Lok Sabha Election 2024 : भारतीय राजनीति में विवादित बयान और हेट स्पीच के मामले पिछले 10 वर्षों में तेजी से बढ़े हैं. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के हालिया आंकड़ों को देखें तो हेट स्पीच के 2021 के मुकाबले 2022 में 31.25 फीसदी ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं. जबकि 2020 में सात राज्यों में प्रत्येक में 100 से अधिक ऐसे मामले दर्ज किए गए थे. हेट स्पीच और विवादित बयानों को लेकर सुप्रीम कोर्ट लगातार सरकार और दलों को फटकार लगाता रहा है.
एक बार फिर से देश में चुनाव आचार संहिता लगी है. अबकी बार विवादित बयान और हेट स्पीच देने वाले नेताओं से राजनीतक दल दूरी बनाते हुए दिख रहे हैं. कई विवादित बयान देने वाले बयानवीर नेताओं को लोकसभा चुनाव 2024 में टिकट नहीं दिया गया तो कईयो को चुनाव प्रचार से दूर रखा गया है. आइए आपको इनके बारे में बता रहे हैं.
बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी ने 2023 में बहुजन समाज पार्टी के सांसद कुंवर दानिश अली को संसद में अंदर ही निशाना बनाया था. उनके धर्म को को लेकर टिप्पणी की थी. इसके साथ ही मुल्ला.... आंतकी बोला था. जिसके बाद बीजेपी ने इनका टिकट काट दिया.
खुद को चाल, चरित्र और चेहरे को लेकर उत्तम पार्टी बताने वाली बीजेपी ने विवादित बयान देने वाले नेताओं को किनारे लगा दिया है. इस बार के लोकसभा चुनाव में इनको टिकट नहीं दिया गया साथ ही चुनाव प्रचार से भी इन नेताओं को बीजेपी ने दूर कर दिया है. इनमें साध्वी प्रज्ञा, प्रवेश वर्मा, रमेश बिधूड़ी और अनंत हेगड़े
दिल्ली सांसद प्रवेश वर्मा का पार्टी ने टिकट काट दिया है. प्रवेश वर्मा ने दो साल पहले मुस्लिम समुदाय को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने मंच पर खड़े होकर विशेष समुदाय के बहिष्कार की बात की थी. प्रवेश वर्मा के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ था.
अनंत हेगड़े ने बयान दिया था कि अगर NDA को 400 सीटें मिलती हैं तो संविधान को बदल दिया जाएगा. इससे पहले उन्होंने कहा था कि जैसे बाबरी मस्जिद को ध्वस्त किया वैसे ही चिन्नदा पल्ली मस्जिद को भी ध्वस्त करेंगे. हेगड़े पिछले 28 सालों से बीजेपी के सांसद हैं. इतने बड़े नेता का टिकट काटने में भी बीजेपी ने बिल्कुल कौतुही नहीं बरती.
पीलीभीत से कांग्रेस सांसद वरुण गांधी का टिकट भी पार्टी ने विवादित बयानों के चलते काट दिया. वरुण पहले मुस्लिमों को लेकर विवादित बयान देते थे. बाद में वरुण अपनी सरकार औऱ पीएम मोदी को लेकर सवाल करने लगे और बयान देने लगे. इसके चलते उनका टिकट कट गया.
भोपाल से बीजेपी सांसद प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयानों लिस्ट लंबी है. प्रज्ञा ठाकुर ने कभी गोडसे को देशभक्त बताया तो कभी कहा कि लव जेहाद करने वालों को उनके जैसा ही जवाब दों. घर में चाकू में धार लगाकर रखे. इनके और भी विवादित बयान हैं, जिसके चलते आलाकमान ने इनकी भोपाल से टिकट काट दी.
उत्तर प्रदेश में सपा, भाजपा और अब अपनी अलग पार्टी बनाने वाले स्वामी प्रसाद को सपा में रहते अखिलेश यादव ने बयानबाजी पर गलाम लगाने के लिोए कहा था. मौर्य ने कहा, हिंदू धर्म नहीं बल्कि एक धोखा है. कभी भगवान राम के होने पर सवाल उठाया. आखिर में अखिलेश यादव ने भाव देना बंद किया तो सपा छोड़ दिया. फिलहाल अपनी पार्टी बना चुके हैं.
कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत के सोशल मीडिया अकाउंट से मंडी से बीजेपी उम्मीदवार बनाई गईं कंगना रनौत को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट हुआ, जिसके बाद पोस्ट को लेकर विवाद बढ़ गया. इसको देखते हुए कांग्रेस ने सुप्रिया श्रीनेत को चुनाव प्रचार से दूरी बनाकर रखने को कहा है और उनको कहीं से टिकट नहीं दिया गया.
बिहार में राजद कोटे से मंत्री रहे प्रो. चंद्रशेखर ने रामचरित मानस और श्री राम को लेकर सवाल खड़ा किया था. इसके साथ ही तुलसीदास और रामचरित मानस पर बेतुकी टिप्पणियां की थीं. उनका बयान मीडिया में आया तो वह टिकट की रेस से बाहर हो गए. लोकसभा चुनाव में टिकट देने की बारी आई तो लालू ने दूसरी पार्टी से आए उम्मीदवार को औरंगाबाद और नवादा में टिकट दे दिया.