Lok Sabha Elections 2024: अमेठी लोकसभा सीट से प्रत्याशी क्यों नहीं घोषित कर रही कांग्रेस?
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2004, 2009 और 2014 में अमेठी से जीत दर्ज करने वाले राहुल गांधी लगातार दूसरी बार वायनाड से चुनाव लड़ने जा रहे हैं. पिछली बार उन्होंने अमेठी से भी चुनाव लड़ा था लेकिन उन्हें स्मृति ईरानी से हार का सामना करना पड़ा था. भाजपा ने तो स्मृति को यहां से दोबारा मौका दे दिया है, लेकिन कांग्रेस की ओर से अब तक इस सीट पर प्रत्याशी का ऐलान नहीं किया गया है.

Lok Sabha Elections 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से कांग्रेस 17 पर चुनाव लड़ रही है. उत्तर प्रदेश की रायबरेली और अमेठी ऐसी लोकसभा सीट है, जो कांग्रेस का गढ़ रही हैं. रायबरेली से 2019 तक जीत दर्ज करने वाली सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा पहुंच चुकी हैं, जबकि अमेठी से 2014 तक जीत दर्ज करने वाले राहुल गांधी 2019 में हार के बाद केरल के वायनाड लोकसभा सीट पर शिफ्ट हो गए हैं. कांग्रेस ने अब तक अमेठी सीट से लोकसभा उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है.
भाजपा ने 2019 में अमेठी सीट से जीत दर्ज करने वाली स्मृति ईरानी को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस अभी तक प्रत्याशी का चयन नहीं कर पाई है. कहा जा रहा है कि गांधी परिवार के करीबी एक परिवार के सदस्य को टिकट दिया जा सकता है या फिर प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा यहां से पहली बार चुनावी ताल ठोंक सकते हैं, हालांकि ये फिलहाल कयास ही है.
आखिर कब कयासों पर लगेगा विराम?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, केरल की वायनाड सीट पर लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना है. वहीं, उत्तर प्रदेश की अमेठी और रायबरेली सीट पर मतदान 5वें चरण में है, जिसके लिए 20 मई को वोटिंग होगी और नामांकन की शुरुआत 27 अप्रैल (वायनाड में वोटिंग के एक दिन बाद) को होगी. ऐसे में कांग्रेस आलाकमान वायनाड सीट पर वोटिंग के बाद ही आखिरी समय में अमेठी से प्रत्याशी की घोषणा कर सकता है.
यूपी कांग्रेस के कुछ नेताओं की मानें तो पार्टी आखिरी समय में रायबरेली और अमेठी सीट से राहुल और प्रियंका को उम्मीदवार बना सकती है. लेकिन इसकी संभावना कम ही दिख रही है, क्योंकि पार्टी की ओर से उम्मीदवार की घोषणा न होने पर यहां प्रचार शुरू नहीं हुआ है. ऐसा भी नहीं है कि पुराने वक्त में कांग्रेस का गढ़ होने की वजह से बिना चुनाव प्रचार के राहुल और प्रियंका को जीत मिल जाएगी. ऐसे में ये संभावना कम है कि राहुल गांधी अमेठी से जबकि प्रियंका गांधी रायबरेली से उम्मीदवार होंगी.
भाजपा भी चाहती है कि चुनाव स्मृति ईरानी बनाम राहुल गांधी हो!
सूत्रों के मुताबिक, भाजपा लगातार कोशिश कर रही है कि अमेठी में लोकसभा चुनाव स्मृति ईरानी बनाम राहुल गांधी हो जाए. हाल ही में स्मृति ईरानी, वायनाड लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार के समर्थन में रोड शो करने वायनाड तक पहुंच गई थीं. माना जा रहा है कि स्मृति ईरानी, राहुल गांधी को अमेठी आने की चुनौती दे रही हैं.
अब जरा 2019 के लोकसभा चुनावों के परिणाम की बात कर ली जाए
2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में मौजूद कांग्रेस को दो किला में से एक यानी कि अमेठी ढह गया था. ढहा भी ऐसा था कि पूरे उत्तर प्रदेश समेत देशभर में इस सीट की चर्चा हो रही थी. कारण ये कि टीवी अभिनेत्री से राजनेता बनी स्मृति ईरानी ने कांग्रेस के 'भावी प्रधानमंत्री उम्मीदवार' को उनके ही गढ़ में पटखनी दे दी थी.
उम्मीदवार | परिणाम | वोट | वोट शेयर |
स्मृति ईरानी (भाजपा) | विजेता | 4,68,514 | 49.71% |
राहुल गांधी (कांग्रेस) | निकटतम प्रतिद्वंद्वी | 4,13,394 | 43.86% |
अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ कैसे?
अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस का गढ़ इसलिए रही है कि इस सीट से राहुल गांधी के अलावा, गांधी परिवार के तीन सदस्य कई लोकसभा चुनावों से जीत दर्ज करते आ रहे थे. राहुल गांधी के अलावा, अमेठी सीट से संजय गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी ने अलग-अलग लोकसभा चुनावों में जीत दर्ज की थी.
2019 में जीत दर्ज करने से पहले यानी 2014 के चुनाव में भी स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को कड़ी टक्कर दी थी. हालांकि, स्मृति ईरानी को 1 लाख से अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. हार के बावजूद स्मृति ईरानी अमेठी में जुटी रहीं और शायद यही वजह रही कि राहुल गांधी ने 2019 में अमेठी के साथ-साथ वायनाड सीट से चुनाव लड़ लिया.
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