Political files: अमेठी जीतने के लिए कांग्रेस का 43 साल पुराना प्लान! वापसी के लिए 'पापा वाला फॉर्मूला' अपनाएंगे राहुल गांधी?

Political files: अमेठी और रायबरेली की लोकसभा सीटों पर अब तक पूरी तरह से सियासी दावेदारों के नाम का ऐलान नहीं हुआ है जिसके बाद लगातार कयास लगाए जा रहे हैं कि शायद कांग्रेस 1981 में खेले गए पुराने दांव को अपना सकती है. आखिर वो दांव क्या है, आइए जानते हैं-

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Political files: लोकसभा चुनाव के दो चरणों का मतदान पूरा हो चुका है और लगभग सभी राजनीतिक दलों ने आम चुनावों के लिए सभी राजनीतिक सीटों पर अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. हालांकि कांग्रेस ने अभी तक उत्तर प्रदेश की दो पारंपरिक सीटों पर अभी तक प्रत्याशी के नाम का ऐलान नहीं किया है, जिसके चलते अब कयासों का बाजार गर्म हो चुका है.

यहां जिन दो सीटों की बात हो रही है वो है उत्तर प्रदेश की रायबरेली और अमेठी की सीट जिन पर कांग्रेस ने अब तक अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है. रिपोर्ट के अनुसार अमेठी में कांग्रेस पिछली हार के बावजूद एक बार फिर से राहुल गांधी को प्रत्याशी बनाकर उतार सकती है तो वहीं पर रायबरेली से सोनिया गांधी की जगह पर प्रियंका गांधी को मौका दिया जा सकता है.

जानें कैसा रहा है दोनों सीट का इतिहास

उल्लेखनीय है कि सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा से पहुंच गई है जिसके बाद इस सीट पर प्रियंका गांधी को मौका दिया जा सकता है. रायबरेली की बात करें तो यहां से कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने ही अभी तक प्रत्याशी को लेकर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. बीजेपी ने वरुण गांधी को यहां से लड़ने का ऑफर जरूर दिया था लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया. उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने आखिरी बार इस सीट पर 1998 में जीत हासिल की थी जिसके बाद से वो मोदी लहर में भी ये किला भेद पाने में नाकाम रही थी.

वहीं अमेठी की बात करें तो बीजेपी की स्मृति ईरानी ने 2019 में ही राहुल गांधी को हराकर यहां की सीट पर कब्जा किया और एक बार फिर से यहां पर चुनावी ताल ठोंकने जा रही हैं. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में लगातार ये कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या कांग्रेस अपनी इन दो पारंपरिक सीटों को लेकर 43 साल पुराना प्लान अपनाने जा रही है जो उनके पापा ने अपनाया था.

आखिर क्या है 43 साल पुराना प्लान

उल्लेखनीय है कि 1981 में कांग्रेस ने एक ही दिन में नॉमिनेशन का ऐलान और नॉमिनेशन फाइल करने का काम एक ही दिन किया था. 1981 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस ने पहले उम्मीदवारों का ऐलान नहीं किया था लेकिन पार्टी ने जिस दिन राजीव गांधी को वहां से प्रत्याशी बनाया उन्होंने उसी दिन ही नामांकन फाइल कर दिया था. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राहुल गांधी अपने पापा के प्लान पर चलते हुए एक ही दिन में नॉमिनेशन कर सकते हैं.

राहुल के पक्ष में अमेठी की जनता- सर्वे

कांग्रेस ने पहले ही अमेठी में आंतरिक सर्वे कराया है जिसमें नतीजे राहुल गांधी के पक्ष में आ रहे हैं, इसे देखते हुए कांग्रेस उन्हें एक बार फिर से स्मृति ईरानी के सामने उतार सकती है. आपको बता दें कि अमेठी लोकसभा के लिए नॉमिनेशन की प्रक्रिया 26 अप्रैल को ही शुरू हो चुकी है और प्रत्याशी के नाम को फाइल करने के लिए 3 मई आखिरी तारीख है जबकि नाम वापस लेने के लिए 6 मई आखिरी तारीख है. यहां पर लोकसभा चुनाव के पांचवे चरण में 20 मई को मतदान होना है जहां पर कांग्रेस बनाम बीजेपी की सीधी टक्कर है.