भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बारे में कहा जाता है कि यह पार्टी हिंदुत्व की वकालत करती है और इस पार्टी को मुस्लिमों से वोट नहीं मिलता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) को भी सोशल मीडिया पर 'हिंदू हृदय सम्राट' लिखते हैं. मंगलवार को उन्होंने वाराणसी से अपना नामांकन दाखिल किया तो उनसे एक टीवी पत्रकार ने सवाल किया कि क्या मुसलमान उन्हें वोट देंगे? प्रधानमंत्री ने जो जवाब दिया है, वह सुनने लायक है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'मैं मानता हूं कि मेरे देश के लोग मुझे वोट देंगे. मैं जिस दिन हिंदू मुसलमान करूंगा न, उस दिन मैं सार्वजनिक जीवन में रहने योग्य नहीं रहूंगा. और मैं हिंदू मुस्लिम नहीं करूंगा. यह मेरा संकल्प है.'
लोकसभा चुनाव 2024 के लिए चौथे चरण के तहत मतदान हो चुका है, अब पांचवे चरण के लिए राजनीतिक पार्टियों ने दमखम लगा दिया है. चुनाव में ध्रुवीकरण अपने चरम पर है. राजनीतिक पार्टियों की ओर से अपने-अपने वोट बैंक को लुभाने की कोशिशें की जा रही हैं. चुनाव में, मंगलसूत्र, मुसलमान, मनमोहन और मंदिर जैसे मुद्दे जमकर उठाए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी भी सार्वजनिक मंचों से इन मुद्दों को उठा चुके हैं.
21 अप्रैल की स्पीच के इतने दिनों के बाद प्रधानमंत्री मोदी की नई सफाई आई है. राजस्थान के बांसवाड़ा की एक रैली में उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था, 'पहले जब उनकी सरकार थी, उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है. इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठी करके किसको बाटेंगे. जिनके ज्यादा बच्चे हैं उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा. आपको मंजूर है ये?'
क्या इस वजह से रणनीति बदल रहे हैं पीएम मोदी?
चार चरणों के चुनाव हो गए हैं. ज्यादातर हिंदू बाहुल सीटों पर चुनाव पूरा हो चुका है. ऐसा कहा जाता है कि मुस्लिम महिलाएं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की साइलेंट वोटर हैं. कांग्रेस के मानवाधिकार प्रकोष्ठ के नेता रहे प्रमोद उपाध्याय बताते हैं कि प्रधानमंत्री अब मुस्लिम वोटरों को अपने पक्ष में करने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं, जबकि पहले उन्होंने खुद मुस्लिमों को लेकर जो कुछ कहा था, वह इस लाइन से अलग है.
कांग्रेस नेता प्रमोद उपाध्याय ने कहा कि अभी तीन चरणों के चुनाव बाकी हैं, कई राज्य ऐसे हैं, जहां मुस्लिम वोट निर्णायक संख्या में हैं. ऐसे में ऐसे बयान की वजह राजनीतिक भी हो सकती है. प्रधानमंत्री मोदी पहले भी कांग्रेस को मुस्लिम तुष्टीकरण पर घेर चुके हैं. अब देखने वाली बात ये होगी कि आने वाली रैलियों में क्या पीएम मुस्लिमों पर बयान देने से बचेंगे या पहले की तरह तुष्टीकरण को लेकर विपक्ष पर सवाल उठाते रहेंगे.