लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद अब सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई है. दिल्ली में देश भर के बड़े-बड़े नेताओं का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है. नीतीश कुमार दिल्ली के रवाना हो गए हैं. जिस फ्लाइट से नीतीश दिल्ली रवाना हुए हैं उसी फ्लाइट में तेजस्वी यादव भी दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं. दिल्ली में एनडीए की बैठक होनी है. नीतीश कुमार के ठीक पीछे वाली सीट पर तेजस्वी यादव बैठे हैं.
बिहार के दोनों नेता के एक ही फ्लाइट से दिल्ली रवाना होने से सियासी हलचल तेज हो गई है. नई सरकार की गठन में नीतीश कुमार का रोल अहम रहने वाला है. नीतीश किस ओर करवट लेगें इसे लेकर अभी कुछ साफ नहीं है. आज दिल्ली में एनडीए की बैठक में शामिल होने के लिए एनडीए से जुड़े तमाम दल के नेताओं को आज दिल्ली बुलाया गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा चिराग पासवान, जीतन राम मांझी को भी दिल्ली बुलाया गया है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और RJD नेता तेजस्वी यादव पटना से दिल्ली एक ही फ्लाइट से रवाना हुए हैं.
— India Daily Live (@IndiaDLive) June 5, 2024
पटना से दोनों के रवाना होने के बाद एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें नीतीश और तेजस्वी आगे-पीछे बेठे नजर आ रहे हैं.
आज दिल्ली में NDA और INDIA दोनों अलायंस की बैठक होनी है… pic.twitter.com/h6EHmhTn0r
एनडीए गठबंधन एक बार फिर से सरकार बनाने का दावा कर रही है. बीजेपी को अकेले दम पर बहुमत नहीं मिला है. ऐसे में सहयोगी दलों की भूमिका अहम हो गई है. भारत के चुनाव आयोग द्वारा बुधवार को घोषित अंतिम परिणामों के अनुसार, भाजपा ने 240 सीटें जीतीं, जो बहुमत के लिए आवश्यक 272 के आंकड़े से कम है, जबकि कांग्रेस को 99 सीटें मिली हैं. 2024 के परिणाम 2019 और 2014 में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए द्वारा जीती गई 303 और 282 सीटों से बहुत दूर हैं, जिससे उन्हें अपने दम पर बहुमत मिला था.
बिहार में एनडीए ने 30 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं बात की जाए इंडिया गठबंधन की तो नौ सीटों पर जीत हुई है. वहीं पूर्णिया से पप्पू यादव ने निर्दलीय जीत हासिल की है. दिल्ली में उधर इंडिया गठबंधन की भी बैठक होनी है. माना जा रहा है कि इसमें तेजस्वी यादव भी शामिल होंगे. दिल्ली रवाना होने पहले तेजस्वी यादव ने पटना में संवाददाताओं से कहा कि हमारा प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा है. हमने मुद्दों के आधार पर चुनाव लड़ा. भगवान राम ने अयोध्या में भारत को आशीर्वाद दिया. इसलिए, यह बहुत स्पष्ट है कि 'मोदी फैक्टर' खत्म हो गया है. भाजपा बहुमत से बहुत दूर है. अब यह सहयोगियों पर निर्भर है. हमें खुशी है कि हम संविधान की रक्षा करने में काफी हद तक सफल रहे हैं.