menu-icon
India Daily
share--v1

अगर JDU-TDP ने मांगे ये 3 मंत्रालय तो क्या करेगी BJP? समझिए पूरा प्लान

वित्त, गृह और रक्षा मंत्रालय. बीजेपी के सहयोगी दलों की इन तीन मंत्रालयों पर नजर है. ये तीनों बेहद अहम मंत्रालय हैं, जिन्हें देने के लिए बीजेपी का तैयार होना बेहद मुश्किल है. अगर बीजेपी अपने वादों को पूरा करना भी चाहेगी तो इन मंत्रालयों के बिना कभी नहीं कर सकेगी.

auth-image
India Daily Live
Narendra Modi

नरेंद्र मोदी, तल्ख तेवरों वाले राजनेता रहे हैं. उन्हें अपने काम-काज में गैरजरूरी दखल, एकदम नहीं पसंद है. वे कई इंटरव्यू में यह साफ कर चुके हैं कि वे मजबूरी में काम नहीं करते. उनकी कार्यशैली बताती है कि उन्हें ठसक के साथ काम करना आता है. वे अपने काम का क्रेडिट भी लेते हैं और विरोधियों को अपने कामों के जरिए घेरते भी हैं. ऐसी खबरें हैं कि नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू, उन पर 3 अहम मंत्रालयों को लेने का दबाव बना रहे हैं. मंत्रालय भी आम नहीं, रक्षा, गृह और वित्त. ऐसे में अगर यही तीन मंत्रालय भारतीय जनता पार्टी (BJP) अपने सहयोगी दलों को बांट देगी तो मोदी सरकार, सिर्फ 'कागज' पर नजर आएगी, जिसकी मंजूरी न तो नरेंद्र मोदी देंगे, न ही जेपी नड्डा.

नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (BJP) को लोकसभा चुनाव 2024 में स्पष्ट बहुमत नहीं मिला. बीजेपी के खाते में सिर्फ 240 सीटें आई हैं, अपने दम पर बीजेपी सरकार नहीं बना सकती है. 2014 और 2019 में बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिला है. हालांकि एनडीए के पास 292 सीटें हैं, जो बहुमत के आंकड़ों से कहीं ज्यादा है. अब बीजेपी पर तेलगू देशम पार्टी (TDP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) दबाव बना रही है कि उन्हें वित्त, गृह और रक्षा मंत्रालय दिए जाएं. बीजेपी इन्हें नहीं देने वाली है.

तल्ख तेवर, अलग नजरिया, कैसे गृह-वित्त-रक्षा पर समझौता करेगी BJP?

नरेंद्र मोदी सरकार, वित्त, गृह और रक्षा मंत्रालय बेहद अहम है. नरेंद्र मोदी का पूरा विजन, इन्हीं मंत्रालयों पर टिका हुआ है. अगर ये मंत्रालय हाथ से निकलते हैं तो नरेंद्र मोदी की कार्यशैली पर ही सवाल उठ जाएगा. वे एक मजबूर प्रधानमंत्री के तौर पर ही नजर आएंगे.

TDP के पास 16 सांसद हैं और जेडीयू के पास 12 सीटें हैं. दोनों की मांग है कि अहम मंत्रालय उन्हें ही दिया जाए. नरेंद्र मोदी, अपने चुनावी कैंपेन में जमकर कह रहे थे कि वे 2047 के भारत के लिए काम कर रहे हैं, यही तीन मंत्रालय चले जाएंगे तो उनका यह विजन टूट जाएगा, जिसका असर, आने वाले चुनावों पर पड़ेगा.

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी के सहयोगी दल हर चार सांसदों के लिए एक मंत्री की मांग कर रहे हैं. टीडीपी चार कैबिनेट मंत्रालय मांग रही है, जेडीयू 3 मंत्री मांग रही है. 7 सीटों वाली एकनाथ शिंदे की शिवसेना और 5 सीटों वाली चिराग पासवान की एलजेपी, दोनों दो-दो मंत्रालय चाहते हैं.

32 सीटों की कमी और BJP पर पड़ गया दबाव

अगर यूपी से बीजेपी को बड़ा नुकसान नहीं हुआ होता तो नरेंद्र मोदी की वही ठसक बरकरार रहती. बहुमत के लिए 272 सीटें चाहिए, बीजेपी को बहुमत के लिए 32 सीटों का इंतजाम करना होगा. मोदी 3.O की राह में सबसे बड़ा रोड़ा यही है. कुल सहयोगी दलों के सांसदों की संख्या 40 है. 

पहले सारे बड़े मंत्रालय थे पास, अब किसी एक को खोना होगा!

जब बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत की सरकार थी, तब बीजेपी ने सारे अहम मंत्रालय अपने पास रखे थे. अब हाल ये है कि कैबिनेट में सहयोगी दलों के मंत्रियों का बोलबाला रहेगा. बीजेपी अहम मंत्रालयों पर समझौता तो नहीं करेगी लेकिन अभी हालात थोड़े अलग हैं. कोई न कोई, बड़ा मंत्रालय, बीजेपी को गंवाना ही पड़ेगा.


कौन से मंत्रालय बने बीजेपी के लिए नाक की लड़ाई?

BJP रक्षा, वित्त, गृह और विदेश किसी को नहीं देना चाहती है. इन मंत्रालयों पर बीजेपी किसी की सुनेगी भी नहीं. बीजेपी , यूथ अफेयर्स, सड़क एंव परिवहन, कृषि मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, खाद्य मंत्रालय और रेल मंत्रालय अपने पास रख सकती है.


कौन सा मंत्रालय दे सकती है बीजेपी?

इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीजेपी पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्रालय जेडीयू को दे सकती है. एविएशन मिनिस्ट्री और इस्पात टीडीपी को दे सकती है. हो सकता है के राज्य मंत्री के तौर पर अहम मत्रालयों में सहयोगियों को शामिल किया जा सकता है. टीडीपी चाहती है कि बीजेपी उसे स्पीकर का पद ऑफर करे. ऐसा भी नहीं होने वाला है.

अगर नहीं बनी बात तो....? 

नरेंद्र मोदी को जो लोग करीब से जानते हैं, उन्हें पता है कि वे अपने सिद्धांतों से बहुत समझौता नहीं करते. एक उनका पुराना डायलाग है कि 'मैं तो फकीर आदमी हूं जी. झोला उठाकर चल दूंगा.' अगर सहयोगी दल, हद से ज्यादा दबाव बनाएंगे तो बीजेपी ये कदम भी उठा सकती है.