Ghazipur Lok Sabha Seat : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने आज उम्मीदवारों की 10वीं लिस्ट जारी कर दी. उत्तर प्रदेश की बहुप्रतिक्षित गाजीपुर लोकसभा सीट उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर बीजेपी ने सबको चौंका दिया. यहां से पार्टी ने पारसनाथ राय को टिकट दिया है, जो जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा के करीबी हैं. पारसनाथ राय गाजीपुर के सिखड़ी गांव के रहने वाले हैं.
पारसनाथ राय शुरू से ही संघ से जुडे रहे हैं. विद्यार्थी परिषद के प्रदेश सह मंत्री से लेकर कई पदों पर रहे. फिलहाल अभी संघ में संपर्क प्रमुख के पद पर काम कर रहे हैं. गाजीपुर सीट पर सपा की टिकट पर माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के भाई आफजाल अंसारी मैदान में हैं.
गाजीपुर में कुल सात विधानसभा क्षेत्र हैं. जिले की दो विधानसभा क्षेत्र मोहम्मदाबाद और जहूराबाद बलिया लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है. गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में गाजीपुर सदर, सैदपुर, जखनिया, जमानिया और जंगीपुर गोजीपुर विधानसभा है. जातीय समीकरण बात करें तो यहां सबसे ज्यादा 4.50 लाख यादव, दलित वोटर 4 लाख, राजपूत 2.70 लाख, ब्राह्मण 1.60 लाख, भूमिहार 40 हजार, कुशवाहा 1.20 लाख,अन्य पिछड़ा-1.50 लाख, वैश्य पिछड़ा 1.50 लाख, वैश्य अगड़ा 30 हजार, बिंद 1 लाख और मुस्लिम मतदाता 2.70 लाख है.
गाजीपुर से बीजेपी उम्मीदवार पारसनाथ राय मदन मोहन मालवीय के नाम से शिक्षण संस्थान चलाते हैं. पारस को जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा का करीबी माना जाता है.पारसनाथ राय के बेटे आशुतोष राय भी राजनीति में सक्रिय हैं. वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के यूपी प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. राय पिछले साल अप्रैल में जंगीपुर क्रय विक्रय संघ के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़े थे. इस चुनाव में वे निर्विरोध निर्वाचित हुए थे. पारसनाथ राय ने बीएचयू में पढ़ाई की और इसी दौरान वो मनोज सिन्हा के संपर्क में आए.
अफजाल अंसारी वर्तमान समय में गाजीपुर से सिटिंग एमपी हैं. वह मुख्तार अंसारी के भाई हैं. अफजाल अंसारी ने 1985 के विधानसभा चुनाव में कम्युनिष्ट पार्टी से राजनीति की शुरुआत की थी. पहली बार 1985 में कम्युनिष्ट पार्टी की टिकट पर मुहम्मदाबाद से विधानसभा चुनाव लड़े और जीतकर विधायक बने. अफजाल अंसारी अब तक दस चुनाव लड़ चुके हैं जिसमें से 7 बार जीत हासिल चुके हैं. अब सपा हाईकमान ने उन पर दांव लगाया है.
गाजीपुर में पहला चुनाव 1957 में हुआ और इस सीट से कांग्रेस प्रत्याशी हर प्रसाद सिंह संसद पहुंचे. साल 1962 के चुनाव में कांग्रेस के विश्वनाथ सिंह चुनाव जीते. 1967 के चुनाव में सीपीआई के एस पांडेय को जीत मिली तो 1971 में सीपीआई के सरजू पांडेय चुनाव जीते. 1977 के आम चुनाव में भारतीय लोकदल के गौरी शंकर राय चुनाव जीते. 1980 और 1984 के चुनाव में कांग्रेस से जैनुल बशर चुनाव जीते. साल 1989 के चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी जगदीश ने जीत हासिल की. वहीं 1991 के चुनाव में सीपीआई के विश्वनाथ शास्त्री को विजय मिली.
1996 के चुनाव में पहली बार यहां बीजेपी का खाता खुला और मनोज सिन्हा चुनाव जीते. इसके बाद 1998 के चुनाव में सपा का खाता खुला और ओमप्रकाश यहां से सांसद बने. 1999 के चुनाव में मनोज सिन्हा दोबारा सांसद बने. 2004 में अफजाल अंसारी समाजवादी पार्टी की टिकट पर जीते. 2009 के चुनाव में सपा के राधे मोहन सिंह को यहां से जीत मिली. वहीं 2014 की मोदी लहर में मनोज सिन्हा तीसरी बार यहां से जीतकर संसद पहुंचे, जिसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में एक बार फिर भाजपा के मनोज सिन्हा यहां जीत का परचम लहराया.
साल सांसद का नाम (पार्टी)
2019 अफजाल अंसारी (बहुजन समाज पार्टी)
2014 मनोज सिन्हा (भारतीय जनता पार्टी)
2009 राधे मोहन सिंह (समाजवादी पार्टी)
2004 अफजाल अंसारी (समाजवादी पार्टी)
1999 मनोज सिन्हा (भारतीय जनता पार्टी)
1998 ओमप्रकाश सिंह (समाजवादी पार्टी)
1996 मनोज सिन्हा (भारतीय जनता पार्टी)
1991 विश्वनाथ शास्त्री (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी)
1989 जगदीश कुशवाह (निर्दलीय)
1984, 1980 ज़ैनुल बशर (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
1977 गौरी शंकर राय (जनता पार्टी)
1971, 1967 सरजू पांडे (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी)
1962 वी. एस. गहमरी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)
1957,1952 हर प्रसाद सिंह (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस)