महिला भागीदारी के नाम पर परिवारवाद बढ़ा रही है पार्टियां! टिकट बंटवारे के आंकड़े देख रह जाएंगे हैरान
Lok Sabha Election: लोकसभा चुनाव के मद्देनजर तमाम राजनीतिक दल अपनी अपनी तैयारियों में जुट गई है. राजनीतिक दलों की ओर से जारी उम्मीदवारों की लिस्ट में महिला भागीदारी के नाम पर परिवारवाद देखने को मिल रही है.
Lok Sabha Election: लोकसभा के लिए चुनावी बिगुल बज चुका है और देश की सभी राजनीतिक पार्टियां इसकी तैयारियों में जुट गई हैं. जहां बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए गठबंधन तीसरी बार सरकार बनाने का दावा कर रहा है तो वहीं पर कांग्रेस समेत विपक्ष में एकजुट हुए इंडिया गठबंधन के दल भी उन्हें रोकने की बात कर रहे हैं. चुनाव आयोग ने 7 चरण में होने वाले चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है जिसके बाद कई पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है तो कुछ पर अभी नामों का ऐलान बाकी है.
राजनीतिक एक्सपर्ट्स की मानें तो इन चुनावों में महिला वोटर्स जीत और हार के फासले को तय करने में सबसे अहम भूमिका रहने वाली है जिसको लेकर राजनीतिक दलों ने पिछले चुनावों के मुकाबले ज्यादा महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. हालांकि जब आप इन उम्मीदवारों पर नजर डालते हैं तो हैरान करने वाले आंकड़े नजर आते हैं जिसमें महिला भागीदारी से ज्यादा परिवारवाद बढ़ता नजर आता है.
बिहार: दो नेता अपनी बेटी को लड़ा रहे हैं चुनाव
बिहार में दो ऐसे नेता हैं जो चाहते हैं कि इन चुनाव में जीत दर्ज कर उनकी बेटी लोकसभा पहुंचे. आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव चाहते हैं कि उनकी दोनों बेटी रोहिणी आचार्य और मीसा भारती चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे. लालू यादव की एक बेटी रोहिणी इन दिनों सारण में चुनाव प्रचार कर रही हैं तो वहीं दूसरी बेटी मीसा भारती पाटलिपुत्र क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रही है चुनाव लड़ सकती हैं. इसके अलावा चुनावी मैदान में सक्रिय एक और उम्मीदवार का नाम शांभवी चौधरी है. शांभवी बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी की बेटी हैं जो समस्तीपुर सीट से चिराग पासवान की पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रही है.
कई नेताओं ने अपनी पत्नी को मैदान में उतारा
बिहार में कई नेता ऐसे भी हैं जो चाहते हैं कि उनकी पत्नी चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे और सत्ता संभाले. एमएलसी दिनेश सिंह की पत्नी वीणा सिंह एलजेपी (आर) से वैशाली में पद के लिए दौड़ रही हैं. इसी तरह शिवहर सीट से में बाहुबली आनंद सिंह की पत्नी लवली आनंद हैं. जेडीयू ने सिवान के पूर्व विधायक रमेश कुशवाहा की पत्नी विजय लक्ष्मी को उम्मीदवार बनाया गया है.
यूपी में भी परिवारवाद का उदाहरण
इसी तरह अगर हम यूपी की बात करें यहां भी नेताओं के बेटियों और पत्नियों को राजनीति में अहम भूमिका निभाते हुए देखा गया है. उदाहरण के तौर पर प्रभावशाली नेता सोनेलाल पटेल की बेटी अनुप्रिया एनडीए के साथ चुनाव लड़ रही हैं. वहीं पूर्व सांसद मुनव्वर हसन की बेटी इकरा हसन कैराना में सपा पार्टी से चुनाव लड़ रही हैं. पुलिस अधिकारी राकेश वर्मा की बेटी श्रेया वर्मा भी चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहीं हैं. सियासी गलियारों में चल रही खबरों की मानें तो प्रियंका गांधी भी किसी लोकसभा सीट से उम्मीदवारी भर सकती हैं. यूपी की लालगंज लोकसभा सीट से बीजेपी ने राजेंद्र सोनकर की पत्नी नीलम सोनकर को तो वहीं, अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी डिंपल को मैनपुरी सीट से चुनाव लड़ा रहे हैं
राजस्थान-छत्तीसगढ़ में परिवार के सदस्यों को टिकट
राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी कई राजनीतिक दलों ने महिला उम्मीदवारों को आगे बढ़ाने के नाम पर परिवार के सदस्यों को टिकट दिए हैं. बीजेपी ने राजस्थान की नागौर सीट से राम प्रकाश मिर्धा की बेटी ज्योति मिर्धा को, भंवरलाल शर्मा की बेटी मंजू शर्मा को जयपुर से प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना है. इसके अलावा कांग्रेस ने झालावाड़-बारां से प्रतिनिधित्व करने के लिए पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया की पत्नी उर्मिला को चुना है.
मध्य प्रदेश में बीजेपी ने शहडोल क्षेत्र में अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए दलबीर सिंह के बेटे हिमाद्री सिंह को चुना है. बालाघाट क्षेत्र में प्रतिनिधित्व करने के लिए खिरसागर पारधी की बेटी भारती पारधी को चुना है. कांग्रेस की बात करें तो उन्होंने रीवा सीट से विधायक अभय मिश्रा की पत्नी नीलम मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है. छत्तीसगढ़ की सरगुजा सीट से तुलेश्वर सिंह की बेटी शशि सिंह को, राजगढ़ सीट के लिए सारंगढ़ के पूर्व राजा नरेश चंद्र सिंह की बेटी मेनका देवी को चुना गया है.
महाराष्ट्र में भी कुछ ऐसा ही उदाहरण देखने को मिल रहा है. बीजेपी ने डिंडोरी में चुनाव लड़ने के लिए हरिश्चंद्र पटेल की बेटी भारती पवार को भी चुना है. नंदुरबार का प्रतिनिधित्व करने के लिए विजय चंद्र गावित की बेटी हिना गावित को चुना गया है. एकनाथ खडसे की बहू रक्षा खडसे रवेड़ सीट की तो वहीं रवि राणा की पत्नी नवनीत राणा अमरावती सीट का प्रतिनिधित्व करेंगी. इसके अलावा अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा को बारामती से, शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले भी इसी सीट से चुनाव लड़ रही हैं. सुशील कुमार शिंदे की बेटी परनीति शिंदे सोलापुर से कांग्रेस की उम्मीदवार हैं.
कर्नाटक में कांग्रेस ने मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी सौम्या को बेंगलुरु दक्षिण से, पूर्व सीएम एस बंगारप्पा की बेटी गीता शिवराज कुमार को शिमोगा से, मंत्री सतीश जारकीहोली की बेटी प्रियंका जारकीहोली को चिकोडी से, शिवानंद पाटिल की बेटी संयुक्ता पाटिल बागलकोट सीट से चुनाव लड़ रही हैं. इसके अलावा एसएस मल्लिकार्जुन की पत्नी प्रभा और पूर्व केंद्रीय मंत्री जीएम सिद्धेश्वर की पत्नी गायत्री दावणगेरे सीट से चुनाव लड़ रही हैं.