Jalore-Sirohi Lok Sabha Seat: कांग्रेस का गढ़ माने जाने वाली जालोर-सिरोही लोकसभा सीट पर इस बार भाजपा ने नए चेहरे को मैदान में उतारा है. भाजपा के नए कैंडिडेट का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीदवार वैभव गहलोत से होगा, जो राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे है. हालांकि, पिछले कुछ लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का रिकार्ड खास नहीं रहा है. इस रिकार्ड को सुधारने के लिए कांग्रेस ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत पर दांव लगाया है.
वैभव का मुकाबला सीधे तौर पर भाजपा के उम्मीदवार से होगा. भाजपा ने यहां से लुंबाराम चौधरी को मैदान में उतारा है. इससे पहले भाजपा के ही देवजी एम पटेल इस सीट से सांसद थे, लेकिन पार्टी ने इस बार उनका टिकट काट दिया है. आइए, जानते हैं कौन हैं लुंबाराम चौधरी.
लुंबाराम चौधरी फिलहाल सिरोही जिला परिषद के सदस्य हैं. लुंबाराम चौधरी यहां के तीन बार जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं. किसान परिवार से आने वाले लुंबाराम चौधरी को जमीनी कार्यकर्ता माना जाता है. कहा जाता है कि इलाके में भाजपा के हर बड़े-छोटे कार्यकर्ताओं और नेताओं तक उनकी पहुंच है.
1982 में पॉलिटिक्स में एक्टिव होने वाले लुंबाराम चौधरी ने 10वीं तक की पढ़ाई की है. सबसे पहले वे मीरपुर में बूथ प्रभारी बनाए गए थे. इसके बाद उन्हें किसान मोर्चा का देहात अध्यक्ष बनाया गया. लुंबाराम चौधरी ने सबसे पहले 1995 में वाडेली ग्राम पंचायत से वार्ड पंच का चुनाव लड़ा था. पहली बार में ही लुंबाराम चौधरी को सफलता मिली थी. इसके बाद उन्होंने 2005 में सिरोही पंचायत समिति सदस्य का चुनाव जीता.
पंचायत में सेवा के बाद साल 2020 में उन्होंने जिला स्तर की राजनीति शुरू करने की ठानी और जिला परिषद सदस्य का चुनाव लड़ा. यहां भी पहली बार में उन्होंने जीत का स्वाद चखा.
जालौर सिरोही भाजपा प्रत्याशी #लुंबाराम_चौधरी pic.twitter.com/o7gjBl79Hu
— भवरा राम आँजणा (@Bhavraramaajana) March 2, 2024
जालोर-सिरोही सीट से प्रत्याशी बनाए गए लुंबाराम चौधरी सादगी पसंद नेता माने जाते हैं. इस लोकसभा सीट से उनके नाम के ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें लुंबाराम चौधरी बाइक पर पीछे बैठे नजर आए थे. कहा जा रहा है कि लुंबाराम चौधरी ने 2023 के विधानसभा चुनाव में पार्टी से टिकट मांगा था, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला था. 6 महीने से भी कम समय के बाद पार्टी ने उन्होंने सीधे लोकसभा चुनाव का टिकट दे दिया.
कांग्रेस ने जालोर-सिरोही सीट से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव पर भरोसा जताया है. कहा जा रहा है कि चुनाव तो वैभव लड़ रहे हैं, लेकिन उनके पिता अशोक गहलोत की प्रतिष्ठा दांव पर है. शायद यही वजह है कि पूरा गहलोत परिवार वैभव के पक्ष में चुनाव प्रचार कर रहा है. अशोक गहलोत की पत्नी यानी वैभव गहलोत की मां सुनीता गहलोत, वैभव की पत्नी हिमांशी और बेटी काश्विनी ने जालोर में ही डेरा डाल दिया है.
राजनीतिक जानकारों की मानें तो इस सीट पर बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा केंद्र में हो सकता है. जालोर-सिरोह लोकसभा सीट से पिछले कुछ लोकसभा चुनाव में बाहरी प्रत्याशी को जीत मिलती रही है. इस बार भी ये मुद्दा अगर केंद्र में आया, तो ये वैभव गहलोत के पक्ष में हो सकता है. वैसे इस सीट पर साल 1999 से कांग्रेस प्रत्याशी को जीत हासिल नहीं हुई है. साल 1999 और 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की बी सुशीला, 2009, 2014 और 2019 में भाजपा के देवजी एम पटेल ने चुनाव जीता था.