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लोकसभा चुनाव में उतरी 'मर्द' पार्टी, महिलाओं से तंग आकर बनाया दल, मुद्दों में छिपा है 'दर्द'!

लोकसभा चुनाव 2024 में जातीय, धार्मिक और लैंगिक समीकरण तो साधे जा रहे हैं, पर किसी भी पार्टी ने 'मर्दों' के अधिकारों पर बात ही नहीं की है. अगर आपको भी ऐसा ही लगता है तो घबराएं नहीं, एक पार्टी सिर्फ आपके हक के लिए आ गई है.

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Edited By: India Daily Live
MARD
Courtesy: Social Media

भारत में महिला अधिकारों की बात तो खूब होती है लेकिन मर्दों की बात कोई नहीं करता है. सियासी पार्टियां, सिर्फ मर्दों के लिए ऐसा कोई मेनिफेस्टो नहीं तैयार करती हैं, जिसमें उनके दुख-दर्द मिटाने का जिक्र हो. अब देश में एक ऐसी भी पार्टी आ गई है, जो पुरुषों के अधिकारों की बात कर रही है. पार्टी का नाम मेरा अधिकार राष्ट्रीय दल (MARD) है. इसका गठन साल 2009 में कुछ परुषों के समूह ने की थी. पार्टी का नाम मेरा अधिकार राष्ट्रीय दल (MARD) है. ये उन मर्दों की पार्टी है, जो घरेलू हिंसा से जुड़े मामलों में उत्पीड़न का शिकार हुए हैं. इनका कहना है कि दहेज उन्मूलन अधिनियम और घरेलू हिंसा अधिनियम की वजह से इन्हें प्रताड़ना मिली है. 

अपनी स्थापना के वक्त से ही यह पार्टी पुरुषों के अधिकारों की बात करती रही है. अब तक यह पार्टी 7 चुनाव लड़ रही है. साल 2019 में भी इस पार्टी ने लोकसभा का चुनाव लड़ा था. पार्टी ने वाराणसी और लखनऊ में चुनाव लड़ा था, वहीं बांगरमउ में 2020 का उपचुनाव भी लडा था. बरेली, लखनऊ नॉर्थ, लखनऊ और चौरा चौरी से भी ये पार्टी चुनाव लड़ी है. 

प्रदर्शन शून्य लेकिन चुनाव जरूर लड़ेंगे!
इस पार्टी की खासियत यह भी रही कि जो भी लड़ा, उसकी जमानत तक नहीं बचा पाई. लगातार हार के बाद भी मर्द पार्टी के तेवर वैसे ही हैं. पार्टी ने 2024 के अखाड़े में लड़ने का फैसला कर लिया है. लखनऊ, गोरखपुर और रांची से इस पार्टी ने ताल ठोका है. इस पार्टी के संस्थापकों में से एक कपिल मोहन चौधरी लखनऊ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वे साल 1999 से ही दहेज उत्पीड़न के एक मामले का सामना कर रहे हैं, 25 साल बाद भी अब तक इस केस का निपटारा नहीं हो सका है. 

पत्नी पीड़ित पुरुषों की है ये पार्टी
कपिल मोहन चौधरी का कहना है कि उनकी पहली शादी से 2 बच्चे हैं. उनकी पत्नी ने उनसे, उनके बच्चे छीन लिए हैं. उन्होंने कहा, 'मुझे दहेज के गलत केस में फंसा दिया गया. मुझे घरेलू हिंसा का भी आरोपी बनाया गया. मुझे इन मामलों में फंसे और लोगों से मिलने का मौका मिला. मैंने तलाक ले लिया है लेकिन दहेज का केस अब तक चल रहा है.'

क्या चाहती है ये पार्टी?
कपिल मोहन चौधरी का कहना है कि पुरुषों के अधिकारों का दोहन हो रहा है. उन्होंने साल 2011 में फिर से शादी की लेकिन अब मर्दों के अधिकारों को लेकर चुनावी समर में उतर गए हैं. इस पार्टी की टैगलाइन है 'मर्द को दर्द होता है.' गोरखपुर से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मौजूदा सासंद रवि किशन के खिलाफ सोनू राय चुनावी मैदान में हैं. रांची से धनंजय कुमार चुनावी मैदान में हैं. 

क्या है इस पार्टी का मेनिफेस्टो?
पार्टी ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि यह पुरुष कल्याण मंत्रालय का गठन करेगा और नेशनल कमीशन फॉर मेन का गठन करेगा.  पार्टी ने वादा किया है कि अगर जीते तो पुरुष सुरक्षा विधेयक लेकर आएंगे, जिससे महिलाओं के हक में बने कानूनों से पुरुषों को प्रतिरक्षा मिल जाए. इस संगठन के लोग चाहते हैं कि परिवार कल्याण समिति का गठन हो, जिससे बच्चों की कस्टडी को लेकर भी प्रावधान तय किए जाएं. यह संगठन महिलाओं को भी अपनी पार्टी में शामिल कर सकता है. पार्टी को महिलाओं से परहेज नहीं है. पार्टी के संस्थापकों का कहना है कि हम किसी के खिलाफ नहीं हैं, हम केवल महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करना चाहते हैं.