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Lok Sabha Elections 2024: 'लड़की हूं लड़ सकती हूं' कहने वाली प्रियंका चुनाव लड़ने से डरती क्यों हैं?

Lok Sabha Elections 2024: रायबरेली और अमेठी संसदीय सीट पर कांग्रेस ने फैसला कर लिया है. राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ रहे हैं. प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ेंगी.

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Edited By: Abhishek Shukla
Rahul Gandhi and Priyanka Gandhi
Courtesy: PTI

उत्तर प्रदेश की राजनीति में दशकों तक अगर कांग्रेस के लिए कोई सबसे सुरक्षित सीट रही तो वह है अमेठी और रायबरेली. साल 2014 के चुनाव में जब स्मृति ईरानी ने अमेठी में दावेदारी ठोकी तो नजारा बदल गया. वह जीत तो नहीं पाईं लेकिन सेंध जरूर लगा गईं. 2019 में उन्होंने सेंध लगा ली और तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को हरा बैठीं. तब से लेकर अब तक, कांग्रेस का आत्मविश्वास इतना कमजोर हो गया है कि पीढ़ियों से अपनी सबसे सुरक्षित सीट पर भी कांग्रेस के दिग्गज नेता, उतरने को लेकर फैसला नहीं कर पा रहे थे. शुक्रवार को ही अमेठी और रायबरेली में नामांकन का आखिरी दिन है, इसी दिन ऐलान हुआ कि राहुल गांधी रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे और केएल शर्मा अमेठी से. प्रियंका गांधी इस बार भी चुनाव नहीं लड़ेंगी.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पार्टी की बड़ी रणनीतियों में शामिल होती हैं, जमकर रैलियां करती हैं, लाखों की भीड़ जुटाती हैं लेकिन उनकी भी हिम्मत नहीं हो रही है कि वे अमेठी या रायबरेली से चुनाव लड़ जाएं. अमेठी में राहुल का परचम बुलंद रहा है, रायबरेली उनकी मां सोनिया गांधी का गढ़ है लेकिन हाल ऐसा है कि यहां से लड़ने के बारे में वे सोच ही नहीं पा रही हैं. वजह शायद साल 2022 के विधानसभा चुनाव में उनका खराब ट्रैक रिकॉर्ड है. 

क्यों चुनाव लड़ने से डरती हैं प्रियंका गांधी?

प्रियंका गांधी साल 2019 में कांग्रेस महासचिव बनी थीं. उन्हें बिना चुनाव लड़े ये अहम पद मिला था और सीधे यूपी की जिम्मेदारी मिल गई थी. यूपी में उनका प्रदर्शन करीब-करीब शून्य रहा. कांग्रेस सिर्फ रायबरेली बचा पाई और हाथ से दशकों की भरोसेमंद सीट अमेठी चली गई. 80 सीटों वाले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास सिर्फ रायबरेली बची. प्रियंका का एक और इम्तहान बाकी था. साल 2022 का विधानसभा चुनाव हुआ. उन्हें अहम जिम्मेदारी मिली लेकिन इस इम्तहान में भी वे फेल हुईं.

लड़की हूं लड़ सकती हूं नारा लेकिन चुनाव लड़ने से डर

प्रियंका गांधी ने नारा दिया लड़की हूं लड़ सकती हूं. वे यूपी में हो रहे महिलाओं के प्रति अपराधों को लेकर जमकर बोलती हैं. महिला अधिकारों की लड़ाई लड़ती हैं. उन्होंने काफी हद तक ये लड़ाई लड़ी भी. चाहे हाथरस कांड हो या उन्नाव, उन्होंने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ मोर्चा खोला. उनकी रैलियों में हो रही भीड़ ने इशारा किया कि इस बार कांग्रेस की जमीन मजबूत हो जाएगी लेकिन नतीजे ढाक के तीन पात रहे. प्रियंका अपने इस इम्तहान में भी पास नहीं हो पाईं.

प्रियंका की कैंपेनिंग के बाद भी, पूरी कांग्रेस टीम उतरने के बाद भी विधानसभा चुनाव में रामपुर खास और फरेंदा विधानसभा सीट ही जीत पाई. सियासी जानकारों का कहना है कि इसमें प्रियंका की मेहनत नहीं बल्कि इन उम्मीदवारों की मेहनत और पारिवारिक पृष्ठभूमि जीत के लिए जिम्मेदार रही. प्रियंका गांधी को इन्हीं वजहों से सियासत में उतरने से डर लगता है. वे न तो अमेठी से चुनाव लड़ रही हैं, न ही रायबरेली से.

कांग्रेस की सुरक्षित सीटों से कौन लड़ेगा चुनाव?

दावा किया जा रहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी, अमेठी छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ेंगे. यह अमेठी की तुलना में अब उनके लिए ज्यादा सुरक्षित सीट है. अमेठी से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, लड़ती हैं और वहां उन्होंने अपनी जमीन तैयार कर ली है. स्मृति ईरानी, अमेठी में छोटे से छोटे इवेंट में भी पहुंचती हैं, अपनी पार्टी की फायरब्रांड लीडर हैं और चुनाव लड़ती हैं. अमेठी से कांग्रेस केएल शर्मा को चुनाव लड़ा सकती है. 

अमेठी में लहरा रहे भैया-दीदी के पोस्टर, दोनों हैं लापता

अमेठी में राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के पोस्टर जगह-जगह लगे हैं. रायबरेली में जगह-जगह पोस्टर लगे हैं. कांग्रेस पार्टी के सदस्यों का कहना है कि भैया-दीदी आएंगे लेकिन कब, यह बाताना उनके लिए भी मुश्किल है. राहुल गांधी के लिए नई सुरक्षित सीट वायनाड हो गई है. राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आज फैसला ले सकते हैं कि चुनाव लड़ना है या नहीं लेकिन कहीं और देर न हो जाए.