Lok Sabha election 2024: आगामी लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने बड़ा एक्शन किया है. पहले चरण की वोटिंग से पहले चुनाव आयोग ने 4600 करोड़ रुपये जब्त किए हैं. ये पैसे वोटर्स को लुभाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले थे. चुनाव आयोग (ईसीआई) ने सोमवार को 2024 के लोकसभा चुनावों में इस्तेमाल किए जाने वाले अवैध पैसों की रिकॉर्ड जब्ती की घोषणा की. 1 मार्च से 13 अप्रैल के बीच नकदी, ड्रग्स, शराब, कीमती धातुओं और मुफ्त वस्तुओं में 4,650 करोड़ रुपये की बरामदगी हुई जो 2019 के चुनाव के दौरान जब्त किए गए पैसों से 34 फीसदी ज्यादा हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान इसी समय देश भर से जब्ती की गई थी. इस बार के चुनाव में सारे रिकॉर्ड टूट गए हैं. नकदी पैसे में 114% की वृद्धि देखी गई, जबकि शराब भी पिछली बार से काफी ज्यादा मात्रा में जब्त किए गए हैं. मूल्य के हिसाब से सबसे अधिक वृद्धि नशीली दवाओं की जब्ती में हुई है.
चुनाव आयोग के पैनल ने सोमवार को एक प्रेस नोट में कहा कि प्रवर्तन एजेंसियों ने 18वीं लोकसभा चुनाव के लिए शुक्रवार को पहले चरण का मतदान शुरू होने से पहले ही धनबल के खिलाफ ईसीआई की दृढ़ लड़ाई में 4,650 करोड़ रुपये से अधिक की रिकॉर्ड जब्ती की है. आयोग ने प्रवर्तन में वृद्धि का श्रेय चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली (ईएसएमएस) जैसी उन्नत प्रौद्योगिकी की तैनाती और केंद्र और राज्य दोनों स्तरों पर कई प्रवर्तन एजेंसियों के सहयोग को दिया.
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के हवाले से बयान में कहा गया कि जब्तियां विशेष रूप से छोटे और कम संसाधन वाले दलों के पक्ष में 'समान अवसर' के लिए प्रलोभनों पर नजर रखने और चुनावी कदाचार पर अंकुश लगाने के लिए ईसीआई की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं. चुनाव आयोग ने कहा कि साल की शुरुआत में सतर्कता के प्रयास चल रहे थे और जनवरी और फरवरी में देश भर में कुल 7,502 करोड़ रुपये की नकदी, शराब, ड्रग्स, कीमती धातुएं और मुफ्त सामान जब्त किए गए.
सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में सबसे अधिक जब्ती राजस्थान में दर्ज की गई. यहां से 778 करोड़ रुपये जब्त किए गए. इसके बाद गुजरात में 605 करोड़ और तमिलनाडु में 460 करोड़ की जब्ती दर्ज की गई. पंजाब में कुल 311.84 करोड़ की जब्ती दर्ज की गई. यहां जब्त की गई वस्तुओं में 90 फीसदी नशीली दवाएं शामिल हैं.
एजेंसी ने कहा कि वह नशीली दवाओं से संबंधित बरामदगी पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है. नशीली दवाओं की बरामदगी पर काफी ध्यान दिया गया, जो जनवरी और फरवरी 2024 में कुल बरामदगी का लगभग 75% है. दरअसल इस बार की तरह ही साल 2019 के चुनाव अभियान की इसी अवधि के दौरान जब्ती में ड्रग्स की कीमत सबसे अधिक थी.
चुनाव के दौरान जो कैश पैसे जब्त किए जाते हैं उसे आयकर विभाग को सौंप दिया जाता है. चुनाव के बाद व्यक्ति जब्त किया गए पैसों पर क्लेम कर सकता है, लेकिन उसे साबित करना होगा कि पैसे उसके ही हैं और इसे अवैध रूप ने नहीं कमाया गया है. वहीं शराब को नष्ट कर दिया जाता है.