लोकसभा चुनाव के नतीजे आ गए हैं. अब यह तो तय है कि सरकार बनेगी, लेकिन किसकी, यह सबकुछ नीतीश कुमार के हाथ में है. अब अगर नीतीश कुमार चाहें तो एनडीए की सरकार बनवाएं, न चाहें तो इंडिया गठबंधन उन्हें लपकने के लिए पूरी तरह से तैयार है. अटकलें इसलिए लग रही हैं कि 'भतीजा' तेजस्वी यादव, अपने 'चाचा' नीतीश के साथ ही दिल्ली लैंड हुआ है. चाचा ऐसे हैं कि उन्हें उनका भतीजा खुद 'पलटूराम' का टैग दे चुका है.
राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने भी अब बता दिया है कि सियासत में कब खेला होने वाला है. उन्होंने कहा है कि इंडिया गठबंधन की बैठक में यह फिक्स हो जाएगा कि लोकतंत्र को बचाने के लिए क्या फैसला होने वाला है. तेजस्वी यादव ने कहा, 'मेरा देश महान है और इस देश की जनता ने पीएम मोदी को हराया है. मैं देशवासियों का धन्यवाद देता हूं. तानाशाही के खिलाफ वोट किया गया है. संविधान और लोकतंत्र को बचाने के लिए वोट किया गया है. जनता मालिक है. शाम की बैठक में देखते हैं क्या निर्णय होता है.'
#WATCH | Bihar CM and JD(U) leader Nitish Kumar arrives in Delhi for the NDA meeting. Party MP Sanjay Kumar Jha is also accompanying him.
— ANI (@ANI) June 5, 2024
"Sarkar toh ab banegi hi," he says. pic.twitter.com/5DbLLdnUhB
नीतीश कुमार की अब छवि ऐसी बन गई है कि लोग न तो उन पर भरोसा कर पा रहे हैं, न ही यह मान पा रहे हैं कि वे विपक्षी पार्टियों से जाकर मिल जाएंगे. सियासी जानकार तो यहां तक कहने लगे हैं कि अगर किसी ने उन्हें प्रधानमंत्री पद की पेशकश की तो वे एनडीए को तत्काल छोड़कर इंडिया गठबंधन के साथ जा मिलेंगे. ऐसा वे कई बार कर चुके हैं. साल 2014 से लेकर अब तक, नीतीश कुमार ने कितनी बार पलटी मारी है, आप सोच भी नहीं पाएंगे.
नीतीश कुमार इस बार बेहद ताकतवर हैं. उनके पास 12 लोकसभा सीटे हैं. उन्हें सत्ता में रहने का हुनर मालूम है. तभी तो अगस्त 2022 में उन्होंने एक बार एनडीए को झटका देकर तेजस्वी के साथ सरकार बनाई. उन्होंने कहा मरना पसंद करूंगा, बीजेपी के साथ जाना नहीं. नीतीश कुमार ने जाना पसंद कर लिया. कुछ दिन सरकार चली, फिर 2024 में एनडीए में लौट आए.
नीतीश कुमार नरेंद्र मोदी को इतना नापसंद करते हैं कि साल 2014 में उन्होंने पीएम फेस को लेकर मोदी का नाम आया तो समर्थन वापस ले लिया. वे कांग्रेस और आरजेडी के साथ चले गए.
2015 के विधानसभा में गठबंधन को प्रचंड बहुमत मिला, बीजेपी सिमट गई तो यह भी नीतीश को रास नहीं आया. 2017 में उन्होंने तौबा कर लिया. फिर वे बीजेपी में लौट गए. 2022 में नीतीश कुमार का मन हुआ कि बीजेपी के साथ नहीं निभाना है. इस बार वे क्या करेंगे, वही जानें, लेकिन उनका अतीत ऐसा है कि खुद बीजेपी कन्फ्यूज है कि क्या नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बन पाएंगे या नहीं.