Lok Sabha Election: बिहार की चर्चित लोकसभा सीट पूर्णिया से पप्पू यादव ने आज निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन कर दिया है. इस दौरान पप्पू यादव ने कहा कि वह मरते दम तक कांग्रेस के साथ हैं. उन्होंने कहा कि मुझे कांग्रेस से अलग करने की तमाम कोशिश की गई है. पप्पू यादव के समर्थन में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के चुनाव-प्रचार करने के सवाल पर वह यह कहकर बचते हुए नजर आए कि उन्हें राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का आशीर्वाद प्राप्त है.
पूर्णिया लोकसभा सीट से एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में पप्पू यादव का उतरना मुकाबले को अब कांटे की टक्कर में बदल देगा. पूर्णिया वह इलाका है जहां पप्पू यादव का दबदबा रहा है. पप्पू यादव ने पिछले 8 दशकों में अपनी छवि एक रॉबिन हुड की तरह बनाई है. पप्पू यादव को आए दिन पीड़ित पक्ष का दर्द बांटने उनके घर पहुंचते हुए देखा गया है. इस सीट पर पप्पू यादव का दबदबा इतना ज्यादा है कि वह कई बार निर्दलीय सांसद भी चुने जा चुके है.
साल 2015 में पप्पू यादव ने 'जाप' के नाम से अपनी पार्टी बनाई थी. पप्पू यादव को इस बात का अंदाजा था कि इस पार्टी के सहारे वह चुनावी मैदान में टिक नहीं पाएंगे. इस बाबत उनकी लगातार कोशिश रही है कि वो या तो एनडीए का या महागठबंधन का हिस्सा बन जाए. साल 2019 में मोदी लहर के दौरान पप्पू यादव की हार हुई थी और उसकी के बाद से पप्पू यादव लगातार कोशिश कर रहे थे कि वह अपना खोया हुआ दबदबा वापस हासिल करें.
पप्पू यादव ने अपनी पार्टी 'जाप' का कांग्रेस में विलय करने के पहले लालू प्रसाद यादव से भी मुलाकात की थी. जानकारी के अनुसार लालू ने ही पप्पू यादव को कांग्रेस में अपनी पार्टी को विलय करने की सलाह दी थी. JAP का कांग्रेस में विलय करने के ठीक बाद पप्पू यादव की ओर से जब पूर्णिया लोकसभा सीट के लिए दावेदारी ठोकी गई तो लालू ने महागठबंधन में शामिल दलों के बीच सीट बंटवारे से पहले ही पूर्णिया सीट से बीमा भारती को उम्मीदवार बना दिया.
पूर्णिया सीट से आरजेडी की ओर से बीमा भारती के टिकट फाइनल होने के बाद पप्पू यादव लगातार कांग्रेस और लालू यादव से गुहार लगाते रहे कि वह एक बार फिर से विचार करें. इन सब के बीच बुधवार को बीमा भारती के नामांकन के दौरान तेजस्वी यादव ने यह स्पष्ट कर दिया कि महागठबंधन उम्मीदवार बीमा भारती हैं और इस सीट पर वह जीत दर्ज करेंगी. इसके बाद पप्पू यादव ने इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया था.
पप्पू यादव की ओर से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन किए जाने के बाद कांग्रेस के नेता चुप्पी साधे हुए हैं. पप्पू यादव के सवाल पर अधिकतर नेता बचते हुए नजर आ रहे हैं. अब चुकी पप्पू ने बगावती तेवर अपना लिया है तो क्या कांग्रेस उनके खिलाफ कोई एक्शन लेगी? पप्पू यादव का कहना है कि उनके कार्यकर्ता कांग्रेस के लिए काम करते रहेंगे.
पप्पू के साथ जो खेला हुआ है जिससे स्थानीय लोगों में भी नाराजगी देखने को मिल रही है. अनुमान यह लगाया जा रहा है कि पप्पू यादव की निर्दलीय उम्मीदवारी महागठबंधन उम्मीदवार बीमा भारती की चुनौती बढ़ा देगी और इसका फायदा निश्चित तौर पर एनडीए के उम्मीदवार को मिलेगा.