Lok Sabha elections 2024: अखिलेश से डिंपल तक... लोकसभा चुनाव में यादव परिवार के कितने कैंडिडेट्स?
Lok Sabha elections 2024: उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से कई सीटें ऐसी हैं, जिन्हें समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है या कहा जाता है. इन सीटों पर अक्सर मुलायम सिंह यादव के परिवार के सदस्य ही चुनाव लड़ते हैं. इस बार भी समाजवादी पार्टी के मुखिया और मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश और बहू डिंपल से लेकर परिवार के कई अन्य सदस्य चुनावी मैदान में हैं.
Lok Sabha elections 2024: उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव... अक्सर कई सीटों पर मुलायम सिंह यादव के परिवार के किसी न किसी सदस्य को चुनाव लड़ते देखा जा सकता है. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर 7 चरणों में मतदान कराए जाएंगे. इन 80 सीटों में से कई सीटें ऐसी हैं, जिन्हें समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. इन सीटों पर अक्सर मुलायम सिंह यादव के परिवार के सदस्यों को ही चुनाव लड़ते देखा गया है. इस चुनाव में भी कई ऐसी सीटें हैं, जिन पर मुलायम सिंह यादव के परिवार के सदस्य चुनावी मैदान में हैं.
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से लेकर उनकी पत्नी डिंपल यादव तक इस चुनाव में अपनी किस्मत आजमा रहीं हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पत्नी डिंपल और चचेरे भाइयों को मिलाकर, इस बार अखिलेश यादव के परिवार के 5 सदस्य चुनावी मैदान में हैं.
यादव परिवार का कौन सा सदस्य, कहां से लड़ रहा चुनाव?
समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव खुद कन्नौज लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. पत्नी डिंपल यादव के अलावा अखिलेश यादव के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव, आदित्य यादव और अक्षय यादव भी चुनावी मैदान में हैं. कहा जा रहा है कि ये पहली बार है, जब समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के परिवार के 5 सदस्य इस लोकसभा चुनाव में मैदान में उतरे हैं.
यादव परिवार के जो पांच सदस्य जिन लोकसभा सीटों से चुनावी मैदान में हैं, उन सीटों को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है. इन लोकसभा सीटों पर यादवों की संख्या काफी अधिक है. आइए, जानते हैं कि कन्नौज से अखिलेश यादव के अलावा उनके परिवार का कौन सा सदस्य किस लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में है.
मैनपुरी, डिंपल यादव
समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव मैनपुरी लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में हैं. मैनपुरी लोकसभा सीट को समाजवादी पार्टी के लिए सुरक्षित सीट माना जाता है. इस सीट से मुलायम सिंह यादव ने 1996, 2009, 2014 और 2019 में जीत दर्ज की थी.
मैनपुरी में बड़ी संख्या में यादव और शाक्य आबादी है और वहां के लोगों ने 2004 और 2014 के उपचुनाव में धर्मेंद्र यादव और तेज प्रताप यादव की जीत सुनिश्चित करके यादव परिवार का समर्थन किया है.
2019 में मुलायम सिंह यादव ने भाजपा प्रत्याशी प्रेम सिंह शाक्य को करीब 1 लाख वोटों से हराया था. 2022 में मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद उनकी बहू डिंपल ने उपचुनाव लड़ा था और भाजपा के रघुराज सिंह शाक्य को 2.88 लाख वोटों से हराया था.
इस बार डिंपल यादव का मुकाबला योगी सरकार में मंत्री जयवीर सिंह से होगा, जो फिलहाल मैनपुरी सदर सीट से विधायक हैं.
आजमगढ़, धर्मेन्द्र यादव
धर्मेंद्र मुलायम के छोटे भाई अभय राम यादव के बेटे हैं. अखिलेश के 45 साल के चचेरे भाई को शुरू में बदायूं से चुनाव लड़ने के लिए चुना गया था, लेकिन बाद में उन्हें आज़मगढ़ ले जाया गया, जहां से 2019 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के चीफ अखिलेश यादव ने जीत हासिल की थी. इस क्षेत्र में यादव और मुस्लिम मतदाताओं का प्रतिशत अधिक है.
बदांयू के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने यहां से 2009 और 2014 में जीत हासिल की थी. हालांकि, धर्मेंद्र यादव आजमगढ़ में 2022 में हुए उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी दिनेश लाल यादव 'निरहुआ' से हार गए थे. इस बार भी धर्मेंद्र यादव का मुकाबला भाजपा के निरहुआ से होगा. दरअसल, इस सीट से 2019 में जीत दर्ज करने वाले अखिलेश यादव ने विधायकी का चुनाव लड़ा था और करहल से जीत हासिल की थी. इसके बाद उन्होंने इस लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था.
बदायूं, आदित्य यादव
मुलायम सिंह यादव के भाई शिवपाल यादव के 35 साल के बेटे बदायूं से चुनावी मैदान में उतरेंगे. बदायूं में समाजवादी पार्टी ने पहले धर्मेंद्र को मैदान में उतारा, फिर शिवपाल को और आख़िरकार जब शिवपाल ने अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतारने की पैरवी की तो उन्होंने आदित्य को मैदान में उतारा.
इस निर्वाचन क्षेत्र में यादवों और मुसलमानों की बड़ी संख्या है, जो इसे आदित्य के लिए एक सुरक्षित सीट बनाती है. आदित्य का मुकाबला पहली बार भाजपा के उम्मीदवार दुर्विजय सिंह शाक्य से होगा, जो यूपी में पार्टी की ब्रज इकाई के क्षेत्रीय अध्यक्ष हैं.
2019 में, स्वामी प्रसाद मौर्य की बेटी संघमित्रा मौर्य (उस समय भाजपा में थीं) ने धर्मेंद्र यादव को 18,454 वोटों से हराया था. कांग्रेस के सलीम शेरवानी तीसरे स्थान पर रहे थे. सलीम इस बार आदित्य का समर्थन कर रहे हैं.
फिरोजाबाद, अक्षय यादव
मुलायम के चचेरे भाई रामगोपाल यादव के 34 साल के बेटे फिरोजाबाद से लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं. यादव परिवार के झगड़े के दौरान रामगोपाल, अखिलेश के साथ खड़े थे और उन्हें पार्टी की कमान संभालने में मदद की थी. अक्षय ने 2014 के लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद से भाजपा प्रत्याशी एसपी सिंह बघेल को 1.14 लाख वोटों से हराया था. 2019 में अक्षय ने भाजपा के चंद्र सेन जादोन से 28,781 वोटों से हार गए थे.
इस सीट पर यादवों और ठाकुरों की अच्छी खासी आबादी है. इस बार अक्षय का मुकाबला भाजपा प्रत्याशी ठाकुर विश्वदीप सिंह से होगा, जो 2014 में तीसरे स्थान पर रहे थे.
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