'अयोध्या से मोदी ही लड़ने वाले थे लेकिन हार का डर था...', अवधेश प्रसाद ने BJP को जमकर लपेटा

देश में भारतीय जनता पार्टी के उभार की सियासी जमीन जिस अयोध्या से तैयार हुई है, वहीं बीजेपी के उम्मीदवार की बुरी हार हुई है. वहां से जीते हैं, सपा के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद. उन्हीं की पार्टी पर कारसेवकों पर गोली चलवाने के आरोप भी लगे. समझिए अब क्या कह रहे हैं.

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उत्तर प्रदेश की धर्म नगरी अयोध्या. यह नगरी, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की प्रयोगशाला कहलाती है. यहीं से बीजेपी को उम्मीद थी कि ऐसी प्रचंड जीत मिलेगी कि हार-जीत का अंतर लाखों में होगा. नतीजा इसके ठीक उलट हुआ. यहीं से बीजेपी प्रत्याशी लल्लू सिंह हारे और सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने भारी मतों से जीत हासिल की. अब वे दावा कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसी सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं लेकिन उन्हें जब खबर मिली तो यहां से हार जाएंगे तो अपने कदम वापस खींच लिए.

अवधेश प्रसाद ने कहा, 'यह चुनाव हमने नहीं अयोध्या की जनता ने जीता है. ये राम को लाए हैं? ये राम को लाने वाले लोग नहीं हैं, ये राम के नाम पर व्यापार करने वाले लोग हैं, इनकी सारी पोल खुल गई. ये ढोंगी लोग हैं. प्रधानमंत्री खुद यहां से लड़ना चाहते थे लेकिन जब उन्हें खूफिया रिपोर्ट मिली कि यह सीट सुरक्षित नहीं है तो उन्होंने अपने पैर पीछे कर लिए.'

कौन हैं अवधेश प्रसाद?

अवधेश प्रसाद, मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे हैं. वे सपा के दिग्गज नेताओं में शुमार रहे हैं. वे दलित समुदाय से आते हैं. अवधेश प्रसाद ने साल 1977 में जनता पार्टी से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. वे अयोध्या के सोहावल विधानसभा से पहली बार विधायक चुने गए थे. वे 1985 से लेकर अब तक 8 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. वे मौजूदा विधायक हैं लेकिन अब सांसद चुन लिए गए हैं.

 

कितने वोटों से जीते हैं अवधेश प्रसाद?

अवधेश प्रसाद, बीजेपी के लल्लू सिंह से कुल 54567 वोटों से जीते हैं. लल्लू सिंह को 499722 वोट पड़े, वहीं 554289 वोट अवधेश प्रसाद को पड़े. बहुजन समाज पार्टी के सच्चिदानंद पांडेय को 46407 वोट पड़े थे. बीजेपी और सपा में जीत का अंतर बहुत ज्यादा था. अब अवधेश प्रसाद का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.