Modi ka Parivar : राजनीति में परिवारवाद और वंशवाद का विरोध करने वाले पीएम नरेंद्र मोदी की पार्टी राजनीति में इसको बढ़ावा देती दिख रही है. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में उम्मीदवारों की 10वीं लिस्ट जारी की है. इसमें गाजीपुर, इलाहाबाद और बलिया समेत 7 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम फाइनल किये गए हैं. इलाहाबाद से नीरज त्रिपाठी, बलिया से नीरज शेखर, मैनपुरी से ठाकुर जयवीर सिंह, फूलपुर से प्रवीण पटेल, कौशाम्बी से विनोद सोनकर, मछलीशहर से बीपी सरोज और गाजीपुर से पारसनाथ सराय को टिकट दिया है.
बीजेपी राजनीति में परिवारवाद को लेकर विपक्ष पर हमलावर रहती है, लेकिन खुद भी राजनीति में परिवारवाद को बढ़ावा देती दिखाई दे रही है. पीएम मोदी राजनीति में वंशवाद और परिवारवाद का विरोध करते हैं लेकिन बीजेपी इसका समर्थन करती दिखाई देती है. पढ़े किन उम्मीदवारों का घराना राजनीति में सक्रिय है.
बलिया सीट पर बीजेपी में देश पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को टिकट दिया है. साल 2007 में पूर्व पीएम के निधन के बाद बलिया सीट खाली हुई थी. तब उप चुनाव में नीरज शेखर समाजवादी पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े थे और सांसद बने थे. इसके बाद 2009 में भी सांसद चुने गए थे.बाद में साल 2014 में बीजेपी प्रत्याशी से हार गए थे. इसके बाद उन्हें राज्यसभा सांसद बना दिया गया था, लेकिन 2019 में सपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया. तब वह बीजेपी में शामिल हो गए थे. इस सीट पर बीजेपी परिवारवाद की राजनीति को प्रोत्साहित करती हुई दिखाई दे रही हैं.
बीजेपी ने इस सीट पर ठाकुर जयवीर सिंह को लोकसभा का टिकट दिया गया है. वर्तमान में वह योगी सरकार में पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री हैं. मैनपुरी सदर विधानसभा सीट से विधायक हैं. उन्हें डिंपल यादव के सामने बीजेपी ने मैदान में उतारा है. ठाकुर जयवीर सिंह के परिवार से कई लोग राजनीति में हैं. उनके बेटे अतुल प्रताप सिंह फिरोजाबाद जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं. बहू अमृता सिंह ब्लॉक प्रमुख हैं. दूसरी बहू हर्षिता अभी फिरोजाबाद की जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. इनके परिवार का व्यवसाय है. इनके परिवार का कोल्ड स्टोरेज, पेट्रोल पंप, रिजार्ट और गाड़ियों का बिजनेस है. इसको टिकट देकर बीजेपी परिवारवाद की राजनीति को बढ़ावा देती दिख रही है.
फूलपुर लोकसभा सीट में बीजेपी ने प्रवीण पटेल को टिकट दिया है. प्रवीण पटेल फूलपुर से दो बार के विधायक रहे हैं. उन्होंने पहली बार बसपा के टिकट पर फूलपुर से साल 2007 में चुनाव लड़ा था. इसके बाद साल 2017 में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था. इसके बाद भी जीत दर्ज की थी. वैसे देखा जाए तो प्रवीण अपने पिता महेंद्र प्रताप पटेल की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. महेंद्र प्रताप झूंसी विधानसभा क्षेत्र से 1984, 1989 व 1991 में विधायक चुने गए थे. उन्होंने जनता पार्टी और कांग्रेस की राजनीति की थी. प्रवीण 2007 में बसपा के टिकट पर फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक बने. वर्ष 2017 से पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए थे.
नीरज त्रिपाठी यूपी सरकार के अपर महाधिवक्ता हैं. बीजेपी ने उन्हें इलाहाबाद संसदीय सीट से मौजूदा सांसद प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी का टिकट काटकर उम्मीदवार बनाया है. उनके पिता केसरी नाथ पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं. बीजेपी केशरीनाथ के परिवार को यहां राजनीति में आगे बढ़ाती हुई दिखाई दे रही है. वंशवाद का विरोध करमने वाली बीजेपी खुद यहां पर परिवारवाद और वंशवाद की राजनीति करती दिख रही है.