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एक मतदाता, दो राज्य, दो वोट; महाराष्ट्र-तेलंगाना बॉर्डर के 14 गांव के 4000 वोटर्स की कहानी

महाराष्ट्र और तेलंगाना बॉर्डर पर स्थित 14 गांवों के लोगों के पास दो राज्य के वोटर आईडी कार्ड हैं. लगभग 4000 मतदाता चुनाव में दो वोट डालते हैं.

लोकसभा चुनाव के लिए सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. चुनाव आयोग मतदाताओं से अपने मत का इस्तेमाल करने का आग्रह कर रहा है. इस बीच महाराष्ट्र और तेलंगाना बॉर्डर पर स्थित 14 गांवों के लगभग 4000 वोटर्र एक बार फिर से चुनाव में दो वोट डालने को तैयार है. यहां के मतदाताओं को दो बार वोट डालने का मौका मिलता है. पहले चरण में महाराष्ट्र के चंद्रपुर में वहीं 13 मई को चौथे चरण में तेलंगाना के आदिलाबद में वोटिंग होनी है. इन दो तारीख को 24 गांव के लोग दो जगहों पर मतदान कर सकते हैं. 

महाराष्ट्र और तेलंगाना के बीच पुराना सीमा विवाद है. इसके कारण कुल 14 गांवों के लोगों के पास दोनों राज्य की सुविधा है. प्रत्येक मतदाताओं के पास दो-दो वोटर आईडी कार्ड हैं और ये लोग तेलंगाना और महाराष्ट्र दोनों जगहों के चुनाव में मतदान करते हैं. इस इलाके में 1956 से सीमा विवाद चला आ रहा है. गांव के लोगों के पास दो-दो मतदाता पहचान पत्र है. 

एक वोट महाराष्ट्र में एक तेलंगाना में 

लोगों के दो-दो राशन कार्ड, आधार कार्ड, मनरेगा कार्ड और अन्य दस्तावेज हैं. एक महाराष्ट्र का है और दूसरा तेलंगाना का है. दोनों राज्य के सरकारी योजना का लाभ भी मिलता है. 1995 में चुने गए पारंडोली के पहले सरपंच लक्ष्मण कांबले कहते हैं, दोनों ग्राम पंचायतें महाराष्ट्र और तेलंगाना सरकारों पर निर्भर हैं और दोनों तरफ के निवासी लगभग सभी चुनावों में भाग लेते हैं.

पूरी उंगली पर लगाई जाएगी चुनावी इंक 

ग्रामीणों के दो जगहों पर वोट डालने के सवाल पर चंद्रपुर के जिला कलेक्टर विनय गौड़ा ने कहा कि हाल में ही में चंद्रपुर और आदिलाबाद जिले के प्रशासनिक अधिकारियों के बीच ये सहमती बनी है कि ग्रामीणों को दो बार वोट नहीं डालना चाहिए क्योंकि ये गैरकानूनी है. उन्होंने कहा कि हम सब इस बारे में समझा रहे हैं. इसके अलावा इस बार हम वोट डालने के बाद लगाने वाले इंक को पूरी तर्जनी पर लगाने का फैसला किया है. जिससे दो बार वोट डालने वाले की पहचान हो सके. दोनों जिलों में वोटर के पूरी उंगली पर स्याही लगाई जाएगी. 

सरपंच ने जताई असहमति

पारंडोली के सरपंच कहते हैं कि हम इस फैसले से असहमत हैं. सरकार को ये पहले तय करना चाहिए था कि कौन सा गांव किस राज्य में है. अगर दो बार वोट डालना गैरकानूनी है तो चुनाव आयोग को किसी एक क्षेत्र से हमारे नाम वोटर लिस्ट से हटा देना चाहिए था. हमें बताया जाए कि हम महाराष्ट्र के निवासी हैं या तेलंगाना के.