Lok Sabha Elections 2024: भारतीय जनता पार्टी (BJP) सोशल मीडिया कैंपेनिंग में नंबर एक मानी जाती है. लेकिन आगामी चुनावों को लेकर नए यूजर्स को अपने साथ जोड़ने के मामले में ये अन्य पार्टियों से पीछे दिख रही है. हालांकि, ओवरऑल कैंपेनिंग में भाजपा अभी भी आगे है, लेकिन जब बात नए यूजर्स को अपने साथ जोड़ने की हो तो आम आदमी पार्टी (AAP), कांग्रेस आगे हैं.
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स इलेक्शन कैंपेनिंग का एक मुख्य हथियार बना हुआ है. 2014 के आम चुनाव के बाद से पार्टियों को या फिर राज्य या केंद्र की सरकार को अपनी योजनाओं या उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाने की बात हो या फिर चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के प्रचार की, हर मामले में सोशल मीडिया पार्टियों के लिए कारगर साबित हुई है.
कई मौकों पर पार्टियों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए किसी विभिन्न मुद्दों पर पोल्स के जरिए जनता से राय भी मांगती है और इसी राय के आधार पर कभी-कभी निर्णय भी लेने की बात कही जाती है. इंडिया टुडे ने भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और इनके नेताओं के सोशल मीडिया पेज का एनलिसिस किया है. एनालिसिस साल से शुरुआती तीन महीनों का है.
मौजूदा लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस भाजपा और कांग्रेस के बाद तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है. एनालिसिस में सामने आया है कि तीसरी सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद न तो TMC और न ही उनके नेता... सोशल मीडिया पेज पर कम ही एक्टिव रहते हैं. इसके मुकाबले भाजपा और कांग्रेस पार्टी और उनके नेता लगातार सोशल मीडिया पेज पर एक्टिव रहते हैं. भाजपा और कांग्रेस, दोनों एक दूसरे के खिलाफ सोशल मीडिया पेज के जरिए कैंपेन भी चलाते हैं.
एनालिटिक्स फर्म सोशल ब्लेड के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर भाजपा और कांग्रेस ने साल के शुरुआती तीन महीने में अच्छी ग्रोथ की है. भाजपा ने जनवरी और फरवरी में 60-60 हजार फॉलोवर्स जोड़े, जबकि अकेले मार्च में पार्टी ने 1.7 फॉलोवर्स जोड़े हैं. भाजपा के बाद इस मामले में कांग्रेस दूसरे नंबर पर है. जनवरी में कांग्रेस ने 59 हजार, फरवरी में 70 हजार और मार्च में 1.08 लाख फॉलोवर्स जोड़े. वहीं, ममता बनर्जी की TMC ने साल के शुरुआती तीनों महीने में 9400 नए फॉलोवर्स ही जोड़ पाई.
अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर काफी पीछे दिख रही है. आलम ये है कि जनवरी में AAP के करीब 1200 फॉलोअर्स कम हो गए थे. हालांकि, AAP का यूट्यूब पर कमाल का प्रदर्शन रहा है. पार्टी ने यूट्यूब चैनल पर नए सब्सक्राइबर्स को जोड़ने में काफी बेहतर किया है. AAP के अलावा, कांग्रेस का भी प्रदर्शन मजबूत हुआ है. वहीं, भाजपा का प्रदर्शन आम आदमी पार्टी से कम तो कांग्रेस से बेहतर रहा है.
साल के शुरुआती तीन महीनों में AAP ने यूट्यूब पर 5.9 लाख नए सब्सक्राइबर्स जोड़े. सबसे खास बात ये कि इनमें 3.6 लाख सब्सक्राइबर्स तो मार्च में जुड़े हैं. इसके बाद भाजपा ने जनवरी, फरवरी और मार्च में यूट्यूब पर 5.3 लाख नए सब्सक्राइबर्स को जोड़ा, जबकि कांग्रेस इन तीन महीनों में 5 लाख सब्सक्राइबर्स की जोड़ पाई . ममता बनर्जी की टीएमसी की हालत तो काफी खराब रही. पार्टी ने 90 दिनों में 28 हजार सब्सक्राइबर्स को जोड़ा.
भले ही सब्सक्राइबर्स जोड़ने के मामले में भाजपा दो नंबर पर हो, लेकिन व्यूज के मामले में पार्टी सबसे आगे है. शुरुआती तीन महीनों में भाजपा के वीडियोज पर 43 करोड़, जबकि आम आदमी पार्टी के व्यूज पर 30.78 करोड़ और कांग्रेस के वीडियोज पर 16.63 करोड़ व्यूज मिले. ममता बनर्जी की टीएमसी के यूट्यूब चैनल पर पोस्ट किए गए वीडियोज को 9.3 करोड़ व्यूज मिले.
इंस्टाग्राम को युवाओं का अड्डा माना जाता है. बात फेमस होने की हो या फिर रील्स देखने की, इंस्टाग्राम यूथ्स के बीच काफी लोकप्रिय है. इसी कारण देश की राजनीतिक पार्टियों ने फर्स्ट टाइम वोर्टस समेत यूथ्स को अपने साथ जोड़ने के लिए सबसे ज्यादा फोकस इंस्टाग्राम पर ही कर रही है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय पार्टियों ने दिसंबर 2023 से लेकर मार्च 2024 तक सबसे ज्यादा खर्च इंस्टाग्राम पर किया है.
इंस्टाग्राम पर नए फॉलोवर्स जोड़ने के मामले में बाजी कांग्रेस के हाथ लगी है. शुरुआती तीन महीने में कांग्रेस ने अपने इंस्टा पेज पर 13.2 लाख, भाजपा ने 8.5 लाख और आम आदमी पार्टी से ने 2.3 लाख नए फॉलोअर्स जोड़े. वहीं, टीएमसी के इंस्टा पेज पर मात्र 6 हजार फॉलोवर्स बढ़े हैं.
पार्टियों के नेताओं की बात की जाए तो सोशल मीडिया पर कैंपेनिंग, नए फॉलोवर्स जोड़ने, लाइक्स और व्यूज के मामले में पीएम मोदी सबसे आगे हैं. नरेंद्र मोदी के आसपास भी कोई अन्य नेता नहीं है. पीएम मोदी के एक्स अकाउंट पर तीन महीनों में 26 लाख नए फॉलोअर्स बढ़े हैं. उनके मुकाबले राहुल गांधी के 5 लाख और अरविंद केजरीवाल के 1 लाख, जबकि ममता बनर्जी के 52 हजार फॉलोवर्स बढ़े हैं.
पीएम मोदी को इंस्टा पर करीब 8.8 करोड़ यूजर्स फॉलो करते हैं. पीएम मोदी के इंस्टा पेज पर इन 90 दिनों में 1365 पोस्ट की गईं, जबकि राहुल गांधी के पेज पर मात्र 187 और केजरीवाल के पेज पर 270 पोस्ट की गईं.
यूट्यूब पर भी पीएम मोदी के वीडियोज को शुरुआती 3 महीनों में 47.7 करोड़ व्यूज मिले हैं, जो राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के वीडियो पर मिले व्यूज से दोगुना है. हालांकि, इन तीन महीनों में पीएम मोदी के यूट्यूब चैनल पर 2.4 लाख सब्सक्राइबर्स जुड़े, जबकि इस दौरान राहुल गांधी के यूट्यूब चैनल पर 50 लाख सब्सक्राइबर्स बढ़े हैं.