menu-icon
India Daily

क्या मध्यप्रदेश में जीत का फॉर्मूला Miss कर गई कांग्रेस, इस मामले में BJP से पिछड़ी

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में अब महिलाओं के नाम पर सियासत तेज हो गई है. प्रदेश में कांग्रेस ने एक तो वहीं बीजेपी ने 6 महिलाओं को लोकसभा का टिकट दिया है. उम्मीदवारों के चयन में महिलाओं की अनदेखी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने है.

auth-image
Edited By: Jitendra Sharma
Lok Sabha Election

Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में महिला वोटरों के नाम पर वोटों की खूब सियासत देखने को मिलती है. तमाम राजनीतिक दलों की ओर से महिला मतदाताओं को साधने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं. देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस भी महिला सशक्तिकरण, महिला शिक्षा और महिला अपराध के मुद्दों पर खूब सियासत करती है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान आधी आबादी (महिलाओं) को उनका हक और न्याय दिलाने की बात करते हुए नजर आए थे लेकिन असल में राहुल गांधी अपने ही पार्टी में महिलाओं को उनका हक नहीं दिला पाए है.

कांग्रेस ने दावेदारी खारिद की महिलाओं की

कांग्रेस के अंदर खाने की खबर यह है कि मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर करीब 300 से ज्यादा महिला उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ने की इच्छा जताते हुए आवेदन दिए थे. इनमें से कई महिला नेत्री भोपाल से लेकर दिल्ली तक अपनी दावेदारी जताती हुई भी नजर आईं थीं. इसके बाद पार्टी ने महिला नेत्रियों की दावेदारी को खारिज कर दिया. 

कांग्रेस ने सिर्फ 1 महिला को दिया टिकट

कांग्रेस ने मध्य प्रदेश की 29 में से 25 लोकसभा सीटों पर अपना प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. इन 25 लोकसभा सीटों में से सिर्फ एक सीट पर पार्टी ने महिला उम्मीदवार को टिकट दिया है. कांग्रेस ने रीवा सीट से नीलम मिश्रा को उम्मीदवार बनाया है. वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी की ओर से 29 में से 6 लोकसभा सीट पर महिला प्रत्याशियों को उम्मीदवार बनाया गया है.

बीजेपी ने 6 महिलाओं को बनाया उम्मीदवार

मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 26 में से 6 सीट पर महिला उम्मीदवारों को टिकट दिया है. पार्टी ने सागर सीट से लता वानखेड़े, भिंड सीट से संध्या राय, रतलाम सीट से अनीता नगर सिंह चौहान, शहडोल सीट से हिमाद्री सिंह, धार सीट से सावित्री ठाकुर और बालाघाट सीट से भारती पारधी को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा है. 

सत्ता तक पहुंचने की चाबी है महिला वोटर

मध्य प्रदेश में महिला वोटर्स को सत्ता तक पहुंचने की चाबी मानी जाती है. सियासी गलियारों में कहा जाता है जिस दल को आधी आबादी यानी महिला वोटर्स का समर्थन होता है उसका जीतना तय होता है. इस बार के लोकसभा चुनाव में 2 करोड़ 72 लाख 33 हजार 945 महिला मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.

वोटिंग परसेंट के हिसाब से अगर देखें तो प्रदेश में 48.57 फीसदी वोटर्स महिलाएं हैं. जानकारों की मानें तो कांग्रेस का महिला प्रत्याशियो से मोह भंग लोकसभा में पार्टी की मुसीबत बड़ा सकता है.

कांग्रेस की ओर से उम्मीदवारों के चयन में महिलाओं की अनदेखी को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने है. इस मुद्दों पर हर तरफ सियासत हो रही है. बता दें, कांग्रेस ने यूपी में लड़की हूं लड़ सकती हूं कैम्पियन के साथ चुनाव प्रचार का आगाज किया था. इस दौरान पार्टी ने यह वादा किया था कि महिलाओं की आबादी के हिसाब से उनकी भागीदारी तय की जाएगी लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसा देखने को नहीं मिला है.