रुपाला से नाराज राजपूतों को साधने के लिए बीजेपी की बड़ी चाल, जानें कैसे राजकोट में बचाएगी जीत का ताज
Parshottam Rupala Kshatriya Remark: क्षत्रिय समाज को लेकर केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला की ओर से की गई टिप्पणी पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रही है. क्षत्रियों के गुस्से के बीच कांग्रेस नेता परेश धनानी ने राजकोट से उन्हें चुनौती देने की बात कही है.
Parshottam Rupala Kshatriya Remark: केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला इन दिनों क्षत्रिय समाज की नाराजगी का सामना कर रहे हैं. क्षत्रिय समाज की नाराजगी के बीच गुजरात कांग्रेस के नेता परेश धनानी ने अब उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी है. उन्होंने कहा है कि क्षत्रियों के लिए रूपाला की ओर से की गई टिप्पणी पर विरोध के बावजूद भी बीजेपी अगर लोकसभा चुनाव में परषोत्तम रूपाला को उम्मीदवार बनाए रखती है तो वह राजकोट में चुनावी मैदान में ताल ठोकेंगे.
अमरेली में अपने घर पर कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने रूपाला की टिप्पणियों और भरे दरबार में द्रौपदी के चीरहरण की महाभारत की कहानी के बीच समानताएं बताईं. उन्होंने कहा कि वह और उनकी पार्टी उसी तरह चुप नहीं रह सकते जैसे भीष्म पितामह और गुरु द्रोण थे जब द्रौपदी की मर्यादा का अपमान किया जा रहा था.
'परशोत्तम रुपाला का टिकट रद्द करें बीजेपी'
कांग्रेस नेता परेश धनानी ने कहा कि क्षत्रिय महिलाएं पिछले 15 दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं और मांग कर रही हैं कि बीजेपी रुपाला का चुनाव टिकट रद्द कर दे. रुपाला को या तो उन्हें दौड़ से हट जाना चाहिए या उनकी पार्टी को उनका नामांकन रद्द कर देना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी अगर बीजेपी चुप रही तो वह राजकोट सीट पर रूपाला को चुनौती देने के लिए चुनावी मैदान में उतरने के लिए मजबूर होंगे.
'BJP के भीष्म पितामह और गुरु द्रोण चुप्पी तोड़ें'
परेश धनानी ने कहा कि हमारी बेटियां पिछले 15 दिन से सड़कों पर हैं लेकिन इसके बाद भी बीजेपी में भीष्म पितामह और गुरु द्रोण निष्क्रिय होकर देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि मैं अहंकारी भीष्म पितामह और गुरु द्रोण से निवेदन करना चाहता हूं कि वे अपनी चुप्पी तोड़ें. यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो अवश्य ही महाभारत का एक नया युद्ध छिड़ जाएगा. परेश धनानी ने आगे कहा कि यह कौरवों द्वारा भरे दरबार में द्रौपदी को निर्वस्त्र करने के समान है इसलिए वह और उनकी पार्टी अब चुप नहीं रह सकते.
कौन हैं कांग्रेस नेता परेश धनानी
परेश धनानी की गिनती कांग्रेस के एक कद्दावर नेता के रुप में होती है. वह गुजरात विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता रह चुके हैं. पहली बार उन्होंने महज 26 साल की उम्र में साल 2002 में परशोत्तम रुपाला के खिलाफ चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्होंने तीन बार के मौजूदा विधायक रूपाला को हराया था. साल 2012 में उन्होंने उसी निर्वाचन क्षेत्र में बीजेपी के एक और दिग्गज नेता दिलीप संघानी को और फिर 2017 में पूर्व मंत्री बावकू उंधद को हराकर सीट बरकरार रखी था. हालांकि, 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
क्या बोल गए थे परषोत्तम रूपाला
यह पूरा विवाद परशोत्तम रुपाला का एक कथित वीडियो वायरल होने के बाद शुरू हुआ. वायरल वीडियो में दलितों की एक सभा को संबोधित करते हुए उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि राजा विदेशी शासकों के सामने झुकते थे और उनके साथ रोटी तोड़कर और अपनी बेटियों की शादी करके मैत्रीपूर्ण संबंध बनाते थे. क्षत्रिय समाज ने रूपाला की इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई है.