बहुत आगे बढ़ गया जब पीएम मोदी ने अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की. उन्होंने कहा कि मैं राम का भक्त हूं और मेरे घर के पूजा कक्ष में राम की एक तस्वीर लगी हुई है. मुझे यह पूछने का पूरा अधिकार है कि मुझे अपने राम को भाजपा को क्यों सौंप देना चाहिए. सवालिए लहजे में उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी को भगवान राम पर कॉपीराइट किसने दिया?
शशि थरूर ने कहा देश के वोटर बेरोजगारी, महंगाई जैसे वास्तविक मुद्दों के बारे में जानते हैं. उन्होंने कहा कि लोग धर्म के लिए नहीं बल्कि अपने कल्याण के लिए सरकार चुनते हैं. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि देश का वोटर अगर अपने हित के लिए मतदान करते हैं तो वह बीजेपी को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा देंगे.
शशि थरूर ने बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी से पूर्व में केरल की जनता से तीन वादे किए थे जिसे पूरा नहीं किया गया. उन्होंने कहा कि बीजेपी के पहले वादे में केरल में एक एम्स लाने का था. दूसरा वादा आयुर्वेद विश्वविद्यालय लाने का और तीसरा वादा तिरुवनंतपुरम में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग को विकलांगता अध्ययन के लिए एक राष्ट्रीय विश्वविद्यालय में अपग्रेड करने का था.
बीजेपी पर देश को बांटने की साजिश का आरोप लगाते हुए थरूर ने कहा कि अगर कोई तथाकथित उत्तर-दक्षिण विभाजन सहित सांप्रदायिक, भाषाई या क्षेत्रीय मुद्दों पर देश को विभाजित कर रहा है, तो वह बीजेपी है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और गैर-भाजपा दलों द्वारा शासित राज्यों को अधिक धन देने के उनके अहंकार ने बड़ी चिंताएं पैदा कर दी हैं. अगर यह सरकार किसी तरह दोबारा सत्ता में आती है तो वास्तविक डर है कि वे इसे कैसे संभालेंगे. उन्होंने आगे कहा कि पूर्ण सत्ता की तलाश में, क्या वे निर्वाचन क्षेत्रों में गड़बड़ी करके खुद को दो-तिहाई बहुमत देंगे और दक्षिण को अशक्त महसूस करते हुए छोड़ देंगे?