Lok Sabha election 2024: महीनों की तैयारी के बाद, शुक्रवार को लोकसभा चुनाव शुरू हो रहे हैं, जिसमें 21 राज्यों की 102 सीटों पर मतदान होगा. ग्यारह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में शुक्रवार के अंत तक मतदान पूरा हो जाएगा, जिसमें तमिलनाडु की सभी 39 सीटें, उत्तराखंड की सभी पांच सीटें, राजस्थान की 12 सीटें, महाराष्ट्र की पांच सीटें और छह पूर्वोत्तर राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों की सभी सीटें शामिल हैं.
अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में भी विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. 102 सीटों में से 18 अनुसूचित जाति और 11 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 2019 में, जो पार्टियां अब इंडिया गठबंधन और एनडीए (अपने मौजूदा रूप में) का गठन करती हैं, उनमें से प्रत्येक ने इनमें से 48 सीटें जीतीं, जबकि गैर-गठबंधन वाली बसपा और AIDMK ने क्रमशः तीन और एक सीट जीती थी. अविभाजित शिवसेना और एनसीपी ने एक-एक सीट जीती थी.
वोट शेयर के मामले में, एनडीए के 34% की तुलना में इंडिया ब्लॉक की पार्टियों ने इन सीटों पर 41.7% (एनसीपी और शिवसेना में विभाजन के कारण महाराष्ट्र की पांच को छोड़कर) हासिल किया था. उत्तर-पूर्वी राज्यों अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव भी 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के पहले चरण के साथ होंगे. 2019 लोकसभा चुनाव के पहले चरण में आए परिणामों की बात करें तो भाजपा ने अकेले 12 राज्यों में इन 102 सीटों में से 40 सीटें जीतीं थी, इसके बाद तमिलनाडु में DMK ने 24 सीटें जीतीं और आठ राज्यों में कांग्रेस ने 15 सीटें जीतीं थी.
लोकसभा चुनाव के पहले चरण में अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह सहित राज्य और केंद्रशासित प्रदेश , जम्मू-कश्मीर, लक्षद्वीप और पुडुचेरी में 19 अप्रैल को मतदान होगा. इस दौरान 1,625 उम्मीदवार मैदान में होंगे.
यह देखते हुए कि तमिलनाडु की सभी सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, अधिकांश उम्मीदवार (950) इसी राज्य से हैं. पार्टियों में, बसपा ने सबसे अधिक 86 उम्मीदवार उतारे हैं, उसके बाद भाजपा ने 77 उम्मीदवार और कांग्रेस ने 56 उम्मीदवार उतारे हैं.
इस दौरान 251 उम्मीदवार आपराधिक मामलों वाले हैं और राज्यवर बात करें तो सबसे ज्यादा 137 तमिलनाडु में हैं, इसके बाद 28 उत्तर प्रदेश में हैं. लेकिन आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की हिस्सेदारी की बात करें तो पहले चरण की सूची में यूपी 35% के साथ टॉप पर है, इसके बाद नागालैंड 33% और मेघालय 30% के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर काबिज है.
सिक्किम, छत्तीसगढ़, मिजोरम और मणिपुर में कोई भी उम्मीदवार लंबित मामलों वाला नहीं है. चुनावों में जाने वाले छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में एक-चौथाई से अधिक उम्मीदवारों को मामलों का सामना करना पड़ रहा है. सभी पार्टियों में भाजपा के सबसे ज्यादा 28 उम्मीदवार मुकदमों का सामना कर रहे हैं.
भाजपा: 28 उम्मीदवार (सभी पार्टी उम्मीदवारों का 36%)
कांग्रेस: 19 (34%)
डीएमके, एआईडीएमके: 13 प्रत्येक (59%, 36%)
बीएसपी, एनटीके: 11 प्रत्येक (13%, 28%)
पीएमके: 6 (60%)
पहले चरण में भाग लेने वाले उम्मीदवारों में से 450 उम्मीदवार ऐसे हैं जो करोड़पति हैं. इसमें एक बार फिर से तमिलनाडु की हिस्सेदारी सबसे अधिक (202) है, इसके बाद राजस्थान (37) और महाराष्ट्र (36) हैं. लेकिन उम्मीदवारों की हिस्सेदारी के मामले में, मेघालय में सबसे अधिक 70% करोड़पति हैं, इसके बाद मिजोरम और नागालैंड में 67% और अरुणाचल प्रदेश में 64% करोड़पति हैं. भाजपा के सभी उम्मीदवारों में सबसे अधिक 69 या 90% करोड़पति हैं, उसके बाद कांग्रेस में 49 या 88% उम्मीदवार हैं.
नकुलनाथ, कांग्रेस | छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश से चुनाव लड़ना | संपत्ति: 717 करोड़ रुपये
अशोक कुमार, एआईएडीएमके | इरोड, तमिलनाडु से चुनाव लड़ना | संपत्ति: 663 करोड़ रुपये
देवनाथन यादव टी, बीजेपी | शिवगंगा, तमिलनाडु से चुनाव लड़ना | संपत्ति: 305 करोड़ रुपये
2019 में इन 102 सीटों पर सिर्फ 10 महिलाएं जीतीं. चरण 1 में 135 महिला उम्मीदवारों में से, तमिलनाडु की हिस्सेदारी सबसे अधिक 76 है, लेकिन राज्य में उनकी हिस्सेदारी केवल 8% है. पहले चरण में, महिला उम्मीदवारों की हिस्सेदारी एक तिहाई से काफी कम है, जो हाल ही में पारित महिला आरक्षण अधिनियम, 2023 के माध्यम से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों का अनुपात है. मेघालय में, 20 % उम्मीदवार महिलाएं हैं. छह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में तो कोई भी महिला उम्मीदवार नहीं है.
पहले चरण के सबसे कम उम्र के उम्मीदवार की बात करें तो 6 निर्दलीय उम्मीदवार 25 साल के हैं जबकि मध्य प्रदेश के सीधी में 83 वर्षीय निर्दलीय भगवान प्रसाद तिवारी सबसे उम्रदराज उम्मीदवार हैं.
तमिलनाडु
कुल सीटें: 39
कुल मतदाता: 6.2 करोड़
पहली बार मतदाता: 10.9 लाख
2019 मतदान: 72.49%
उत्तराखंड
कुल सीटें: 5
कुल मतदाता: 83.37 लाख
पहली बार मतदाता: 1.29 लाख
2019 मतदान: 62.36%
नॉर्थईस्ट राज्य
कुल सीटें: 15 (असम: 5; मणिपुर: 2; अरुणाचल: 2; मेघालय: 2; मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम, त्रिपुरा: 1)
राजस्थान
कुल सीटें: 12 (अलवर, भरतपुर, बीकानेर, चूरू, दौसा, गंगानगर, जयपुर, जयपुर ग्रामीण, झुंझुनू, करौली-धौलपुर, नागौर, सीकर)
अन्य प्रमुख राज्यों में चुनाव होने जा रहे हैं
बिहार: 4 सीटें (औरंगाबाद, गया, नवादा, जमुई), 2019 में इन सभी सीटों पर एनडीए (बीजेपी 1, जेडी (यू) 1, एलजेपी 2) ने जीत हासिल की थी.
छत्तीसगढ़: 1 सीट (बस्तर), 2019 में कांग्रेस ने जीती थी.
मध्य प्रदेश: 6 सीटें (शहडोल, सीधी, बालाघाट, जबलपुर, मंडला, छिंदवाड़ा) 2019 में इन सीटों पर 5 बीजेपी और 1 कांग्रेस ने जीतीं थी.
महाराष्ट्र: 5 सीटें (भंडारा-गोंदिया, गढ़चिरौली-चिमूर, नागपुर, चंद्रपुर, रामटेक) 2019 में इन सीटों पर 3 भाजपा ने, 1 कांग्रेस ने और 1 तत्कालीन अविभाजित शिवसेना ने जीती थी.
उत्तर प्रदेश: 8 सीटें (कैराना, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, बिजनौर, नगीना, सहारनपुर, मोरादाबाद, रामपुर) 2019 में इन सीटों पर 3 बीजेपी, 3 बीएसपी और 2 एसपी ने जीती थी.
पश्चिम बंगाल: 3 सीटें (अलीपुरद्वार, कूच बिहार, जलपाईगुड़ी) 2019 में इन सभी सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी.
मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस को मौजूदा सांसद नकुल नाथ बनाम बीजेपी के विवेक 'बंटी' साहू के बीच रोमाचंक लड़ाई रहेगी. महाराष्ट्र की नागपुर सीट पर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और कांग्रेस विधायक विकास ठाकरे पर भी नजर रहेगी. तमिलनाडु की साउथ चेन्नई सीट पर भाजपी की ओर से तेलंगाना के पूर्व राज्यपाल तमिलिसाई सौंदर्यराजन का मुकाबला एआईडीएमके के पूर्व सांसद जे जयवर्धन और डीएमके के मौजूदा सांसद थमिझाची थंगापांडियन से होगा.
तमिलनाडु की कोयंबटूर सीट पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के अन्नामलाई का मुकाबला एआईडीएमके के सिंगाई जी रामचंद्रन और कोयंबटूर के पूर्व मेयर गणपति पी राजकुमार डीएमके से चुनावी ताल ठोंकते नजर आएंगे. पिछली बार यह सीट सीपीआई (एम) के खाते में गई थी. असम की जोरहाट सीट पर कलियाबोर के मौजूदा सांसद और कांग्रेस प्रत्याशी गौरव गोगोई और जोरहाट के मौजूदा सांसद टोपोन गोगोई के बीच होना है.